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स्वतंत्रता दिवस 2024: पीएम मोदी ने राजनीति में परिवारवाद खत्म करने पर दिया जोर, भाई-भतीजावाद से लड़ने का आह्वान - PM Modi on Independence Day

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By ANI

Published : Aug 15, 2024, 1:44 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने राजनीतिक परिदृश्य को बदलने के लिए भाई-भतीजावाद की राजनीति और परिवारवाद की राजनीति को खत्म करने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने युवाओं की एक नई पीढ़ी को राजनीति में आने को भी कहा.

PM Modi's speech on Independence Day
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन (फोटो - ANI Photo)

नई दिल्ली: भाई-भतीजावाद की संस्कृति के खिलाफ़ एक व्यापक प्रहार करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण के दौरान "वंशवाद मुक्त राजनीतिक परिदृश्य" की बात की, साथ ही उन्होंने उन लोगों को देश की राजनीतिक प्रणाली में शामिल करने का आह्वान किया, जिनके परिवार में कोई राजनीतिक विरासत नहीं है.

गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में शामिल करने की बात कही, जिनकी कोई राजनीतिक विरासत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य "भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों" से लड़ना और भारत की राजनीति में नए लोगों को शामिल करना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि "भारत के लोकतंत्र को 'परिवारवाद' और 'जातिवाद' की बुराइयों से कमजोर किया जा रहा है. हमारे राजनीतिक परिदृश्य को वंशवादी शासन की पकड़ से मुक्त करना आवश्यक है! हमारा मिशन नेताओं की एक नई पीढ़ी को सशक्त बनाना है - एक लाख युवा व्यक्ति जिनके परिवार में कोई राजनीतिक विरासत नहीं है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम चाहते हैं कि राजनीति में बिना किसी पारिवारिक संबंध वाले युवा आगे आएं, नेतृत्व करें और लोगों का प्रतिनिधित्व करें." प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी अप्रत्यक्ष हमला किया और कहा कि हालांकि देश एक ही संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोग प्रगति को "बर्दाश्त" नहीं कर सकते.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो. वे अराजकता चाहते हैं. देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है."

उन्होंने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति पैदा हुई है. पीएम मोदी ने कहा कि "लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे, हमें मौका मिला और हमने बड़े सुधार लागू किए. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ संपादकीय तक सीमित नहीं है, हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए हैं."

उन्होंने आगे कहा कि "हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे नई चीजें हासिल करने के लिए छलांग लगाना चाहते हैं और वे बड़ी छलांग लगाना चाहते हैं. यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है." उन्होंने कहा कि "हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए. हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे." प्रधानमंत्री ने देश से 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि 40 करोड़ भारतीयों ने दशकों पहले अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था. पीएम मोदी ने कहा कि देश बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. ऐसी और भी चुनौतियां आएंगी. पीएम मोदी ने कहा कि "मैं ऐसी ताकतों से कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए खतरा नहीं है. दुनिया को भारत के विकास को देखकर चिंता नहीं करनी चाहिए."

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश की प्रगति कभी भी दूसरों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि "युद्ध हमारा रास्ता नहीं है. हम बुद्ध का देश हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद हमें आगे बढ़ना चाहिए. क्या कोई सोच सकता है कि लोग खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं? जो लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, वे चिंता का विषय हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर जोर दिया और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए भारत दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है.

उन्होंने कहा कि "हमें कृषि क्षेत्र में सुधार करने की आवश्यकता है. आज हम आसान ऋण, तकनीक और उपज का मूल्यांकन दे रहे हैं. हम जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों के आभारी हैं. इस बार बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजनाओं के साथ बहुत बड़ा प्रावधान किया है. आज अगर दुनिया के लिए जैविक खाद्य की कोई खाद्य टोकरी बनाई जा सकती है, तो वह मेरा देश हो सकता है, जिसे हमारे किसान बना सकते हैं."

