सूरत (गुजरात): अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावों को लेकर चीन पर कटाक्ष करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और पूर्वोत्तर राज्य, भारत का हिस्सा है और रहेगा.
गुजरात में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, 'अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और हमेशा रहेगा. नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता है.' विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात है...'
हाल ही में चीन एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश राज्य पर अपना दावा पेश किया है. चीनी रक्षा मंत्रालय ने भारतीय राज्य को 'जंगनान-चीन के क्षेत्र का एक अंतर्निहित हिस्सा' करार देते हुए कहा कि बीजिंग भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित 'तथाकथित अरुणाचल प्रदेश' को कभी स्वीकार नहीं करता है और दृढ़ता से विरोध करता है.'
इसके बाद भारत ने एक बार फिर 'बेतुके दावों' और 'निराधार तर्कों' को खारिज कर दिया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य 'भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा' है. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से 'लाभ मिलता रहेगा.'
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, 'हमने चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर बेतुके दावों संबंधी टिप्पणियों पर गौर किया है. इस संबंध में आधारहीन तर्क दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती है.' उन्होंने कहा कि 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा. इसके लोगों को हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा.'
चीन, जो अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है. वह अपने दावों को उजागर करने के लिए नियमित रूप से भारतीय नेताओं के राज्य के दौरों पर आपत्ति जताता है. बीजिंग ने इस क्षेत्र का नाम भी 'जंगनान' रखा है.