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कर्नाटक में भारी बारिश का कहर! बेलगावी जिले में 25 पुल डूबे, अलमट्टी से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया - Heavy Rain and flood in karnataka

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 24, 2024, 9:28 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 9:49 PM IST

Heavy Rainfall in Karnataka: कर्नाटक के कई जिलों में इन दिनों भारी बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. यहां की नदियां उफान पर है. बेलगावी जिले की बात करें तो यहां 25 पूल तबाह हो चुके हैं. भारी बारिश के कारण अलमट्टी से करीब 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, राज्य के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं...

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कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ से बिगड़े हालात (ANI and ETV Bharat)

बेंगलुरु: कर्नाटक के कई जिलों में भारी बारिश के बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. राज्य के बेलगावी, दावणगेरे, हावेरी, चिक्कमगलुरु समेत कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भारी बारिश के कारण सड़कें ढहने, बिजली कटौती, फसल और मकान को क्षति और कई पुलों के तबाह होने से कई जगहों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है.

कर्नाटक में बारिश, बाढ़ से आम जनजीवन प्रभावित (ETV Bharat)

कर्नाटक भारी बारिश की चपेट में
राज्य में भारी बारिश को लेकर जिला पुलिस अधिक्षक डॉ भीमा शंकर गुलेदा ने कहा कि, पिछले 15 दिनों महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में मूसलाधार बारिश होने के कारण कृष्णा नदी का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. जिसका नतीजा यह हुआ कि, 83 में 25 पुल तबाह हो गए. इस समय बेलगावी जिला पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिसके कारण आम लोगों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पुलिस अधिक्षक डॉ भीमा शंकर गुलेदा ने कहा कि, लोंडा-सतनल्ली और मनचोली के दो पुलों को छोड़कर 23 पुलों पर यात्रा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई है. अगर बारिश कम हुई तो इन पुलों पर फिर से चलना संभव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि, ताजा हालात से निपटने के लिए तहसीलदार और पुलिस ने कई गांवों में जाकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई हैं.

कर्नाटक के कई इलाके जलमग्न
मंगलवार को अथानी, चिक्कोडी, कागवाड, सदलगा, निप्पानी में पुल अवरुद्ध होने वाले इलाकों का दौरा किया गया. नदी किनारे के कई गांवों का दौरा कर निरीक्षण किया गया है और एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. वहीं, हुन्नरागी गांव के पास एक मगरमच्छ देखा गया है. जिसको लेकर लोगों को कृष्णा नदी बैकवाटर, वेदगंगा, दूधगंगा नदियों के पानी में प्रवेश नहीं करने को कहा गया है. भीमा शंकर गुलेदा ने कहा, भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थित और पानी में मगरमच्छ के होने से सभी को सावधान रहना चाहिए. वहीं, बाढ़ के कारण दत्तवाड़ा-मल्लिकावाड़ा पुल डूब गया है. फिलहाल जिले से महाराष्ट्र का सीधा संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग है. इसके अलावा विजयपुर जिले के रास्ते से लोगों को आवाजाही करनी पड़ रही है.

गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों पर ध्यान दें
वहीं, जिला पंचायत सीईओ राहुल शिंदे ने बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कहा कि,बाढ़ प्रभावित गांवों में गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी होनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आंगनबाड़ियों और स्कूलों में खाद्य सामग्री का भंडार है या नहीं. लगातार हो रही बारिश और बाढ़ को देखते हुए आंगनबाड़ियों और स्कूलों में भी छुट्टियां दी गई हैं. इसी तरह, मवेशियों के आपातकालीन उपचार के लिए 30 एम्बुलेंस उपलब्ध कराए गए हैं. लोगों को बारिश के मौसम मेंसभी को उबला हुआ पानी पीने का सुझाव दिया गया है. दूसरी तरफ जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन ने कहा कि, 'अलमट्टी से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. जल संसाधन और राजस्व के दो अधिकारी कोयना जलाशय में हैं. उन्होंने कहा कि, राज्य के एक अधिकारी जतराट बैराज पर भी हैं. हम कोल्हापुर के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.'

भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न
उन्होंने कहा कि, बाढ़ को देखते हुए 'कृष्णा, घटप्रभा, मालाप्रभा नदियों पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि, राजापुर से 1 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है. वैसे ही हिप्पारागी से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, भारी बारिश की वजह से घटप्रभा जलाशय में हर दिन तीन टीएमसी पानी जमा हो रहा है. उन्होंने कहा कि, घाटप्रभा नदी से पानी छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा. पानी छोड़े जाने के कारण लोलासुर ब्रिज के पास 35 हजार क्यूसेक और अलमट्टी से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिसको लेकर आज जिले के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की गई. जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन ने कहा कि,जिले में संभावित बाढ़ के मद्देनजर पहले ही एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का सुझाव दिया गया है.