उन्होंने कहा कि "हम दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकते हैं. हमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए." प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति बढ़ी है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में यथास्थिति का माहौल था जिसे तोड़ने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि "लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे, हमें मौका मिला और हमने बड़े सुधार लागू किए. सुधार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता संपादकीय तक सीमित नहीं है, हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए हैं. इससे आत्मविश्वास बढ़ा है. हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे नई चीजें हासिल करने के लिए छलांग लगाना चाहते हैं, वे बड़ी छलांग लगाना चाहते हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है." उन्होंने कहा कि "हमें इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए. हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे." प्रधानमंत्री ने देश से 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि दशकों पहले 40 करोड़ भारतीयों ने अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था.

पीएम मोदी ने कहा कि "आजादी से पहले 40 करोड़ भारतीयों ने साहस, समर्पण और बहादुरी का परिचय दिया और एक ही आदर्श के साथ आगे बढ़े और तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद औपनिवेशिक शासन की बेड़ियां तोड़ दीं. उनका एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था. अगर 40 करोड़ भारतीय ऐसा कर सकते हैं, तो मेरे परिवार के 140 करोड़ भारतीय चमत्कार कर सकते हैं, अगर वे एक संकल्प लें तो तमाम चुनौतियों के बावजूद हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा कि "अब समय आ गया है कि हम विकसित भारत 2047 के लिए जियें और भारतवासी दृढ़ संकल्पित हैं. हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है. यह भारतीयों का दृढ़ संकल्प है, जो मेरे संकल्प को आगे बढ़ा रहा है. भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सकता है. एक समय था जब लोग करो या मरो की नीति अपनाते थे और हमें आजादी मिल गई और अब हमें उस राष्ट्र के लिए जीने की ताकत रखनी चाहिए, जो एक मजबूत भारत बना सके."

लाल किले पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पहले पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने सफेद कुर्ता और नीली कोटी पहन रखी थी और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहना हुआ था.

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नई दिल्ली: भाई-भतीजावाद की संस्कृति के खिलाफ़ एक व्यापक प्रहार करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण के दौरान "वंशवाद मुक्त राजनीतिक परिदृश्य" की बात की, साथ ही उन्होंने उन लोगों को देश की राजनीतिक प्रणाली में शामिल करने का आह्वान किया, जिनके परिवार में कोई राजनीतिक विरासत नहीं है.

गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में शामिल करने की बात कही, जिनकी कोई राजनीतिक विरासत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य "भाई-भतीजावाद और जातिवाद की बुराइयों" से लड़ना और भारत की राजनीति में नए लोगों को शामिल करना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि "भारत के लोकतंत्र को 'परिवारवाद' और 'जातिवाद' की बुराइयों से कमजोर किया जा रहा है. हमारे राजनीतिक परिदृश्य को वंशवादी शासन की पकड़ से मुक्त करना आवश्यक है! हमारा मिशन नेताओं की एक नई पीढ़ी को सशक्त बनाना है - एक लाख युवा व्यक्ति जिनके परिवार में कोई राजनीतिक विरासत नहीं है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम चाहते हैं कि राजनीति में बिना किसी पारिवारिक संबंध वाले युवा आगे आएं, नेतृत्व करें और लोगों का प्रतिनिधित्व करें." प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी अप्रत्यक्ष हमला किया और कहा कि हालांकि देश एक ही संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, लेकिन कुछ लोग प्रगति को "बर्दाश्त" नहीं कर सकते.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो. वे अराजकता चाहते हैं. देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है."

उन्होंने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति पैदा हुई है. पीएम मोदी ने कहा कि "लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे, हमें मौका मिला और हमने बड़े सुधार लागू किए. सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ संपादकीय तक सीमित नहीं है, हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए हैं."

