ETV Bharat / bharat

हाथरस सत्संग भगदड़; मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंची, प्रशासन ने सूची जारी की - hathras satsang stampede update

हाथरस हादसे में जिला प्रशासन की ओर से अभी तक 116 मृतकों की सूची ही जारी की गई है.

hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 7:06 AM IST

Updated : Jul 3, 2024, 9:38 PM IST

हाथरसः हाथरस हादसे में जिला प्रशासन ने अभी तक जान गंवाने वाले 116 मृतकों की सूची जारी की है. जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक इस हादसे में कुल 121 लोगों की मौत हुई है. घायलों की मदद के लिए प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.

hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)
hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)
hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)

बता दें कि जिले के थाना कोतवाली सिकंदराराऊ में मंगलवार को रतिभान पुर के फुलराई गांव में नारायण साकार विश्व हरि संस्था की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. यहां भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. जैसे ही सत्संग खत्म हुआ भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में महिलाएं और बच्चे बुरी तरह से कुचल गए. इस हादसे में देर रात तक जिला प्रशासन की ओर से 116 महिलाओं, बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है. हादसे के दौरान घटनास्थल पर हर तरफ लाशें ही लाशें नजर आईं. शवों को मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से 116 मृतकों की सूची और हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. जो लोग हादसे में घायल हैं उनके परिजन इन नंबर पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं.

हाथरस घटना को लेकर अलीगढ़ के जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि अलीगढ़ में 23 डेथबॉडी आई है. वही जेएन मेडिकल कॉलेज में तीन घायलो का उपचार चल रहा है. एक की हालत गंभीर है. जैसे आईसीयू में एडमिट किया गया है. AMU एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से रजिस्ट्रार, कुलपति द्वारा स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं, 15 शव जेएन मेडिकल कॉलेज में, 6 मलखान सिंह जिला अस्पताल और दो पोस्टमार्टम हाउस में आ चुके हैं. पुलिस पंचायतनामा भरकर आगे की कार्रवाई कर रही है.

इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ले सकते हैं जानकारी

  • आगरा जोन कंट्रोल-7839866849
  • अलीगढ़ रेंज कंट्रोल-7839855724
  • आगरा रेंज कंट्रोल-7839855724
  • हाथरस कंट्रोल-9454417377
  • एटा कंट्रोल-9454417438
  • अलीगढ़ कंट्रोल-7007459568

हाथरस हादसे के लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार-अखिलेश यादव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस हादसे को बहुत दर्दनाक और दुःखद बताया है. उन्होंने कहा कि हादसे को लेकर हमें और हमारी पार्टी को बहुत दुःख है. जिन लोगों की जान गई है, उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है. इस घटना में पूरी सरकार और प्रशासन की लापरवाही है. सरकार के पास जानकारी थी, उसके बावजूद जरूरी इंतजाम नहीं किए गये. लापरवाही की वजह से जानें गई है, उसकी जिम्मेदार सरकार है. जानें बच सकती थी, लेकिन सरकार एम्बूलेंस और गाड़ियों की व्यवस्था नहीं कर पाई. जो घायल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिला. न दवाएं मिली न ऑक्सीजन मिली. लोगों को बचाने का कोई इंतजाम नहीं था. इस सबके लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है.

पीएम रिपोर्ट में खुलासा ज्यादातर की मौत दम घुटने से

आगरा: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में 21 शव के पोस्टमार्टम किए गए. जिसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि, ज्यादातर मौतें दम घुटने यानी एस्फिक्सिया के चलते हुआ है. 21 में से 3 डेड बॉडी के हेड इंजरी थी. इसके साथ ही तीन की पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह शॉक एंड हैमरेज आया है. जिनमें से ज्यादातर मामलों में छाती में खून जमने से दम घुटा है. जितने शव आए हैं. सबके शरीर मिट्टी से भरे हुए थे. पोस्टमार्टम में तीन शव के पीएम में हेड इंजरी थी. तीन की मौत शॉक एंड हैमरेज से हुई थी. बांकी की मौत दम घुटने से हुई.

LIU ने हादसे की जताई थी आशंका, जिला प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया

अलीगढ़: हाथरस हादसे में बढ़ा खुलासा सामने आया है कि, LIU ने जिला प्रशासन को इस कार्यक्रम के बारे में अलर्ट किया था, यह भी अनुमान जताया था की आवश्यकता से अधिक भीड़ आ सकती है, लेकिन जिला प्रशासन ने इसको अनदेखा कर दिया. इतना ही नहीं सत्संग में आने वाली भीड़ के लिए केवल एक ही थाने की पुलिस को तैनात किया गया. इतने बड़े आयोजन की मॉनिटरिंग जिला प्रशासन की तरफ से नहीं की गई.

