शिमला: हिमाचल प्रदेश में सियासी संकट अभी भी पूरी तरह टला नहीं है. हालांकि, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार संगठन और सरकार में सब कुछ ऑल इज वेल का दावा कर रहे हैं, लेकिन अंदर खाने अभी भी कई कांग्रेस विधायक और पार्टी नेताओं की नाराजगी की खबर सामने आ रही है. वहीं, इन सबके बीच कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह पिछले चार दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. सूत्रों की मानें तो रविवार देर शाम विक्रमादित्य ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की.
खबर है कि विक्रमादित्य सिंह ने बीती शाम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की. यह मुलाकात एक घंटे तक चली. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने दोनों नेताओं को प्रदेश की सियासी घटनाक्रम से अवगत कराया. यही नहीं पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बागी विधायकों का भी मजबूती से पक्ष रखा, ये बागी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में विक्रमादित्य सिंह ने सीएम के मंत्रियों के कामकाज में दखलअंदाजी सहित विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी का भी मामला उठाया है. वहीं प्रदेश कांग्रेस मुखिया प्रतिभा सिंह पहले ही बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के फैसले पर सवाल खड़े कर रही हैं.
डैमेज कंट्रोल में जुटे सीएम सुक्खू: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग से उपजे सियासी हालातों की भरपाई के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जुट गए हैं. इसके लिए सुक्खू में पार्टी में बचे 34 विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास कर रहे हैं. जिसके लिए अब विधायकों नियुक्तियां देकर डैमेज कंट्रोल का प्रयास किया जा रहा है. सीएम सुक्खू ने रामपुर विधायक नंदलाल को कैबिनेट रैंक देकर स्टेट के 7वें फाइनेंस कमीशन का चेयरमैन नियुक्त कर वीरभद्र गुट को साधने का प्रयास किया है.
वहीं, सियासी संकट के बीच फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया को कैबिनेट रैंक देकर योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अतिरिक्त पार्टी के प्रति आस्था रखने वाले 20 वकीलों को एडिशनल व डिप्टी एडवोकेट जनरल बनाया गया है. वहीं सियासत पर छाए खतरे से निपटने के लिए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को चंडीगढ़ भेजा गया है. इसके अतिरिक्त राज्यसभा चुनाव के दौरान सियासी आंकलन में नाकाम रहे खुफिया तंत्र को एक्टिव किया दिया है, जो प्रदेश में उपजे सियासी हालातों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
फैसले के खिलाफ SC जाएंगे बागी: विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए गए 6 बागी विधायक स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. 28 फरवरी को विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस पार्टी के छह विधायकों को एंटी डिफेक्शन लॉ के तहत दोषी मानते हुए अयोग्य घोषित करार दिया था. ऐसे में इन आदेशों के बाद अब धर्मशाला के सुधीर शर्मा, सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा, बड़सर के इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति के रवि ठाकुर कुटलैहड़ के देवेंद्र कुमार भुट्टो व गगरेट के चैतन्य शर्मा हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं रह गए हैं.
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