ETV Bharat / bharat

खत्म नहीं हो रहा IAS पूजा खेडकर का फर्जीवाड़ा...अब मेडिकल सर्टिफिकेट पर उठे सवाल, डॉक्टरों की भी होगी जांच - IAS Pooja Khedkar

IAS Pooja Khedkar Medical Certificate: प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर नई मुसीबत में फंस गई हैं. पूजा खेडकर द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच भी जांच होगी. विकलांगों के लिए आयुक्त कार्यालय ने खेडकर द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने के लिए पुणे पुलिस और जिला कलेक्ट्रेट को पत्र लिखा है.

IAS Pooja Khedkar Medical Certificate
प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 5:06 PM IST

पुणे/वाशिम: महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर मुश्किलों में घिरती जा रही हैं. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर दिव्यांगता और ओबीसी के फर्जी प्रमाणपत्र देने के मामले में फंसीं पूजा खेडकर से सोमवार देर रात वाशिम पुलिस ने पूछताछ की है. पुलिस टीम में उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलिमा अराज और दो अन्य अधिकारी शामिल थे. पूछताछ के लिए आए अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसलिए पूजा खेडकर से किस संबंध में पूछताछ की गई, यह पता नहीं चल पाया है. आईएएस पूजा खेडकर को पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था.

वहीं, पुणे पुलिस प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच में जुट गई है. 34 वर्षीय अधिकारी पूजा ने यूपीएससी को कई मेडिकल प्रमाणपत्र सौंपे थे, जिनमें से एक बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के प्रावधान के तहत दृष्टि दोष का संकेत देता है. पूजा पर सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए प्रमाणपत्रों में धोखाधड़ी करने का आरोप है. यह भी सामने आया है कि विवादास्पद ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने 2007 में एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विकलांगों के लिए आयुक्त कार्यालय ने खेडकर द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने के लिए पुणे पुलिस और जिला कलेक्ट्रेट को एक पत्र लिखा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें दिव्यांगों के लिए आयुक्त कार्यालय से एक पत्र मिला है. उन्होंने हमें पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है. हम इन प्रमाणपत्रों के बारे में तथ्यों की जांच करेंगे. उन्हें कहां से प्राप्त किया गया, किस डॉक्टर या अस्पताल ने उन्हें प्रमाणित किया, इसकी भी जांच की जाएगी.

दिव्यांग संगठनों की पूजा को बर्खास्त करने की मांग
इधर, दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र मामले में दिव्यांग संगठनों ने मांग की है कि पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें बर्खास्त किया जाए. इस संबंध में दिव्यांग संघ की ओर से दिव्यांग कल्याण आयुक्त को शिकायती आवेदन भी दिया गया.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की आईएएस के तौर पर उम्मीदवारी की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया. यह समिति दो सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. आईएएस अधिकारी की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी जांच करेंगे.

मेरे बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है...
आईएएस पूजा खेडकर ने अपने ऊपर उठ रहे सवालों को लेकर सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. वह निर्दोष हैं. उनके बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है. सरकार द्वारा जांच समिति बनाने पर उन्होंने कहा कि जो सच है, वह सबके सामने आएगा. समिति अपना काम करेगी. समिति की रिपोर्ट के बाद मैं खुद मीडिया को रिपोर्ट करूंगी.

यह भी पढ़ें- आईएएस पूजा खेडकर के माता-पिता फरार, फोन बंद, तलाश में जुटी पुणे पुलिस

पुणे/वाशिम: महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की प्रोबेशनरी आईएएस पूजा खेडकर मुश्किलों में घिरती जा रही हैं. सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर दिव्यांगता और ओबीसी के फर्जी प्रमाणपत्र देने के मामले में फंसीं पूजा खेडकर से सोमवार देर रात वाशिम पुलिस ने पूछताछ की है. पुलिस टीम में उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीलिमा अराज और दो अन्य अधिकारी शामिल थे. पूछताछ के लिए आए अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसलिए पूजा खेडकर से किस संबंध में पूछताछ की गई, यह पता नहीं चल पाया है. आईएएस पूजा खेडकर को पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था.

वहीं, पुणे पुलिस प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच में जुट गई है. 34 वर्षीय अधिकारी पूजा ने यूपीएससी को कई मेडिकल प्रमाणपत्र सौंपे थे, जिनमें से एक बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) के प्रावधान के तहत दृष्टि दोष का संकेत देता है. पूजा पर सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के लिए प्रमाणपत्रों में धोखाधड़ी करने का आरोप है. यह भी सामने आया है कि विवादास्पद ट्रेनी आईएएस अधिकारी ने 2007 में एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विकलांगों के लिए आयुक्त कार्यालय ने खेडकर द्वारा प्रस्तुत प्रमाणपत्रों को सत्यापित करने के लिए पुणे पुलिस और जिला कलेक्ट्रेट को एक पत्र लिखा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें दिव्यांगों के लिए आयुक्त कार्यालय से एक पत्र मिला है. उन्होंने हमें पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है. हम इन प्रमाणपत्रों के बारे में तथ्यों की जांच करेंगे. उन्हें कहां से प्राप्त किया गया, किस डॉक्टर या अस्पताल ने उन्हें प्रमाणित किया, इसकी भी जांच की जाएगी.

दिव्यांग संगठनों की पूजा को बर्खास्त करने की मांग
इधर, दिव्यांगता का फर्जी प्रमाण पत्र मामले में दिव्यांग संगठनों ने मांग की है कि पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें बर्खास्त किया जाए. इस संबंध में दिव्यांग संघ की ओर से दिव्यांग कल्याण आयुक्त को शिकायती आवेदन भी दिया गया.

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर की आईएएस के तौर पर उम्मीदवारी की जांच करने के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया. यह समिति दो सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. आईएएस अधिकारी की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी जांच करेंगे.

मेरे बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है...
आईएएस पूजा खेडकर ने अपने ऊपर उठ रहे सवालों को लेकर सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. वह निर्दोष हैं. उनके बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है. सरकार द्वारा जांच समिति बनाने पर उन्होंने कहा कि जो सच है, वह सबके सामने आएगा. समिति अपना काम करेगी. समिति की रिपोर्ट के बाद मैं खुद मीडिया को रिपोर्ट करूंगी.

यह भी पढ़ें- आईएएस पूजा खेडकर के माता-पिता फरार, फोन बंद, तलाश में जुटी पुणे पुलिस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.