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EVM की सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को संरक्षित रखने की मांग, हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस - DELHI HIGH COURT EVM cctv footage

DELHI HIGH COURT EVM CCTV: ईवीएम की सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को संरक्षित रखने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है.

दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 13, 2024, 9:49 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मतदान के दौरान ईवीएम के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है. वकील महमूद प्राचा ने याचिका दायर किया है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 मई को करने का आदेश दिया. महमूद प्राचा ने उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. रामपुर में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. प्राचा ने निर्वाचन आयोग से सभी संबंधित वीडियो को संरक्षित करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल रिज इलाके में पेड़ों को काटने पर लगाई रोक, डंप किए गए कचरे को हटाने का दिया आदेश

याचिका में कहा गया है कि अगर किसी चुनाव को चुनौती देनी है तो ईवीएम के सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका है. याचिका में निर्वाचन आयोग की ओर से जारी ईवीएम मैन्युअल में सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को संरक्षित रखने की बात कही गई है. मैन्युअल में ईवीएम के वेयरहाउस और स्ट्रॉन्ग रूम को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखने का प्रावधान है.

याचिका में कहा गया है कि ये फुटेज 45 दिन तक रखा जाना चाहिए, क्योंकि किसी चुनाव को चुनौती देने की समय सीमा 45 दिनों की होती है. ऐसे में ईवीएम से संबंधित सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए. वकील महमूद प्राचा ईवीएम के खिलाफ अभियान चला चुके हैं. दिल्ली में ईवीएम के खिलाफ कई प्रदर्शन कर चुके हैं और अपनी मांगों के लिए गिरफ्तारी भी दे चुके हैं. प्राचा के मुताबिक, उन्होंने रामपुर का चुनाव भी ईवीएम को लेकर साक्ष्य जुटाने के लिए लड़ा है.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के कथित सांप्रदायिक भाषणों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मतदान के दौरान ईवीएम के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है. वकील महमूद प्राचा ने याचिका दायर किया है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 मई को करने का आदेश दिया. महमूद प्राचा ने उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. रामपुर में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. प्राचा ने निर्वाचन आयोग से सभी संबंधित वीडियो को संरक्षित करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.

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याचिका में कहा गया है कि अगर किसी चुनाव को चुनौती देनी है तो ईवीएम के सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका है. याचिका में निर्वाचन आयोग की ओर से जारी ईवीएम मैन्युअल में सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी को संरक्षित रखने की बात कही गई है. मैन्युअल में ईवीएम के वेयरहाउस और स्ट्रॉन्ग रूम को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखने का प्रावधान है.

याचिका में कहा गया है कि ये फुटेज 45 दिन तक रखा जाना चाहिए, क्योंकि किसी चुनाव को चुनौती देने की समय सीमा 45 दिनों की होती है. ऐसे में ईवीएम से संबंधित सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया जाए. वकील महमूद प्राचा ईवीएम के खिलाफ अभियान चला चुके हैं. दिल्ली में ईवीएम के खिलाफ कई प्रदर्शन कर चुके हैं और अपनी मांगों के लिए गिरफ्तारी भी दे चुके हैं. प्राचा के मुताबिक, उन्होंने रामपुर का चुनाव भी ईवीएम को लेकर साक्ष्य जुटाने के लिए लड़ा है.

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