हाथरस से पहले इटावा में सत्यसंग करने की बनी थी योजना

इटावा: हाथरस सत्यसंग से पहले उसकी योजना इटावा में बनाई गई थी. भोले बाबा के अनुयायियों ने इसके लिए इटावा में स्थान भी फाइनल कर लिया, और डीएम के दफ्तर में अनुमति की फाइल भी लगा दी. हालांकि तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए इटावा के डीएम ने इस आयोजन के लिए अनुमति ही नहीं दी. ऐसे में आनन फानन में यह कार्यक्रम हाथरस में लगाया गया बताया जा रहा है कि 2 जुलाई को विचारपुरा ग्राम पंचायत में कार्यक्रम होना था, रेलवे लाइन के किनारे होने के कारण जिलाधिकारी ने परमिशन नहीं दी थी.

रायबरेली की महिला भी हाथरस हादसे का शिकार

रायबरेली: हाथरस हादसे में रायबरेली की भी एक महिला घायल हो गई है, जिसका नाम रामश्री है और यह लालगंज थाना इलाके में लोदीपुर उतरावां के रहने वाले रामशंकर की पत्नी हैं. महिला दो दिन पहले हाथरस सत्संग में शामिल होने के लिए निकली थीं. परिजनों के मुताबिक भगदड़ के दौरान रामश्री में गिर गई थीं, फिर सैकड़ों लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए थे. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी, उसका पैर टूट गया है. जानकारी होने के बाद जिला प्रशासन ने घायल महिला के घर राजस्व की टीम रवाना कर दी है, बताया जा रहा है कि महिला का इलाज अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल में चल रहा हैं.

सभी मृतकों के परिजनों को सरकार देगी मुआवजा

लखनऊ: हाथरस हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ 3 अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हैं. इनमें मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के श्रद्धालु शामिल हैं. वहीं, प्रदेश के अंदर 17 जिलों के श्रद्धालुओं की भी मृत्यु हुई है. इन सभी मृतकों के परिजनों को योगी सरकार सहायता राशि प्रदान करेगी. जिला प्रशासन की से जारी सूची में 6 मृतक दूसरे राज्यों से हैं. इनमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक, हरियाणा के पलवल से एक और फरीदाबाद से 3, जबकि राजस्थान के डीग से 1 श्रद्धालु शामिल हैं. इनको भी मुआवजा देने की घोषणा की गई है.

घायलों के लिए विशेष प्रार्थना

प्रयागराज: हाथरस हादसे में घायल लोगों के लिए संगम नगरी प्रयागराज में बुधवार को एक विशेष आरती की गई. आरती के बाद लोगों ने 2 मिनट का मौन रखा. 2 मिनट का मौन रख कर मृतक आत्माओं के शांति के लिए प्रार्थना किया गया. साथ ही घटना में घायल व्यक्तियों को मां गंगा से जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई.

हादसे में भोले बाबा की मुख्य सेवादार की भी मौत

औरैया: हाथरस हादसे में औरैया के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के बीसलपुर निवासी शीला देवी की मौत हो गई. बुधवार को शव पहुंचने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक के बेटे अरुण ने बताया कि, उनकी मां भोले बाबा की मुख्य सेवादार थी. करीब 8 साल से बाबा की सेवा कर रहीं थी. सत्संग में मृतिक के ऊपर जल सेवा की जिम्मेदारी होती थी. अरुण कुमार ने बताया कि, वह भी मां के साथ करीब 3 साल तक बाबा के आश्रम में गए है. जब काफी समय बाद उनकी शक्तियों का अहसास नहीं हुआ तो उसने बाबा की सेवा भी छोड़ दी थी. अभी घटना से पहले अरुण ने मां को जाने से मना किया था, लेकिन मां नहीं मानी और अन्य सेवादारों के साथ चली गई. और अब लौटी है तो सिर्फ मां की लाश.

सत्यसंग में लालगंज से गए सभी लोग सकुशल लौटे

रायबरेली: हाथरस भगदड़ में सही सलामत वापस घर को लौटे लोग अब भी उस खौफनाक मंजर को याद कर सिहर उठते हैं. रायबरेली से बस में सवार होकर सत्संग सुनने हाथरस गए 60 लोगों में से 21 लोग लालगंज के रहने वाले थे. सकुशल वापस लौट कर आने पर उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं. सत्संग में गए राम चौधरी ने बताया कि, प्रवचन समाप्त हुआ उसके बाद यह हादसा हुआ. हम लोग पंडाल में मौजूद थे. इसलिए हमें कुछ मालूम ही नहीं चला.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घायलों का जाना हाल

हाथरस: हाथरस दर्दनाक हादसे के घायलों का हालचाल जानने बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हाथरस जिला अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और हादसे के बारे में भी जानकारी ली. डिप्टी सीएम 1 घंटे तक जिला अस्पताल में रहे. ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी बातचीत की. उन्होंने सभी से हादसे में मृतकों और घायलों के बारे में विस्तृत जानकारी ली.

