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किसान आंदोलन 2024 को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई, HC ने किसान नेताओं को लगाई फटकार, महिलाओं और बच्चों को बनाया जा रहा ढाल

Farmers Protest 2024: किसान आंदोलन 2024 को लेकर आज हरियाणा एंड पंजाब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान HC ने किसान नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा है कि आंदोलनकारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर ली है, जिसके चलते बच्चे और महिलाएं जख्मी हो रही हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने और क्या कुछ कहा है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Hearing in High Court regarding farmers protest
किसान आंदोलन 2024 को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई,
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 7, 2024, 1:21 PM IST

Updated : Mar 7, 2024, 3:06 PM IST

किसान आंदोलन 2024 को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

चंडीगढ़: एक ओर दिल्ली कूच करने को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वहीं, किसान आंदोलन 2024 को लेकर लगी पीआईएल पर आज (गुरुवार, 7 मार्च) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने किसान नेताओं को जमकर लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि आंदोलन में पांच साल के बच्चों को शील्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. फिलहाल सुनवाई खत्म हो गई है.

'आंदोलन के नाम पर जंग': सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि स्थिति को देख कर लग रहा है कोई जंग चल रही है. HC ने कहा कि आंदोलनकारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर ली है, जिससे बच्चे और महिलाएं जख्मी हो रही है. याचिकाकर्ता के वकील को एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि किसान नेताओं को सही जगह भेजने की जरूरत है.

Farmers Protest 2024
पुलिस कर्मियों पर पथराव करते हुए प्रदर्शनकारी

सुनवाई के दौरान एसीजे जीएस संधावालिया और जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ को हरियाणा सरकार ने कहा कि हमने 2 एफिडेविट फाइल किए हैं जो इंटरनेट प्रतिबंध से संबंधित है. वहीं, पंजाब के वकील ने भी कहा हमने दस्तावेज दिए हैं. इस पर हरियाणा सरकार से पूछा गया कि क्या आपने फायरिंग या लाठीचार्ज की थी. उन्होंने कहा कि हमने लाठीचार्ज किया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पूछा क्या बुलेट का इस्तेमाल हुआ? कोर्ट ने कहा कि आपको इस मामले में दिशा निर्देश लेने चाहिए थे. आखिर कौन से हथियार और बुलेट का इस्तेमाल होना चाहिए.

हरियाणा सरकार ने कहा कि शुभकरण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमें नहीं मिली है. हमने पंजाब को इससे संबंधित दस्तावेज देने के लिए कहा है. हमने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. इस हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा मौत का मामला है दस्तावेज जल्दी दें. इसके अलावा हाईकोर्ट ने हरियाणा को इंटरनेट प्रतिबंध की तमाम जानकारी देने को कहा.

पंजाब सरकार से सवाल: एसीजे जीएस संधावालिया और जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ की बेंच में मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार की ओर से क्या कुछ कहा गया सिलसिलेवार जानते हैं. इसके बाद ACJ ने पंजाब से पूछा कि यह मौत का मामला है, इतनी देरी क्यों हो रही है?

ACJ ने हरियाणा से पूछा कि आप किस तरह की गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं? आपको यह निर्देश लेना होगा कि प्रदर्शनकारियों पर किस तरह के हथियार और गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर हरियाणा सरकार की ओर से वकील ने कहा कि मौत हरियाणा के जींद जिले में हुई. पंजाब ने जीरो एफआईआर दर्ज की और फिर मामला हरियाणा को सौंप दिया, लेकिन हमें अभी तक कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. हमने पंजाब से पूरे दस्तावेज सौंपने का अनुरोध किया है. इस मामले में एसआईटी का गठन किया जाएगा.

Farmers Protest 2024
हरियाणा सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में पेश की गई तस्वीर

याचिकाकर्ता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पूरा घटनाक्रम देखना होगा जिसके कारण मौत हुई. मृतक को पंजाब में चोटें लगीं, फिर हरियाणा में उसकी मौत हो गई. उस मामले में पंजाब पुलिस अपना अधिकार क्षेत्र नहीं खोएगी. हरियाणा का अधिकार क्षेत्र कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि अंबाला पुलिस ने एक वीडियो बनाया है, जिसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा.

हरियाणा सरकार की दलील: हरियाणा ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि स्थिति इतनी हिंसक हो गई कि पुलिस बल को वॉटर कैनन, लाठीचार्ज, रबर बुलेट का इस्तेमाल करना पड़ा. इसमें 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. हरियाणा ने वीडियो सौंपते हुए बताया कि तस्वीरों में देखा जा सकता है कि विरोध का स्तर क्या था. हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि हमारे पास वो वीडियो भी है जब महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा था.

