नई दिल्ली: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हुई हत्या के बाद से पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. करीब 10 दिन से उन्होंने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है. लेकिन, राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
इसको लेकर देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर ध्यान देकर मामले को सुलझाने की अपील की थी. उसके बावजूद कोई समाधान न निकलने पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आऱवी अशोकन ने अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात की. साथ ही उनके आंदोलन को पूर्णतः समर्थन और सहयोग की बात कही.
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इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में आईएमए ने 15 अक्टूबर को देश भर के डॉक्टरों से सुबह छह से शाम छह बजे तक भूख हड़ताल करने का आह्वान किया है. इसको लेकर आईएमए अध्यक्ष आरवी अशोकन ने आईएमए की सभी राज्य इकाइयों के अध्यक्ष, राज्य सचिव, सभी स्थानीय शाखा अध्यक्ष, सचिव, सभी आईएमए मुख्यालय पदाधिकारियों और सभी पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी इस संबंध में सूचित किया है.
पत्र में लिखा गया है कि कोलकाता के युवा डॉक्टर अपनी जायज मांगों को लेकर आमरण अनशन पर हैं. वे अपने उपवास के 9वें दिन पर हैं. उनमें से तीन डॉक्टरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आंदोलन को जनता का समर्थन प्राप्त है. आईएमए बंगाल राज्य सक्रिय रूप से राज्य अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार दत्ता और राज्य सचिव डॉ शांतनु सेन के नेतृत्व में युवा डॉक्टरों का समर्थन कर रहा है.
आईएमए बंगाल ने सभी स्थानीय शाखाओं में रविवार को भूख हड़ताल का आयोजन करके एकजुटता की घोषणा की है. आईएमए एक्शन कमेटी के अध्यक्ष डा. विनय अग्रवाल ने बताया कि इस मुद्दे पर एक्शन कमेटी ने भी चर्चा की और आंदोलन का समर्थन करने का फैसला किया है. इससे मंगलवार को जूनियर डॉक्टरों के 12 घंटे की भूख हड़ताल पर होने से मरीजों को इलाज में परेशानी होने की संभावना बढ़ गई है.
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