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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर घमासान, विपक्ष ने सरकार को घेरा - opposition attacks government

Hindenburg report opposition Congress Trinamool attacks government: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया. विपक्ष सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

Jairam Ramesh Mahua Moitra
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा (ANI)
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By ANI

Published : Aug 11, 2024, 11:39 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग की है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने यह हमला शनिवार को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक नई रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद किया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, 'अडाणी घोटाले की जांच में सेबी की अनिच्छा लंबे समय से देखी जा रही थी.'.

अमेरिकी आधारित कंपनी ने शनिवार 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी थी. अमेरिकी आधारित कंपनी ने शनिवार, 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की 'अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात विदेशी कंपनियों संस्थाओं' में हिस्सेदारी थी.'

तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'असली अडाणी शैली में सेबी अध्यक्ष भी उनके समूह में एक निवेशक हैं. क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है. क्या आप पीओसीए (POCA) और पीएमएलए (PMLA) मामले दर्ज करेंगे या नहीं?' 10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की 'अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई दोनों अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं' में हिस्सेदारी थी.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से सामने रखा गया है. इनकी गहन जांच की आवश्यकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि कथित हितों के टकराव की कुछ झलक है. इसलिए इन परिस्थितियों में सार्वजनिक रूप से कुछ समय से मांग की जा रही है कि हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा उचित जांच की जानी चाहिए. यह उचित होगा कि इन सभी मुद्दों पर विस्तार से विचार करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए, क्योंकि इनके लिए एक शांत वातावरण की आवश्यकता है और शांत वातावरण तभी आएगा, जब एक संयुक्त संसदीय समिति इन मुद्दों पर विचार करेगी.'

10 अगस्त की सुबह एक टीजर जारी करने के बाद जिसमें भारत से जुड़े एक महत्वपूर्ण खुलासे का संकेत दिया गया था. हिंडनबर्ग ने दिन के अंत में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें कहा गया, 'हमने पहले ही अडाणी के गंभीर नियामक हस्तक्षेप के जोखिम के बिना परिचालन जारी रखने के पूर्ण विश्वास को नोट किया था, यह दर्शाता है कि इसे सेबी अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अडाणी के संबंधों के माध्यम से समझाया जा सकता है.'

ये भी पढ़ें- REIT क्या हैं और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन नाम?

ये भी पढ़ें- कौन हैं SEBI चीफ माधवी पुरी बुच के पति धवल बुच, जिनपर हिंडनबर्ग ने लगाए आरोप

ये भी पढ़ें- सेबी प्रमुख माधबी बुच के पास अडाणी की ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी, इसलिए नहीं की कोई कार्रवाई

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस मामले की जांच जेपीसी से कराने की मांग की है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने यह हमला शनिवार को अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक नई रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद किया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, 'अडाणी घोटाले की जांच में सेबी की अनिच्छा लंबे समय से देखी जा रही थी.'.

अमेरिकी आधारित कंपनी ने शनिवार 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी थी. अमेरिकी आधारित कंपनी ने शनिवार, 10 अगस्त को आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की 'अडाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात विदेशी कंपनियों संस्थाओं' में हिस्सेदारी थी.'

तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'असली अडाणी शैली में सेबी अध्यक्ष भी उनके समूह में एक निवेशक हैं. क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है. क्या आप पीओसीए (POCA) और पीएमएलए (PMLA) मामले दर्ज करेंगे या नहीं?' 10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग रिसर्च की नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की 'अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई दोनों अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं' में हिस्सेदारी थी.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से सामने रखा गया है. इनकी गहन जांच की आवश्यकता है. ऐसा प्रतीत होता है कि कथित हितों के टकराव की कुछ झलक है. इसलिए इन परिस्थितियों में सार्वजनिक रूप से कुछ समय से मांग की जा रही है कि हिंडनबर्ग मामले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा उचित जांच की जानी चाहिए. यह उचित होगा कि इन सभी मुद्दों पर विस्तार से विचार करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए, क्योंकि इनके लिए एक शांत वातावरण की आवश्यकता है और शांत वातावरण तभी आएगा, जब एक संयुक्त संसदीय समिति इन मुद्दों पर विचार करेगी.'

10 अगस्त की सुबह एक टीजर जारी करने के बाद जिसमें भारत से जुड़े एक महत्वपूर्ण खुलासे का संकेत दिया गया था. हिंडनबर्ग ने दिन के अंत में एक रिपोर्ट प्रकाशित की. इसमें कहा गया, 'हमने पहले ही अडाणी के गंभीर नियामक हस्तक्षेप के जोखिम के बिना परिचालन जारी रखने के पूर्ण विश्वास को नोट किया था, यह दर्शाता है कि इसे सेबी अध्यक्ष, माधबी बुच के साथ अडाणी के संबंधों के माध्यम से समझाया जा सकता है.'

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