ETV Bharat / bharat

सूखा राहत याचिका मामले में कर्नाटक सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करेगा - Karnatakas Drought Relief - KARNATAKAS DROUGHT RELIEF

Drought Relief case Karnatakas file affidavit: कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका कर केंद्र सरकार को सूखा राहत के लिए 35,162 करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश देने की मांग की है.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ANI)
author img

By Sumit Saxena

Published : May 6, 2024, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने सूखा राहत से संबंधित डेटा केंद्र को दे दिया है. साथ ही वह राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से सूखा प्रबंधन को लेकर वित्तीय सहायता जारी करने के संबंध में राज्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक हलफनामा दायर करेगा.

न्यायमूर्ति बी आर गाविया और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद आगे के लिए निर्धारित किया है. कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'उन्होंने (केंद्र) कहा कि हमने उन्हें डेटा नहीं दिया है, लेकिन हमारे पास उनका डेटा है. हम एक हलफनामा दायर करेंगे.'

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि अगर कर्नाटक संतुष्ट नहीं है तो अदालत अगली तारीख पर मामले पर सुनवाई करेगी और गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई का प्रस्ताव रखा. सिब्बल ने इस पर सहमति जताई और कहा, 'उनकी अपनी नीति पर विचार करना जरूरी है. मैं आज विवाद में नहीं पड़ना चाहता, हम हलफनामा दाखिल करेंगे.'

मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ छुट्टियों के तुरंत बाद सुनवाई तय करने पर सहमत हो गई. 29 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य में सूखा प्रबंधन के सिलसिले में कर्नाटक सरकार को लगभग 3,400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अदालत को सूचित किया था कि केंद्र ने राज्य सरकार के लिए 3,400 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

सिब्बल ने तर्क दिया था कि राज्य सरकार ने 18,000 करोड़ रुपये का अनुरोध किया था लेकिन केवल 3,450 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था जिसने एक उप-समिति को रिपोर्ट भेजी थी. वेंकटरमणि ने कहा कि अंतर-मंत्रालयी टीम ने जो भी सिफारिश की, उप-समिति ने उसे ध्यान में रखा.

सिब्बल ने तर्क दिया कि यह राशि उन परिवारों के लिए मांगी गई थी जिनकी आजीविका सूखे के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. सिब्बल ने कहा, 'जो राशि दी गई है उसके लिए हम आभारी हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है.' सिब्बल ने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी टीम थी जिसने राज्य का दौरा किया और इन सभी कारकों को देखा और उप-समिति को एक रिपोर्ट दी. इसने बाद में इसे निर्णय लेने के लिए उचित प्राधिकारी को भेज दिया. उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी रिपोर्ट हमारे पास नहीं है और उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह केंद्र से रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने को कहे और उसके अनुसार जो भी निर्णय लिया जाए हमें कोई समस्या नहीं है.'

पीठ ने सिफारिशों के बारे में पूछा. एजी ने कहा, ' मैं कहना चाहता हूं कि सिफारिशों पर कार्रवाई की गई है. पीठ ने उनसे अंतर-मंत्रालयी टीम की सिफारिश पेश करने को कहा. एजी ने कहा कि वह एक नोट रखेंगे.' शीर्ष अदालत कर्नाटक सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है.

सितंबर 2023 में राज्य ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करने के लिए एनडीआरएफ के तहत 18,174 करोड़ रुपये की मांग की थी. कर्नाटक ने 13 सितंबर, 2023 को 223 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था. यह भी दावा किया गया था कि सूखे के कारण 48 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई, जिससे 35,162 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

ये भी पढ़ें- सूखा राहत के लिए कर्नाटक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- 'विभिन्न राज्य सरकारें अदालत आ रही हैं' - Karnatakas Plea For Drought Relief

नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने सूखा राहत से संबंधित डेटा केंद्र को दे दिया है. साथ ही वह राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से सूखा प्रबंधन को लेकर वित्तीय सहायता जारी करने के संबंध में राज्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक हलफनामा दायर करेगा.

न्यायमूर्ति बी आर गाविया और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने मामले को गर्मी की छुट्टियों के बाद आगे के लिए निर्धारित किया है. कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'उन्होंने (केंद्र) कहा कि हमने उन्हें डेटा नहीं दिया है, लेकिन हमारे पास उनका डेटा है. हम एक हलफनामा दायर करेंगे.'

न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि अगर कर्नाटक संतुष्ट नहीं है तो अदालत अगली तारीख पर मामले पर सुनवाई करेगी और गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई का प्रस्ताव रखा. सिब्बल ने इस पर सहमति जताई और कहा, 'उनकी अपनी नीति पर विचार करना जरूरी है. मैं आज विवाद में नहीं पड़ना चाहता, हम हलफनामा दाखिल करेंगे.'

मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ छुट्टियों के तुरंत बाद सुनवाई तय करने पर सहमत हो गई. 29 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राज्य में सूखा प्रबंधन के सिलसिले में कर्नाटक सरकार को लगभग 3,400 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अदालत को सूचित किया था कि केंद्र ने राज्य सरकार के लिए 3,400 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

सिब्बल ने तर्क दिया था कि राज्य सरकार ने 18,000 करोड़ रुपये का अनुरोध किया था लेकिन केवल 3,450 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं और कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी टीम द्वारा निरीक्षण किया गया था जिसने एक उप-समिति को रिपोर्ट भेजी थी. वेंकटरमणि ने कहा कि अंतर-मंत्रालयी टीम ने जो भी सिफारिश की, उप-समिति ने उसे ध्यान में रखा.

सिब्बल ने तर्क दिया कि यह राशि उन परिवारों के लिए मांगी गई थी जिनकी आजीविका सूखे के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. सिब्बल ने कहा, 'जो राशि दी गई है उसके लिए हम आभारी हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है.' सिब्बल ने कहा कि एक अंतर-मंत्रालयी टीम थी जिसने राज्य का दौरा किया और इन सभी कारकों को देखा और उप-समिति को एक रिपोर्ट दी. इसने बाद में इसे निर्णय लेने के लिए उचित प्राधिकारी को भेज दिया. उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी रिपोर्ट हमारे पास नहीं है और उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह केंद्र से रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करने को कहे और उसके अनुसार जो भी निर्णय लिया जाए हमें कोई समस्या नहीं है.'

पीठ ने सिफारिशों के बारे में पूछा. एजी ने कहा, ' मैं कहना चाहता हूं कि सिफारिशों पर कार्रवाई की गई है. पीठ ने उनसे अंतर-मंत्रालयी टीम की सिफारिश पेश करने को कहा. एजी ने कहा कि वह एक नोट रखेंगे.' शीर्ष अदालत कर्नाटक सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सूखा प्रबंधन के लिए राज्य को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से वित्तीय सहायता जारी करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है.

सितंबर 2023 में राज्य ने सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करने के लिए एनडीआरएफ के तहत 18,174 करोड़ रुपये की मांग की थी. कर्नाटक ने 13 सितंबर, 2023 को 223 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया था. यह भी दावा किया गया था कि सूखे के कारण 48 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई, जिससे 35,162 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

ये भी पढ़ें- सूखा राहत के लिए कर्नाटक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- 'विभिन्न राज्य सरकारें अदालत आ रही हैं' - Karnatakas Plea For Drought Relief
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.