नई दिल्ली: अधिकांश लोग ट्रेन की टिकट बुक करते वक्त नीचे वाली सीट बुक करते हैं, क्योंकि लोअर सीट पर आसानी से उठा-बैठा जा सकता है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो हमेशा साइड वाली लोअर बर्थ को बुक करते हैं. साइड बर्थ लंबी दूरी वाले ट्रेनों में आरामदायक सफर का एक्सपीरियंस देती है.
लेकिन क्या आप जानते हैं ट्रेन में लोअर बर्थ कैसे और किसे मिलती है? अगर नहीं तो आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से लोअर सीट की टिकट खरीद सकते हैं.
बता दें कि भारतीय रेलवे स्लीपर क्लास की लोअर बर्थ ज्यादातर बुजुर्गों को देता है. इन लोगों में 60 साल से अधिक उम्र वाले पुरुष हैं और 58 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र की महिलाएं, प्रेग्नेंट महिलाएं और शारीरिक रूप से हैंडीकैप लोगों भी लोअर बर्थ मिल सकती है.
दिव्यांगों के लिए सीट रिजर्व
रेलवे बोर्ड के मुताबिक स्लीपर क्लास में दिव्यांगों के लिए चार सीटें रिजर्व रहती हैं. इनमें से दो सीटें नीचे की और दो सीटें बीच की होती हैं. वहीं, थर्ड एसी में दो सीटें और AC3 इकोनॉमी में भी दो सीटें हैंडीकैप के लिए रिजर्व होती हैं. इसके अलावा गरीब रथ ट्रेन में भी दिव्यांगों के लिए नीचे की ओर दो सीटें और ऊपर की 2 सीटें रिजर्व रहती हैं. हालांकि, इन सीटों के लिए दिव्यांगों को पूरा किराया पे करना होता है.
सीनियर सिटीजन के लिए लोअर बर्थ रिजर्व
बता दें कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों और 45 साल या उससे अधिक उम्र की महिला यात्रियों के लिए लगभग सभी ट्रेन की लोअर बर्थ रिजर्व रहती है. ट्रेन के हर कोच में सीनियर सिटीजन और महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व रखी जाती हैं.
अगर कोई महिला गर्भवती है, तो उसे लोअर बर्थ दी जाती है. इतना ही नहीं अगर किसी वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, या गर्भवती महिला को ऊपर की सीट मिल जाती है, तो वे ऑनबोर्ड टिकट चेकिंग के समय टीटीई से नीचे की सीट मांग सकते हैं.
लोअर बर्थ सीट कैसे करें बुक
अगर आप सीनियर सिटीजन कौटेगरी में नहीं आते हैं, लेकिन नीचे की बर्थ चाहते हैं, तो आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक करते समय लोअर बर्थ का ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं. ऐसे में अगर लोअर बर्थ खाली है तो आपको वह सीट मिल सकती है.
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