देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सुगम बनाने के लिए पर्यटन विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से तमाम पहल किए जा रहे है. इसी कड़ी में पहली बार बदरीनाथ धाम के लिए भी शटल हेली सेवाओं का संचालन शुरू किया गया है. हालांकि, पहले से ही केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवाओं का संचालन किया जा रहा है. अब नागरिक उड्डयन विभाग यमुनोत्री धाम के लिए भी शटल हेली सेवाओं का संचालन शुरू करने जा रहा है. जिसके शुरू होने के बाद यात्री कम किराए में ही हेली सेवा के जरिए यमुनोत्री धाम पहुंच सकेंगे.
दरअसल, यमुनोत्री धाम में पर्यटन विभाग रोपवे बनाने की योजना पर काम कर रहा है. जिसके लिए पर्यटन विभाग को वन विभाग से भूमि पहले ही मिल गई थी. यमुनोत्री धाम में रोपवे का निर्माण के साथ ही काफी जगह बच गई है. ऐसे में पर्यटन विभाग बची हुई भूमि पर हेलीपैड भी बना रहा है. जो सितंबर महीने के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा. पर्यटन विभाग इस हेलीपैड को नागरिक उड्डयन विभाग को सौंप देगा.
हेलीकॉप्टर से यमुनोत्री धाम जा सकेंगे यात्री: वहीं, चारधाम यात्रा के वर्तमान सीजन खत्म होने से पहले ही यमुनोत्री धाम के लिए शटल हेली सेवाओं का शुभारंभ कर दिया जाएगा. इसके बाद अगले साल से केदारनाथ धाम की तरह ही यमुनोत्री धाम के लिए शटल हेली सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा. इस शटल सेवा के शुरू होने के बाद यात्री कम दामों पर हेली सेवा का लाभ उठा सकेंगे.
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने बताया कि यमुनोत्री धाम के लिए शटल हेली सेवा संचालन की पूरी रणनीति तैयार नहीं हो पाई है, लेकिन नागरिक उड्डयन का प्लान है कि खरसाली के नीचे कुछ जगहों (फूलचट्टी, स्यानाचट्टी और राणा चट्टी) पर हेलीपैड है. इसके साथ ही कुछ जगहों पर प्राइवेट ऑपरेटर्स हेलीपैड का निर्माण कर रहे हैं. इसके अलावा कुछ हेलीपैड बड़कोट में भी है.
ऐसे में जल्द ही हेलीपैड ओनर के साथ मीटिंग कर ये तय किया जाएगा कि यमुनोत्री धाम के लिए कहां से फ्लाइंग करना और रेट क्या रहेगा? साथ ही कहा कि जितनी ज्यादा दूरी होगी उतना ही ज्यादा किराया होगा. उत्तराखंड के चारधाम में से केदारनाथ और यमुनोत्री धाम का रास्ता काफी कठिन है. केदारनाथ के लिए सड़क मार्ग से करीब 18 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. इसी तरह यमुनोत्री धाम के लिए करीब 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है.
यमुनोत्री मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर बनाया जा रहा हेलीपैड: यमुनोत्री धाम की चढ़ाई इस वजह से भी कठिन है. क्योंकि, ये मार्ग काफी संकरी है. जिसके चलते यात्रियों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अपर सचिव सी रविशंकर ने कहा कि यमुनोत्री धाम में जो हेलीपैड बन रहा है, वो मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर है. ऐसे में हेलीपैड बनने के बाद शटल हेली सेवाओं का संचालन शुरू हो जाएगा. जिससे यात्रियों को यात्रा करने में काफी आसानी होगी.
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