टापू जैसा बना गांव
जिले में बाढ़ के खतरे के बीच हुलागबाला गांव टापू जैसा बन गया है.अथानी तालुक के हुलागबाला गांव के मंगा आवासीय क्षेत्र में 40 से अधिक परिवार कृष्णा नदी के पानी में फंस गए हैं किसी भी अनहोनी के डर के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त किया है. वह इसलिए क्योंकि सरकार कई वर्षों से बाढ़ प्रभावित पीड़ितों के पुनर्वास में देरी कर रही है.

बारिश और बाढ़ में मवेशियों का बचाव
खबर है कि, चिकमंगलूर जिले में भद्रा नदी में फंसे 30 से अधिक मवेशियों को बचाया गया है. इन मवेशियों को जिले के एनआर पुरा तालुक में होन्नकुडिगे के सालुरु के पास बचाया गया. खबर के मुताबिक, मवेशी भद्रा नदी के बीच में घास चरने गये थे. बारिश बढ़ने से नदी का प्रवाह अचानक बढ़ गया. बाद में किसी तरह मवेशियों को नाव से किनारे लाया गया और उन्हें बचाया गया. उधर, चिकमंगलूर शहर के बाहरी इलाके अल्लमपुरा गांव में घर की दीवार गिर गई. इतना ही नहीं एक दीवार ऑटो पर गिर गई जिससे वाहन को आंशिक तौर पर क्षति पहुंची है. वहीं, दावणगेरे जिले में भारी बारिश के कारण 93 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 12 घर पूरी तरह से तबाह हो गए.

मठ में घुसा पानी
खबर के मुताबिक, बेसिन क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से हावेरी जिले में तुंगभद्रा, वरदा, धर्मा और कुमदावती नदियां उफान पर हैं. इस बीच, हावेरी तालुक के होसारिट्टी में राघवेंद्र मठ पानी से अवरुद्ध हो गया है. मठ चारों ओर से वरदा नदी से घिरा हुआ है. इस मठ में आने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खबर है कि, इस मठ का फल और फूलों का बगीचा पूरी तरह से पानी से भर गया है. कुल मिलाकर इस समय कर्नाटक के कई राज्यों भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ में भूस्खलन, पहाड़ी ढहने से सात लोगों की मौत

बेंगलुरु: कर्नाटक के कई जिलों में भारी बारिश के बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. राज्य के बेलगावी, दावणगेरे, हावेरी, चिक्कमगलुरु समेत कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. भारी बारिश के कारण सड़कें ढहने, बिजली कटौती, फसल और मकान को क्षति और कई पुलों के तबाह होने से कई जगहों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है.

कर्नाटक में बारिश, बाढ़ से आम जनजीवन प्रभावित (ETV Bharat)

कर्नाटक भारी बारिश की चपेट में
राज्य में भारी बारिश को लेकर जिला पुलिस अधिक्षक डॉ भीमा शंकर गुलेदा ने कहा कि, पिछले 15 दिनों महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में मूसलाधार बारिश होने के कारण कृष्णा नदी का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. जिसका नतीजा यह हुआ कि, 83 में 25 पुल तबाह हो गए. इस समय बेलगावी जिला पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिसके कारण आम लोगों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पुलिस अधिक्षक डॉ भीमा शंकर गुलेदा ने कहा कि, लोंडा-सतनल्ली और मनचोली के दो पुलों को छोड़कर 23 पुलों पर यात्रा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की गई है. अगर बारिश कम हुई तो इन पुलों पर फिर से चलना संभव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि, ताजा हालात से निपटने के लिए तहसीलदार और पुलिस ने कई गांवों में जाकर बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई हैं.

कर्नाटक के कई इलाके जलमग्न
मंगलवार को अथानी, चिक्कोडी, कागवाड, सदलगा, निप्पानी में पुल अवरुद्ध होने वाले इलाकों का दौरा किया गया. नदी किनारे के कई गांवों का दौरा कर निरीक्षण किया गया है और एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. वहीं, हुन्नरागी गांव के पास एक मगरमच्छ देखा गया है. जिसको लेकर लोगों को कृष्णा नदी बैकवाटर, वेदगंगा, दूधगंगा नदियों के पानी में प्रवेश नहीं करने को कहा गया है. भीमा शंकर गुलेदा ने कहा, भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थित और पानी में मगरमच्छ के होने से सभी को सावधान रहना चाहिए. वहीं, बाढ़ के कारण दत्तवाड़ा-मल्लिकावाड़ा पुल डूब गया है. फिलहाल जिले से महाराष्ट्र का सीधा संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग है. इसके अलावा विजयपुर जिले के रास्ते से लोगों को आवाजाही करनी पड़ रही है.

गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों पर ध्यान दें
वहीं, जिला पंचायत सीईओ राहुल शिंदे ने बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कहा कि,बाढ़ प्रभावित गांवों में गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की जानकारी होनी चाहिए. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आंगनबाड़ियों और स्कूलों में खाद्य सामग्री का भंडार है या नहीं. लगातार हो रही बारिश और बाढ़ को देखते हुए आंगनबाड़ियों और स्कूलों में भी छुट्टियां दी गई हैं. इसी तरह, मवेशियों के आपातकालीन उपचार के लिए 30 एम्बुलेंस उपलब्ध कराए गए हैं. लोगों को बारिश के मौसम मेंसभी को उबला हुआ पानी पीने का सुझाव दिया गया है. दूसरी तरफ जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन ने कहा कि, 'अलमट्टी से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा. जल संसाधन और राजस्व के दो अधिकारी कोयना जलाशय में हैं. उन्होंने कहा कि, राज्य के एक अधिकारी जतराट बैराज पर भी हैं. हम कोल्हापुर के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं.'

भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न
उन्होंने कहा कि, बाढ़ को देखते हुए 'कृष्णा, घटप्रभा, मालाप्रभा नदियों पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि, राजापुर से 1 लाख क्यूसेक पानी बह रहा है. वैसे ही हिप्पारागी से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, भारी बारिश की वजह से घटप्रभा जलाशय में हर दिन तीन टीएमसी पानी जमा हो रहा है. उन्होंने कहा कि, घाटप्रभा नदी से पानी छोड़ने का निर्णय लिया जाएगा. पानी छोड़े जाने के कारण लोलासुर ब्रिज के पास 35 हजार क्यूसेक और अलमट्टी से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिसको लेकर आज जिले के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की गई. जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन ने कहा कि,जिले में संभावित बाढ़ के मद्देनजर पहले ही एहतियात के तौर पर ग्रामीणों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का सुझाव दिया गया है.

टापू जैसा बना गांव
जिले में बाढ़ के खतरे के बीच हुलागबाला गांव टापू जैसा बन गया है.अथानी तालुक के हुलागबाला गांव के मंगा आवासीय क्षेत्र में 40 से अधिक परिवार कृष्णा नदी के पानी में फंस गए हैं किसी भी अनहोनी के डर के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त किया है. वह इसलिए क्योंकि सरकार कई वर्षों से बाढ़ प्रभावित पीड़ितों के पुनर्वास में देरी कर रही है.

बारिश और बाढ़ में मवेशियों का बचाव
खबर है कि, चिकमंगलूर जिले में भद्रा नदी में फंसे 30 से अधिक मवेशियों को बचाया गया है. इन मवेशियों को जिले के एनआर पुरा तालुक में होन्नकुडिगे के सालुरु के पास बचाया गया. खबर के मुताबिक, मवेशी भद्रा नदी के बीच में घास चरने गये थे. बारिश बढ़ने से नदी का प्रवाह अचानक बढ़ गया. बाद में किसी तरह मवेशियों को नाव से किनारे लाया गया और उन्हें बचाया गया. उधर, चिकमंगलूर शहर के बाहरी इलाके अल्लमपुरा गांव में घर की दीवार गिर गई. इतना ही नहीं एक दीवार ऑटो पर गिर गई जिससे वाहन को आंशिक तौर पर क्षति पहुंची है. वहीं, दावणगेरे जिले में भारी बारिश के कारण 93 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 12 घर पूरी तरह से तबाह हो गए.

मठ में घुसा पानी
खबर के मुताबिक, बेसिन क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से हावेरी जिले में तुंगभद्रा, वरदा, धर्मा और कुमदावती नदियां उफान पर हैं. इस बीच, हावेरी तालुक के होसारिट्टी में राघवेंद्र मठ पानी से अवरुद्ध हो गया है. मठ चारों ओर से वरदा नदी से घिरा हुआ है. इस मठ में आने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खबर है कि, इस मठ का फल और फूलों का बगीचा पूरी तरह से पानी से भर गया है. कुल मिलाकर इस समय कर्नाटक के कई राज्यों भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं.

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Last Updated : Jul 24, 2024, 9:49 PM IST
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