देहरादून: देश के लाखों युवा हैं जो अपने भविष्य के लिए अपना लक्ष्य तय करते हैं, फिर उस लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करते हुए सफलता भी पाते हैं. भारतीय सैन्य अकादमी में पहुंचने वाले हर कैडेट का अपना एक संघर्ष है. इस संघर्ष की बदौलत वह अपने सपनों को भी साकार कर पा रहे हैं. इन्हीं में से एक फरीदाबाद के रहने वाले अर्पित यादव भी हैं. अर्पित यादव वैसे तो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, लेकिन वह अपने परिवार के साथ लंबे समय से फरीदाबाद में ही रह रहे हैं. भले ही आज अर्पित यादव सेना में एक अफसर के तौर पर शामिल हो गए हो लेकिन अर्पित स्कूल के समय से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे.
ऐसा नहीं है कि अर्पित ने आईएएस अधिकारी बनने के रास्ते को आसानी से छोड़ दिया. अर्पित यादव ने काफी समय तक यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की. अपने आईएएस अधिकारी बनने के सपने को साकार करने का प्रयास जारी रखा, लेकिन, इस बीच परिवार के सदस्यों से सेना में जाने को लेकर उन्हें जो मोटिवेशन मिला उससे उनकी राह बदल गई.
भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होने वाले अर्पित यादव कहते हैं अपने प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अकादमी में किसी भी तरह की कोई कठिनाई नहीं आई. जिस तरह एक बेहतर सैन्य अधिकारी के लिए कठिन प्रशिक्षण होना चाहिए इस तरह का प्रशिक्षण अकादमी में भी दिया गया है. उन्होंने कहा एक अफ़सर बनने के लिए कठित ट्रेनिंग होनी ही चाहिए, ताकि भविष्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाला कैडेट मजबूत बन सके. अपनी क्षमताओं को भी जान पाए. अर्पित यादव ने भारतीय सैन्य अकादमी में डायरेक्ट एंट्री की. साल 2023 जनवरी में उन्होंने अकादमी को ज्वाइन किया. इस दौरान अकादमी में होने वाले विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों में हिस्सा लेते हुए अपना सबसे बेहतर देने की भी कोशिश की.
इससे पहले अर्पित यादव ने अपनी पढ़ाई के दौरान यूपीएससी की परीक्षा के लिए तैयारी की थी. अर्पित यादव की मां बताती है कि अर्पित हमेशा से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहता था, लेकिन अर्पित ने अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए आईएएस अधिकारी बनने का सपना छोड़ते हुए सेना में अफ़सर बनने की ठान ली. अर्पित के पिता, ताऊजी, दादा और नाना भी सेना से जुड़े रहे हैं. ऐसे में उन्हें अपने परिवार से लगातार सेना में जाने के लिए प्रोत्साहन मिलता रहा. ऐसे में उन्होंने आखिरकार अपनी पारिवारिक परंपरा को आगे बढ़ने का फैसला लिया. सेना में जाने के लिए ग्रेजुएशन से ही तैयारी शुरू कर दी. अर्पित यादव की मां कहती हैं उन्हें आज गर्व महसूस हो रहा है. अर्पित की बहन कहती हैं अर्पित उन्हें भी बेहद ज्यादा मोटिवेट करता रहा है. फिलहाल, वह अपनी बीएससी नर्सिंग कर रही हैं. उन्हें हमेशा अर्पित का साथ मिलता रहा है.