नई दिल्ली: भारत को साइबर अपराध से मुक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में 'साइबर कमांडो' कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम के तहत देश में साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा केंद्रीय पुलिस संगठनों (सीपीओ) में प्रशिक्षित 'साइबर कमांडो' की एक विशेष शाखा स्थापित की जाएगी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने साइबर सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग बताया. उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना देश की प्रगति संभव नहीं है.
#WATCH | Delhi: During the 1st Foundation Day celebration of the Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C), Union Home Minister Amit Shah says, " i4c has issued more than 600 advisories. it has blocked various websites, social media pages, mobile apps and accounts used by… pic.twitter.com/zinXTwF1Wm
— ANI (@ANI) September 10, 2024
दिल्ली में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के प्रथम स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर अपराध की कोई सीमा नहीं है, इसलिए सभी हितधारकों को इस खतरे से निपटने के लिए एक साथ आना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि साइबर सुरक्षा के बिना इस समय राष्ट्र का विकास असंभव है. प्रौद्योगिकी मानवता के लिए वरदान है. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का काफी हद तक उपयोग किया जा रहा है, लेकिन साथ ही, हम प्रौद्योगिकी के कारण कई खतरे भी देख रहे हैं. साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है. साइबर सुरक्षा के बिना हम अपने देश को सुरक्षित नहीं कर पाएंगे. I4C जैसे प्लेटफॉर्म इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
#WATCH | Delhi: During the 1st Foundation Day celebration of the Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C), Union Home Minister Amit Shah says, " from 10th september onwards, i4c is starting a people awareness campaign across the country. through more than 72 channels, 190 fm… pic.twitter.com/tZ1klSfNOB
— ANI (@ANI) September 10, 2024
उन्होंने आगे कहा कि सरकार साइबर अपराध से निपटने के लिए अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित और तैयार करने की योजना बना रही है. शाह ने कहा कि अगर राज्य साइबर संदिग्ध रजिस्ट्री बनाते हैं तो इसकी अपनी सीमाएं होंगी, लेकिन साइबर अपराधियों की पहुंच की कोई सीमा नहीं है. इसलिए, राष्ट्रीय स्तर पर संदिग्ध रजिस्ट्री की जरूरत है जिसमें सभी राज्य शामिल हों. इससे भविष्य में अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी. 10 सितंबर से I4C पूरे देश में जन जागरूकता अभियान शुरू कर रहा है. 72 से अधिक चैनलों, 190 एफएम चैनलों और कई अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से हम इस अभियान को लोकप्रिय बनाने की कोशिश करेंगे. यह अभियान तब तक सफल नहीं होगा जब तक कि पीड़ितों को यह पता न हो कि कैसे बचना है. उन्होंने कहा, 1930 नंबर जितना लोकप्रिय होगा, यह उतना ही प्रभावी होगा. इस अवसर पर उन्होंने सभी राज्य सरकारों से भी इस अभियान में शामिल होने की अपील की.
#WATCH | Delhi: Union Home Minister Amit Shah addresses the 1st Foundation Day celebration of the Indian Cybercrime Coordination Centre (I4C)
— ANI (@ANI) September 10, 2024
He says, " without cybersecurity, the development of the nation is impossible at this point. technology is a blessing to… pic.twitter.com/DdyiMDFFvu
साइबरस्पेस को सुरक्षित बनाने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आई4सी ने 600 से अधिक परामर्श जारी किए हैं. इसने साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न वेबसाइटों, सोशल मीडिया पेजों, मोबाइल ऐप और खातों को ब्लॉक कर दिया है. बता दें, गृह मंत्रालय की I4C शाखा की स्थापना 5 अक्टूबर, 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (CIS प्रभाग) के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य देश भर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना था.