उन्होंने आगे कहा कि "हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे नई चीजें हासिल करने के लिए छलांग लगाना चाहते हैं और वे बड़ी छलांग लगाना चाहते हैं. यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है." उन्होंने कहा कि "हमें इस अवसर को जाने नहीं देना चाहिए. हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे." प्रधानमंत्री ने देश से 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि 40 करोड़ भारतीयों ने दशकों पहले अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था. पीएम मोदी ने कहा कि देश बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. ऐसी और भी चुनौतियां आएंगी. पीएम मोदी ने कहा कि "मैं ऐसी ताकतों से कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए खतरा नहीं है. दुनिया को भारत के विकास को देखकर चिंता नहीं करनी चाहिए."

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देश की प्रगति कभी भी दूसरों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि "युद्ध हमारा रास्ता नहीं है. हम बुद्ध का देश हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद हमें आगे बढ़ना चाहिए. क्या कोई सोच सकता है कि लोग खुलेआम भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं? जो लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, वे चिंता का विषय हैं."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर जोर दिया और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की और कहा कि विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए भारत दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकता है.

उन्होंने कहा कि "हमें कृषि क्षेत्र में सुधार करने की आवश्यकता है. आज हम आसान ऋण, तकनीक और उपज का मूल्यांकन दे रहे हैं. हम जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों के आभारी हैं. इस बार बजट में हमने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ी योजनाओं के साथ बहुत बड़ा प्रावधान किया है. आज अगर दुनिया के लिए जैविक खाद्य की कोई खाद्य टोकरी बनाई जा सकती है, तो वह मेरा देश हो सकता है, जिसे हमारे किसान बना सकते हैं."

उन्होंने कहा कि "हम दुनिया की जैविक खाद्य टोकरी बन सकते हैं. हमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए." प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और उनमें बड़ी छलांग लगाने की इच्छाशक्ति बढ़ी है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में यथास्थिति का माहौल था जिसे तोड़ने की जरूरत है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि "लोग सुधारों का इंतजार कर रहे थे, हमें मौका मिला और हमने बड़े सुधार लागू किए. सुधार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता संपादकीय तक सीमित नहीं है, हमारे सुधार छोटी-मोटी प्रशंसा के लिए नहीं हैं, बल्कि देश को मजबूत बनाने के लिए हैं. इससे आत्मविश्वास बढ़ा है. हमारे युवाओं के लिए अब कई रास्ते खुले हैं. युवा अब धीरे-धीरे नहीं चलना चाहते, वे नई चीजें हासिल करने के लिए छलांग लगाना चाहते हैं, वे बड़ी छलांग लगाना चाहते हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "यह भारत के लिए स्वर्णिम युग है." उन्होंने कहा कि "हमें इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए. हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे." प्रधानमंत्री ने देश से 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि दशकों पहले 40 करोड़ भारतीयों ने अंग्रेजों को भगाने के लिए ताकत और साहस दिखाया था.

पीएम मोदी ने कहा कि "आजादी से पहले 40 करोड़ भारतीयों ने साहस, समर्पण और बहादुरी का परिचय दिया और एक ही आदर्श के साथ आगे बढ़े और तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद औपनिवेशिक शासन की बेड़ियां तोड़ दीं. उनका एकमात्र लक्ष्य स्वतंत्रता था. अगर 40 करोड़ भारतीय ऐसा कर सकते हैं, तो मेरे परिवार के 140 करोड़ भारतीय चमत्कार कर सकते हैं, अगर वे एक संकल्प लें तो तमाम चुनौतियों के बावजूद हम 2047 तक विकसित भारत बना सकते हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा कि "अब समय आ गया है कि हम विकसित भारत 2047 के लिए जियें और भारतवासी दृढ़ संकल्पित हैं. हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है. यह भारतीयों का दृढ़ संकल्प है, जो मेरे संकल्प को आगे बढ़ा रहा है. भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सकता है. एक समय था जब लोग करो या मरो की नीति अपनाते थे और हमें आजादी मिल गई और अब हमें उस राष्ट्र के लिए जीने की ताकत रखनी चाहिए, जो एक मजबूत भारत बना सके."

लाल किले पर आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए पहले पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने सफेद कुर्ता और नीली कोटी पहन रखी थी और पारंपरिक बहुरंगी साफा पहना हुआ था.

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