Farmers Protest 2024
किसान प्रदर्शन की तस्वीरें सरकार ने हाई कोर्ट में पेश की

'प्रदर्शन के नाम पर बच्चों का इस्तेमाल शर्मनाक': इस पर ACJ ने किसान नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि 5 साल के बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा. यह बहुत ही शर्मनाक है. एसीजे ने कहा कि बच्चों की उम्र देखो. यह युद्ध जैसी स्थिति थी. उन्होंने (प्रदर्शनकारियों ने) ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि बाद में कहा जाए कि महिलाएं और बच्चे घायल हो गए.

शुभकरण की मौत के मामले में न्यायिक जांच के आदेश: कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट कारणों से मौत की जांच हरियाणा या पंजाब को नहीं दी जा सकती. इसलिए एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की नियुक्ति की जाएगी, जिनकी सहायता 2 सेवानिवृत्त लोग करेंगे, जो पंजाब और हरियाणा से एडीजीपी रैंक के अधिकारी होंगे. भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर युवक शुभकरण की मौत के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी इस मामले की जांच करेगी. हाईकोर्ट ने कहा महिलाओं और बच्चों को हथियार देकर बॉर्डर पर आगे किया गया. भारत सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार है और हम चाहते हैं कि बातचीत से मामले का हल निकालना चाहिए. आज शाम (गुरुवार, 7 मार्च) तक आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

Farmers Protest 2024
प्रदर्शन के दौरान हथियार लिए नजर आए प्रदर्शनकारी

'दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं': किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है "दोनों मंचों द्वारा शंभू, खनौरी और हरियाणा सीमाओं पर चल रहे मोर्चों का 24वां दिन है. हमारी बातें कल सच हो गईं कि सरकार ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर सिर्फ बहाने बना रही है. हकीकत तो यह है कि पीएम मोदी की सरकार ने किसानों और मजदूरों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. हमें यह जानकारी मिली है कि लगभग 147 किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है."

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन के बीच बयानबाजी जारी, चढ़ूनी ने कहा-'आंदोलन शुरू होने के पहले नहीं की गयी थी बातचीत'

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन पर हरियाणा और पंजाब पुलिस को HC की फटकार, इंटरनेट बैन पर मांगा जवाब, शुभकरण की मौत पर भी सवाल

किसान आंदोलन 2024 को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

चंडीगढ़: एक ओर दिल्ली कूच करने को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं. वहीं, किसान आंदोलन 2024 को लेकर लगी पीआईएल पर आज (गुरुवार, 7 मार्च) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने किसान नेताओं को जमकर लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि आंदोलन में पांच साल के बच्चों को शील्ड की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. फिलहाल सुनवाई खत्म हो गई है.

'आंदोलन के नाम पर जंग': सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि स्थिति को देख कर लग रहा है कोई जंग चल रही है. HC ने कहा कि आंदोलनकारियों ने ऐसी स्थिति पैदा कर ली है, जिससे बच्चे और महिलाएं जख्मी हो रही है. याचिकाकर्ता के वकील को एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा कि किसान नेताओं को सही जगह भेजने की जरूरत है.

Farmers Protest 2024
पुलिस कर्मियों पर पथराव करते हुए प्रदर्शनकारी

सुनवाई के दौरान एसीजे जीएस संधावालिया और जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ को हरियाणा सरकार ने कहा कि हमने 2 एफिडेविट फाइल किए हैं जो इंटरनेट प्रतिबंध से संबंधित है. वहीं, पंजाब के वकील ने भी कहा हमने दस्तावेज दिए हैं. इस पर हरियाणा सरकार से पूछा गया कि क्या आपने फायरिंग या लाठीचार्ज की थी. उन्होंने कहा कि हमने लाठीचार्ज किया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पूछा क्या बुलेट का इस्तेमाल हुआ? कोर्ट ने कहा कि आपको इस मामले में दिशा निर्देश लेने चाहिए थे. आखिर कौन से हथियार और बुलेट का इस्तेमाल होना चाहिए.

हरियाणा सरकार ने कहा कि शुभकरण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमें नहीं मिली है. हमने पंजाब को इससे संबंधित दस्तावेज देने के लिए कहा है. हमने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. इस हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा मौत का मामला है दस्तावेज जल्दी दें. इसके अलावा हाईकोर्ट ने हरियाणा को इंटरनेट प्रतिबंध की तमाम जानकारी देने को कहा.

