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हरियाणा-चंडीगढ़-पंजाब को हाईकोर्ट का आदेश, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए बनाएं सिस्टम - HIGH COURT ON DOWN SYNDROME CHILD - HIGH COURT ON DOWN SYNDROME CHILD

HIGH COURT ON DOWN SYNDROME CHILD: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा को लेकर हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ को बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने ऐसे बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित व्यवस्था करने का आदेश देते हुए जवाब पेश ना करने पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी. कोर्ट डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्चो को स्कूल से निकालने के मामले में सुनवाई कर रहा था. जानिए क्या है पूरा मामला.

HIGH COURT ON DOWN SYNDROME CHILD
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (File Photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 18, 2024, 9:57 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला निवासी एवं डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त एक 13 वर्षीय बच्चे की मां की याचिका पर हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी दिव्यांग बच्चे को उसकी मानसिक अवस्था के कारण मौलिक शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.

दिव्यांग बच्चों को लाभ नहीं मिलने का अफसोस

हाईकोर्ट ने कहा कि दिव्यांग छात्रों के लिए आज दौर बदल चुका है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानून भी मौजूद है. कोर्ट ने सबकुछ मौजूद होने के बावजूद दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ नहींं मिलने पर अफसोस भी जताया. अदालत ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा जिम्मेदार अधिकारियों में संवेदनाओं की कमी होने के कारण है.

हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ बनाएं सिस्टम

दरअसल, हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को एक सिस्टम बनाकर कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया था. लेकिन चंडीगढ़ और हरियाणा द्वारा इस संबंध में जवाब दायर ना कर कुछ और समय देने की मांग की गई. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक जवाब दायर नहीं करने पर प्रतिवादी पक्ष पर भारी जुर्माना लगाने की कड़ी चेतावनी दी है.

हरियाणा-चंडीगढ़ का पक्ष

इससे पहले हरियाणा व चंडीगढ़ द्वारा कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि स्कूल शिक्षा विभाग ऐसी घटनाओं के मद्देनजर कार्यवाही कर रहा है. लेकिन दोनों पक्षों ने शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश और योजना के बारे में हलफनामा देने के लिए कुछ और समय की मांग की.

यह है मामला

पंचकूला निवासी डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त 13 वर्षीय बच्चे की मां ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके बताया कि उनका बच्चा पंचकूला के एक निजी स्कूल की स्पेशल विंग में पांच साल से पढ़ाई कर रहा था. लेकिन इसके बाद स्कूल ने अन्य बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें कहा कि वो उसे स्कूल से निकाल लें. हाईकोर्ट ने मामले में स्कूल और सरकार की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले में हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ से एक सिस्टम बनाने का आदेश दिया है.

जिम्मेदारी से बच नहीं सकते स्कूल-सरकार

ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सुनते हुए सुनवाई के दौरान कहा कि स्कूल का काम बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाना और राज्य का काम आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाना है. कितनी ही मुश्किलें क्यों न हों, स्कूल और सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.

ये भी पढ़ें- सरकारी स्कूलों में सुविधा मामले पर हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार का जवाब, बच्चों के दाखिले पर निर्भर करेगा क्लासरूम का निर्माण
ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार को बड़ी राहत, करनाल विधानसभा सीट उपचुनाव के खिलाफ दायर याचिका खारिज

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला निवासी एवं डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त एक 13 वर्षीय बच्चे की मां की याचिका पर हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी दिव्यांग बच्चे को उसकी मानसिक अवस्था के कारण मौलिक शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.

दिव्यांग बच्चों को लाभ नहीं मिलने का अफसोस

हाईकोर्ट ने कहा कि दिव्यांग छात्रों के लिए आज दौर बदल चुका है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानून भी मौजूद है. कोर्ट ने सबकुछ मौजूद होने के बावजूद दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ नहींं मिलने पर अफसोस भी जताया. अदालत ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा जिम्मेदार अधिकारियों में संवेदनाओं की कमी होने के कारण है.

हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ बनाएं सिस्टम

दरअसल, हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को एक सिस्टम बनाकर कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया था. लेकिन चंडीगढ़ और हरियाणा द्वारा इस संबंध में जवाब दायर ना कर कुछ और समय देने की मांग की गई. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक जवाब दायर नहीं करने पर प्रतिवादी पक्ष पर भारी जुर्माना लगाने की कड़ी चेतावनी दी है.

हरियाणा-चंडीगढ़ का पक्ष

इससे पहले हरियाणा व चंडीगढ़ द्वारा कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि स्कूल शिक्षा विभाग ऐसी घटनाओं के मद्देनजर कार्यवाही कर रहा है. लेकिन दोनों पक्षों ने शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश और योजना के बारे में हलफनामा देने के लिए कुछ और समय की मांग की.

यह है मामला

पंचकूला निवासी डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त 13 वर्षीय बच्चे की मां ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके बताया कि उनका बच्चा पंचकूला के एक निजी स्कूल की स्पेशल विंग में पांच साल से पढ़ाई कर रहा था. लेकिन इसके बाद स्कूल ने अन्य बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें कहा कि वो उसे स्कूल से निकाल लें. हाईकोर्ट ने मामले में स्कूल और सरकार की दलीलें सुनने के बाद अपने फैसले में हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ से एक सिस्टम बनाने का आदेश दिया है.

जिम्मेदारी से बच नहीं सकते स्कूल-सरकार

ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर सुनते हुए सुनवाई के दौरान कहा कि स्कूल का काम बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाना और राज्य का काम आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाना है. कितनी ही मुश्किलें क्यों न हों, स्कूल और सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते.

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