ETV Bharat / bharat

PF अकाउंट होल्डर्स को पेंशन के लिए कितने साल करनी होगी सर्विस? जानें - PF Account

Pension To PF Account Holders: प्राइवेट कर्मियों के लिए PF अकाउंट में निवेश करना एक शानदार विकल्प होता है. इसमें न सिर्फ शानदार रिटर्न मिलता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद पीएफ अकाउंट होल्डर्स पेंशन भी मिलती है.

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2024, 4:39 PM IST

PF अकाउंट होल्डर्स को पेंशन के लिए कितने साल करनी होगी सर्विस?
PF अकाउंट होल्डर्स को पेंशन के लिए कितने साल करनी होगी सर्विस? (Getty Images)

नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लगभग सभी कर्मचारी अपनी कमाई का कुछ न कुछ हिस्सा सेव करने की कोशिश करता है. इसके के लिए वे पैसे को ऐसी जगह इंवेस्ट करते हैं, जहां से उन्हें अच्छा रिटर्न सके और उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक परेशानी से न जूझना पड़े.

ऐसे में प्राइवेट कर्मियों के लिए PF अकाउंट सबसे अच्छा विकल्प होता है, क्योंकि इसमें न सिर्फ शानदार रिटर्न मिलता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद पीएफ अकाउंट होल्डर्स पेंशन भी मिलती है. बता दें कि पीएफ अकाउंट होल्डर्स को EPS-95 के तहत पेंशन का लाभ दिया जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं. इन शर्तों को पूरा करना के बाद ही पीएफ अकाउंट होल्डर्स को पेंशन मिल सकती है.

कब शुरू हुई थी कर्मचारी पेंशन स्कीम
कर्मचारी पेंशन योजना 19 नवंबर 1995 को शुरू हुई थी. इसका मकसद संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों के रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करना है. यह योजना 58 साल की आयु तक पहुंचने वाले पात्र कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देती है.

PF अकाउंट होल्डर पेंशन के लिए कितने साल करनी होती है सर्विस
EPS-95 के तहत पेंशन का लाभ उठाने के लिए प्राइवेटकर्मियों को10 साल सर्विस करनी होती है. ईपीएफओ के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 10 साल नौकरी करता है तो वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है.

नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 9 साल 6 महीने तक सर्विस करता है तो उसे 10 साल के बराबर ही काउंट किया जाएगा. लेकिन अगर कोई कर्मचारी ने साढ़े 9 साल से कम नौकरी करता है, तो फिर सिर्फ 9 साल ही माना जाएगा. ऐसे में कर्मचारी को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, वह अकाउंट में जमा राशि को रिटायरमेंट की उम्र से पहले निकाल सकता है.

पीएफ कटौती का कैलकुलेशन
नियमों के मुताबिक हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी हिस्‍सा सैलरी से कट कर उसके PF अकाउंट में जमा होता रहता है. इसमें से कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है, जबकि इम्पलोयर का 8.33 प्रतिशत हिस्सा भी कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है.

अगर नौकरी में गैप हो जाए तो क्या होगा?
अब सवाल यह है कि अगर कोई कर्मचारी ने 5-5 साल के लिए दो अलग-अलग संस्थानों में काम करे या फिर उसने दोनों नौकरी के बीच गैप किया हो तो क्या हो? तो क्या उस कर्मचारी पेंशन मिलेगी? बता दें कि ऐसी स्थिति में नौकरी में गैप होने के बावजूद या अलग-अलग कंपनी में नौकरी के समय को जोड़कर 10 साल पूरा करने पर भी कर्मचारी को पेंशन का लाभ मिल सकता है.

हालांकि, कर्मचारी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह अलग-अलग कंपनी में काम करने के बाद भी अपना UAN नंबर न बदले. आप चाहें कितनी ही कंपनियों में काम करें लेकिन नौकरी के दौरान एक ही UAN नंबर का इस्तेमाल करें.

यह भी पढ़ें- इन PPF अकाउंट होल्डर्स को नहीं मिलेगा ब्याज, सरकार की नई गाइडलाइंस ने कर दिया 'खेला'

नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लगभग सभी कर्मचारी अपनी कमाई का कुछ न कुछ हिस्सा सेव करने की कोशिश करता है. इसके के लिए वे पैसे को ऐसी जगह इंवेस्ट करते हैं, जहां से उन्हें अच्छा रिटर्न सके और उन्हें रिटायरमेंट के बाद आर्थिक परेशानी से न जूझना पड़े.

ऐसे में प्राइवेट कर्मियों के लिए PF अकाउंट सबसे अच्छा विकल्प होता है, क्योंकि इसमें न सिर्फ शानदार रिटर्न मिलता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद पीएफ अकाउंट होल्डर्स पेंशन भी मिलती है. बता दें कि पीएफ अकाउंट होल्डर्स को EPS-95 के तहत पेंशन का लाभ दिया जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं. इन शर्तों को पूरा करना के बाद ही पीएफ अकाउंट होल्डर्स को पेंशन मिल सकती है.

कब शुरू हुई थी कर्मचारी पेंशन स्कीम
कर्मचारी पेंशन योजना 19 नवंबर 1995 को शुरू हुई थी. इसका मकसद संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों के रिटायरमेंट की जरूरतों को पूरा करना है. यह योजना 58 साल की आयु तक पहुंचने वाले पात्र कर्मचारियों को पेंशन की गारंटी देती है.

PF अकाउंट होल्डर पेंशन के लिए कितने साल करनी होती है सर्विस
EPS-95 के तहत पेंशन का लाभ उठाने के लिए प्राइवेटकर्मियों को10 साल सर्विस करनी होती है. ईपीएफओ के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 10 साल नौकरी करता है तो वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है.

नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 9 साल 6 महीने तक सर्विस करता है तो उसे 10 साल के बराबर ही काउंट किया जाएगा. लेकिन अगर कोई कर्मचारी ने साढ़े 9 साल से कम नौकरी करता है, तो फिर सिर्फ 9 साल ही माना जाएगा. ऐसे में कर्मचारी को पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि, वह अकाउंट में जमा राशि को रिटायरमेंट की उम्र से पहले निकाल सकता है.

पीएफ कटौती का कैलकुलेशन
नियमों के मुताबिक हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12 फीसदी हिस्‍सा सैलरी से कट कर उसके PF अकाउंट में जमा होता रहता है. इसमें से कर्मचारी का पूरा हिस्सा EPF में जाता है, जबकि इम्पलोयर का 8.33 प्रतिशत हिस्सा भी कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है.

अगर नौकरी में गैप हो जाए तो क्या होगा?
अब सवाल यह है कि अगर कोई कर्मचारी ने 5-5 साल के लिए दो अलग-अलग संस्थानों में काम करे या फिर उसने दोनों नौकरी के बीच गैप किया हो तो क्या हो? तो क्या उस कर्मचारी पेंशन मिलेगी? बता दें कि ऐसी स्थिति में नौकरी में गैप होने के बावजूद या अलग-अलग कंपनी में नौकरी के समय को जोड़कर 10 साल पूरा करने पर भी कर्मचारी को पेंशन का लाभ मिल सकता है.

हालांकि, कर्मचारी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह अलग-अलग कंपनी में काम करने के बाद भी अपना UAN नंबर न बदले. आप चाहें कितनी ही कंपनियों में काम करें लेकिन नौकरी के दौरान एक ही UAN नंबर का इस्तेमाल करें.

यह भी पढ़ें- इन PPF अकाउंट होल्डर्स को नहीं मिलेगा ब्याज, सरकार की नई गाइडलाइंस ने कर दिया 'खेला'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.