चंडीगढ़ : नगर निगम के मेयर के चुनाव को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई. यह सुनवाई चंडीगढ़ नगर निगम मेयर के चुनावों के डीसी के आदेशों को चुनौती देने को लेकर लगाई गई थी. मामले की सुनवाई हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में हुई. इसमें हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह चुनाव की तारीख जल्द तय करें. अब इस मामले की सुनवाई 23 जनवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चल रहे नॉमिनेटेड पार्षदों के वोटिंग अधिकारों को लेकर दाखिल की गई याचिका का भी जिक्र हुआ. वहीं चंडीगढ़ प्रशासन के वकील चेतन मितल ने कहा कि नगर निगम दफ्तर में 16 और 18 जनवरी में स्थिति बहुत खराब थी. पंजाब पुलिस के कमांडो नगर निगम में आए थे, जो पार्षदों को लेकर जा रहे थे. उस दिन के वीडियो सामने आए हैं, जिसमें साफ नजर आया कि चंडीगढ़ पुलिस और पंजाब पुलिस आमने सामने हो गई थी.
वहीं चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से दलील दी गई कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पुलिस सतर्क है, और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के चलते चुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं. क्योंकि उस दिन पुलिस अलर्ट पर रहती है. साथ ही 22 से 26 जनवरी तक पुलिस हाई अलर्ट है. इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह सामान्य चुनाव है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को कहा कि 23 जनवरी को चुनाव की तिथि बताइए. वहीं हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में चंडीगढ़ प्रशासन को कहा कि हमें सख्त आदेश पारित करने के लिए मजबूर नहीं करिए. अपने लेवल पर मैटर को सॉल्व किया जाए तो ठीक रहेगा.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से चुनाव के लिए तय की गई 6 फरवरी की तारीख पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि 6 फरवरी को चुनाव समझ से परे है इनती लम्बी डेट जस्टिफाई नहीं करती है. यह आदेश चंडीगढ़ प्रशासन को ही सवालों के घेरे में खड़ी करता है. अब इस मामले की भी सुनवाई 23 जनवरी को मुख्य मामले के साथ होगी. इस दिन चंडीगढ़ प्रशासन को इस मामले में अपना जवाब हाई कोर्ट में दाखिल करना होगा.
बता दें कि पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर 23 जनवरी को सुनवाई होनी है. लेकिन इस बीच चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर डीसी ने जो आदेश 6 फरवरी के चुनाव करवाने दिए थे. उसको चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में एक अन्य याचिका पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.
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