नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे से कहा कि एक उच्च आय वाला देश बनने के प्रयास में लगे थिंपू के साथ साझेदारी करने के लिए नई दिल्ली प्रतिबद्ध है. दोनों नेताओं ने स्पष्ट किया कि भारत और भूटान अपने 'असाधारण' संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मोदी-टोबगे वार्ता के दो दिनों बाद शनिवार को जारी एक संयुक्त बयान में दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-भूटान के बीच मौजूदा ऊर्जा साझेदारी को जलविद्युत ऊर्जा क्षेत्र से आगे विस्तारित करने पर सहमति जताई ताकि इसके अंतर्गत सौर और पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन को शामिल किया जा सके.
इसमें कहा गया है कि भूटान के लिए भारत की विकास सहायता बुनियादी ढांचे के विकास, 'विस्तृत रूप' में कनेक्टिविटी के निर्माण पर केंद्रित होगी जिसमें सड़क, रेल, हवाई और डिजिटल कनेक्टिविटी शामिल है.
बयान में कहा गया है कि बातचीत में मोदी ने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी के बारे में भूटान के राजा के दृष्टिकोण की सराहना की क्योंकि इससे भूटान और क्षेत्र में स्थायी रूप से आर्थिक समृद्धि आएगी, साथ ही भारत-भूटान आर्थिक और निवेश संबंध और मजबूत होंगे.
इसमें कहा गया है कि टोबगे ने भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की विकास सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया, जिसने देश के लोगों की सामाजिक-आर्थिक भलाई में 'अत्यधिक योगदान' दिया है.
टोबगे भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली पहुंचे. प्रधानमंत्री पद का कार्यभार जनवरी में संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. उनके आगमन के कुछ घंटों बाद मोदी-टोबगे वार्ता हुई.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने अपने 'मौजूदा दीर्घकालिक और असाधारण द्विपक्षीय संबंधों' को और मजबूत करने के अपने संकल्प की पुष्टि की. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत महामहिम राजा के दृष्टिकोण, लोगों की प्राथमिकताओं और भूटान की शाही सरकार के अनुरूप उच्च आय वाला राष्ट्र बनने की भूटान की कोशिश में साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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