हादसे में लापता की तलाश जारी (video credits ETV BHARAT)

अपनों की तलाश में पूरी रात भटकते रहे परिजन: हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा का सत्संग में मची भगदड़ के बाद से ही लापता अपने परिजनों को लोग खोज रहे हैं. कासगंज के राकेश भी इसमें शामिल हैं. जिनकी बहन हादसे के बाद से घर नहीं पहुंची है. राकेश अब तक हाथरस, अलीगढ़, एटा, सिकंदराराऊ में 100 से अधिक लाशों में अपनी लापता बहन को ढूंढ चुके हैं. बहन का कहीं पता नहीं लग पाया है. एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे राकेश ने लाशों में बहन की पहचान की. बहन की लाश नहीं होने पर थोड़ा सब्र हुआ. लेकिन, नहीं मिलने से चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं. राकेश ने कहा कि, बहन का कुछ पता नहीं चल रहा है. भगवान करे कि, मेरी बहन जिंदा हो. वहीं, आगरा में डॉक्टरों की टीम ने 25 शव का पोस्टमार्टम किया. इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने सभी शव उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिए. जिनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

वीडियो में देखा मां नहीं रही: मथुरा निवासी अनिल भी अपनी मां जैमंती देवी (60) साल को ढूंढने के लिए भटकते रहे. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे अनिल ने बताया कि, जैसे ही हादसे की सूचना मिली तो सीधा सिकंदराराऊ पहुंचा. वहां पर मां नहीं मिली तो वहां से हाथरस पहुंच गया. तभी उनके मोबाइल पर एक वीडियो आया, जिसमें उनकी मां मृत दिखीं. मां के मोबाइल से फोन किया था. इसके बाद आगरा में मां की डेड बॉडी मिली. अनिल ने बताया कि, 15 साल पहले मां भोले बाबा के सत्संग से जुड़ी थी. अभी 9 महीने पहले ही बड़े भाई, भतीजे और भांजे की हाथरस में ही एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.

मां की तलाश में पूरी रात भटकते रहे: मथुरा के ही निवासी विशाल कुमार भी बुधवार सुबह आगरा के एसएन मेडिकल कालेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. विशाल ने बताया कि, जब सत्संग में भगदड़ और महिलाओं की मौत की जानकारी मिली तो हम लोग तुरंत मां को खोजने निकले. रास्ते में उनके मौत की सूचना मिली. पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मां पुष्पा देवी का शव लेने सबसे अलीगढ़ पहुंचे. वहां जानकारी नहीं मिली वहां से फिर एटा पहुंचा वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली फिर आगरा आया.

बाबा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग (video credits ETV BHARAT)

भगदड़ के दौरान खाई गिरने से दो बच्चों की मौत

शाहजहांपुर: हाथरस सत्संग हादसे में शाहजहांपुर के भी चार लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में दो बच्चे और दो महिला शामिल हैं. बुधवार को जैसे ही उनके शव गांव में पहुंचे तो कहराम मच गया. वहीं सत्यसंग से लौटी दोनों मृतक बच्चे आयुष (9) और काव्या (7) की बुआ ने भोले बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. मृतक के पिता का कहना है कि, भोले बाबा खुद को ब्रह्मांड का भगवान बताते थे. लेकिन उनकी ही वजह से लोग मौत के मुंह में समा गए. शोभा का कहना है कि, वह अपने दोनों भतीजे को लेकर में सड़क के किनारे बनी खाई में गिर गई. जिसके बाद दर्जनों लोग उनके ऊपर गिर गए. किसी तरह वह तो बच गई लेकिन उसके दोनों भतीजों की दम घुटने से मौत हो गई. वह घंटे चिल्लाती रही लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की.

बीमारी ठीक नहीं किए बाबा तो उठ गया था भरोसा (video credits ETV BHARAT)

सेवादार बनने के बाद भी नहीं मिला बीमारी में लाभ, तो अनिल ने छोड़ दिया आश्रम

औरैया: हाथरस हादसे में औरैया के दो लोगों की मौत हो गई थी जिनका बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिले के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी रिटायर्ड फौजी राम नरेश(65) और कोतवाली इलाके के बीसलपुर निवासी शीला देवी (70) की भगदड़ में मौत हो गई. अंतिम संस्कार के दौरान जिले के अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं मृतक रामनरेश के घर पर मौजूद अनिल कुमार ने बताया कि वह भी 7 साल पहले सेवादार रहे चुके हैं. जिस दौरान घर में बीमारी और दूसरी समस्याएं आने लगी तो उनका भरोसा बाबा से उठने लगा. और इसी बीच उनकी पत्नी की मौत हो गई. जिसके बाद से वह और उनके परिवारजनों का बाबा के ऊपर से विश्वास बिलकुल खत्म हो गया. वहीं अब इस हादसे के बाद लोगों के जहन में बाबा के प्रति आस्था नहीं बल्कि आक्रोश फूट रहा है.