पंजाब सरकार से सवाल: एसीजे जीएस संधावालिया और जे लापीता बनर्जी की खंडपीठ की बेंच में मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान हरियाणा सरकार और पंजाब सरकार की ओर से क्या कुछ कहा गया सिलसिलेवार जानते हैं. इसके बाद ACJ ने पंजाब से पूछा कि यह मौत का मामला है, इतनी देरी क्यों हो रही है?

ACJ ने हरियाणा से पूछा कि आप किस तरह की गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं? आपको यह निर्देश लेना होगा कि प्रदर्शनकारियों पर किस तरह के हथियार और गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर हरियाणा सरकार की ओर से वकील ने कहा कि मौत हरियाणा के जींद जिले में हुई. पंजाब ने जीरो एफआईआर दर्ज की और फिर मामला हरियाणा को सौंप दिया, लेकिन हमें अभी तक कोई पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है. हमने पंजाब से पूरे दस्तावेज सौंपने का अनुरोध किया है. इस मामले में एसआईटी का गठन किया जाएगा.

Farmers Protest 2024
हरियाणा सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में पेश की गई तस्वीर

याचिकाकर्ता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पूरा घटनाक्रम देखना होगा जिसके कारण मौत हुई. मृतक को पंजाब में चोटें लगीं, फिर हरियाणा में उसकी मौत हो गई. उस मामले में पंजाब पुलिस अपना अधिकार क्षेत्र नहीं खोएगी. हरियाणा का अधिकार क्षेत्र कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि अंबाला पुलिस ने एक वीडियो बनाया है, जिसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों का पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएगा.

हरियाणा सरकार की दलील: हरियाणा ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि स्थिति इतनी हिंसक हो गई कि पुलिस बल को वॉटर कैनन, लाठीचार्ज, रबर बुलेट का इस्तेमाल करना पड़ा. इसमें 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. हरियाणा ने वीडियो सौंपते हुए बताया कि तस्वीरों में देखा जा सकता है कि विरोध का स्तर क्या था. हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि हमारे पास वो वीडियो भी है जब महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा था.

Farmers Protest 2024
किसान प्रदर्शन की तस्वीरें सरकार ने हाई कोर्ट में पेश की

'प्रदर्शन के नाम पर बच्चों का इस्तेमाल शर्मनाक': इस पर ACJ ने किसान नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि 5 साल के बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा. यह बहुत ही शर्मनाक है. एसीजे ने कहा कि बच्चों की उम्र देखो. यह युद्ध जैसी स्थिति थी. उन्होंने (प्रदर्शनकारियों ने) ऐसी स्थिति पैदा कर दी कि बाद में कहा जाए कि महिलाएं और बच्चे घायल हो गए.

शुभकरण की मौत के मामले में न्यायिक जांच के आदेश: कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट कारणों से मौत की जांच हरियाणा या पंजाब को नहीं दी जा सकती. इसलिए एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की नियुक्ति की जाएगी, जिनकी सहायता 2 सेवानिवृत्त लोग करेंगे, जो पंजाब और हरियाणा से एडीजीपी रैंक के अधिकारी होंगे. भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने बताया कि खनौरी बॉर्डर पर युवक शुभकरण की मौत के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्य कमेटी इस मामले की जांच करेगी. हाईकोर्ट ने कहा महिलाओं और बच्चों को हथियार देकर बॉर्डर पर आगे किया गया. भारत सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार है और हम चाहते हैं कि बातचीत से मामले का हल निकालना चाहिए. आज शाम (गुरुवार, 7 मार्च) तक आदेश जारी कर दिए जाएंगे.

Farmers Protest 2024
प्रदर्शन के दौरान हथियार लिए नजर आए प्रदर्शनकारी

'दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं': किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है "दोनों मंचों द्वारा शंभू, खनौरी और हरियाणा सीमाओं पर चल रहे मोर्चों का 24वां दिन है. हमारी बातें कल सच हो गईं कि सरकार ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर सिर्फ बहाने बना रही है. हकीकत तो यह है कि पीएम मोदी की सरकार ने किसानों और मजदूरों को दिल्ली में प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है. हमें यह जानकारी मिली है कि लगभग 147 किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है."

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Last Updated : Mar 7, 2024, 3:06 PM IST
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