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स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका वायरस पर जारी की एडवाइजरी, जानें क्या दिए निर्देश? - Zika virus - ZIKA VIRUS

Advisory For Zika Virus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जीका वायरस को लेकर राज्यों को सलाह दी है. मंत्रालय ने कहा है कि वे चिकित्सकों को इसकी बारीकी से निगरानी करने के लिए सतर्क करें.

Zika virus
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका वायरस को लेकर राज्यों को एडवाइजरी की जारी (सांकेतिक तस्वीर ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 3, 2024, 5:20 PM IST

Updated : Jul 3, 2024, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आने के मद्देनजर राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी जारी करते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ अतुल गोयल ने राज्यों को देश में जीका वायरस की स्थिति की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया.

चूंकि जीका से प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफेली और न्यूरोलॉजिकल हो सकते हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को बारीकी से मॉनिटरिंग के लिए सतर्क करें.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राज्यों से आग्रह किया जाता है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं और संस्थानों को निर्देश दें कि वे जीका वायरस के इंफेक्शन के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें. साथ ही जीका के लिए किए गए टेस्ट में पॉजिविटव पाए जाने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के डेवलपमेंट की मॉनिटरिंग करें और केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करें."

इसके अलावा राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को एक नोडल अधिकारी की पहचान करने की सलाह देने का भी निर्देश दिया गया है. यह अधिकारी जो परिसर को एडीज मच्छर मुक्त रखने के लिए निगरानी और कार्रवाई करेगा.

अधिकारी ने कहा, "राज्यों को आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान सर्विलांस को मजबूत करने और वेक्टर कंट्रोल एक्टिविटीज को तेज करने के महत्व पर जोर दिया गया है."

मैसेज के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें
राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे लोगों के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती IEC मैसेज के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें, क्योंकि जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है, जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं.

अधिकारी ने कहा, "मामलों में किसी भी संभावित उछाल और प्रकोप का समय पर पता लगाने, कंट्रोल करने, राज्य अधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उचित रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे किसी भी पहचाने गए मामले की तुरंत इंटिग्रेटिड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (NCVBDC) को रिपोर्ट करें."

क्या है जीका रोग?
जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल रोग है. यह एक नॉन-फैटल बीमारी है. हालांकि, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) का खतरा रहता है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है.

बता दें कि भारत ने गुजरात में पहला जीका मामला दर्ज किया था. उसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में भी इसके केस दर्ज किए गए. 2024 में (2 जुलाई तक), महाराष्ट्र ने कुल 8 केस दर्ज किए. इनमें पुणे में 6, कोल्हापुर और संगमनेर से 1-1 केस सामने आया.

यह भी पढ़ें- Zika Virus से बचाव के लिए लगाने में आसान वैक्सीन विकसित की जा रही

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आने के मद्देनजर राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की. एडवाइजरी जारी करते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ अतुल गोयल ने राज्यों को देश में जीका वायरस की स्थिति की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया.

चूंकि जीका से प्रभावित गर्भवती महिला के भ्रूण में माइक्रोसेफेली और न्यूरोलॉजिकल हो सकते हैं, इसलिए राज्यों को सलाह दी गई है कि वे चिकित्सकों को बारीकी से मॉनिटरिंग के लिए सतर्क करें.

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राज्यों से आग्रह किया जाता है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद स्वास्थ्य सुविधाओं और संस्थानों को निर्देश दें कि वे जीका वायरस के इंफेक्शन के लिए गर्भवती महिलाओं की जांच करें. साथ ही जीका के लिए किए गए टेस्ट में पॉजिविटव पाए जाने वाली गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के डेवलपमेंट की मॉनिटरिंग करें और केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करें."

इसके अलावा राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं और अस्पतालों को एक नोडल अधिकारी की पहचान करने की सलाह देने का भी निर्देश दिया गया है. यह अधिकारी जो परिसर को एडीज मच्छर मुक्त रखने के लिए निगरानी और कार्रवाई करेगा.

अधिकारी ने कहा, "राज्यों को आवासीय क्षेत्रों, कार्यस्थलों, स्कूलों, निर्माण स्थलों, संस्थानों और स्वास्थ्य सुविधाओं में कीट विज्ञान सर्विलांस को मजबूत करने और वेक्टर कंट्रोल एक्टिविटीज को तेज करने के महत्व पर जोर दिया गया है."

मैसेज के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें
राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे लोगों के बीच डर को कम करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर एहतियाती IEC मैसेज के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा दें, क्योंकि जीका किसी भी अन्य वायरल संक्रमण की तरह है, जिसके अधिकांश मामले लक्षणहीन और हल्के होते हैं.

अधिकारी ने कहा, "मामलों में किसी भी संभावित उछाल और प्रकोप का समय पर पता लगाने, कंट्रोल करने, राज्य अधिकारियों को सतर्क रहने, तैयार रहने और सभी स्तरों पर उचित रसद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है. राज्यों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे किसी भी पहचाने गए मामले की तुरंत इंटिग्रेटिड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) और नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल (NCVBDC) को रिपोर्ट करें."

क्या है जीका रोग?
जीका डेंगू और चिकनगुनिया की तरह एडीज मच्छर जनित वायरल रोग है. यह एक नॉन-फैटल बीमारी है. हालांकि, जीका प्रभावित गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं में माइक्रोसेफली (सिर का आकार कम होना) का खतरा रहता है, जो इसे एक बड़ी चिंता का विषय बनाता है.

बता दें कि भारत ने गुजरात में पहला जीका मामला दर्ज किया था. उसके बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कर्नाटक जैसे कई अन्य राज्यों में भी इसके केस दर्ज किए गए. 2024 में (2 जुलाई तक), महाराष्ट्र ने कुल 8 केस दर्ज किए. इनमें पुणे में 6, कोल्हापुर और संगमनेर से 1-1 केस सामने आया.

यह भी पढ़ें- Zika Virus से बचाव के लिए लगाने में आसान वैक्सीन विकसित की जा रही

Last Updated : Jul 3, 2024, 10:58 PM IST
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