कानपुर के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती (video credits ETV BHARAT)

सत्यसंग में मौजूद चश्मदीद ने सुनाई भगदड़ की कहानी

कानपुर: हाथरस सत्यसंग में शामिल होने के लिए कानपुर से भी चार बसों में सवार होकर करीब 200 से 250 लोग गए थे. वहीं सत्संग में गए सागर गुप्ता ने भगदड़ की आंखों देखी हाल सुनाया. ईटीवी भारत से उस भयावह दृश्य को साझा करते हुए सागर ने कहा कि, सत्संग में काफी ज्यादा उमस और गर्मी थी. जिस वजह से लोग काफी ज्यादा परेशान हो रहे थे. वही, बारिश की वजह से रोड भी गिली थी. और इस कारण बच्चे और बूढ़े छुपना चाहते थे. जिस वजह से वहां भगदड़ मच गई और ये पूरा हादसा हुआ.

मथुरा में बेटी ने सुनाई मां की मौत की कहानी (video credits ETV BHARAT)

भगदड़ में मां से बिछड़ी बेटी ने सुनाई आपबीती

मथुरा: हाथरस हादसे में मथुरा के ग्यारह लोगों की मौत हुई है. जिले के हाईवे थाना क्षेत्र नगला माना गांव की रहने वाली किशन देवी अपनी बेटी के साथ सत्संग सुनने गई थी. लेकिन भगदड़ में मां बेटी दोनों अलग हो गई और हादसे में 60 साल की महिला किशन देवी की मौत हो गई. परिवार में मातम छाया हुआ है. निशा ने बताया कि, बाबा जाने लगे तो भीड़ इधर-उधर भागने लगी, मैं अपनी मां से बिछड़ गई. बाद मैं जानकारी मिली की मां इस दुनिया में नहीं है. भगवान मुझे भी अपनी मां के साथ ले लेता.


आगरा के 18 अनुयायियों की मौत, देर रात पहुंची दो डेड बॉडी
विश्व साकार हरि उर्फ भोले बाबा के अनुयायी बडी तादाद में आगरा में भी है. आगरा से हाथरस सत्संग में शामिल होने के लिए सैंकड़ों अयुयासी बसों या अन्य वाहन से गए थे. जिसमें शाहगंज थाना के केदार नगर से तीन बसों में 150 लोग, एत्मादपुर से 8-9 बसों में लगभग 200 लोग, दयालबाग के बहादुरपुर, सिकंदरपुर, खासपुर और लालगढ़ी से तीन बसों में भरकर श्रद्धालु सत्संग सुनने के लिए हाथरस गए थे.

बस और वाहनों से गए थे अनुयायी
बहादुरपुर निवासी राकेश सिंह बताते हैं कि, चार गांवों से तीन बसों में अनुयायी सत्संग सुनने हाथरस गए. इसके साथ ही कई अपने निजी वाहनों से भी गए. मेरी पत्नी भी गई थी. जैसे ही टीवी पर हादसे की जानकारी हुई, घरों में कोहराम मच गया. सत्यवीर चौधरी ने बताया कि, गांव से कई लोग सुबह प्रवचन सुनने के बाद शाम को लौट आते हैं. इसके साथ ही तमाम वहीं ठहर जाते हैं. दयालबाग निवासी सौरभ चौधरी ने बताया कि, हादसे की खबर से अनुयायी के घरों में चूल्हा ही नहीं जले हैं. क्योंकि, तमाम बच्चे और महिलाएं अभी तक नहीं आए हैं. ना ही उनके बारे में जानकारी मिल रही है.

50 से ज्यादा लापता
हाथरस के सत्संग में आगरा से गए अनुयायी बड़ी संख्या में अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. जिसको लेकर लोग परेशान हैं. दयालबाग क्षेत्र से गए 50 लोगों के ग्रुप के सभी लोग अभी तक लापता हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. घरवाले जानकारी करने में जुटे हैं.

बदायूं की छह महिलाओं व किशोरी की मौत
बदायूं के बिल्सी कस्बे से भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने के लिए एक निजी बस से कल हाथरस 50 से ज्यादा लोग गए थे. इसमें 53 वर्षीय वीरवती और 16 वर्षीय रोशनी की मौत हो गई. वहीं चार महिलाओं और एक किशोरी की भी मौत हो गई है.


शाहजहांपुर की महिला की मौत
हादसे में शाहजहांपुर निगोही के मोहल्ला नई बस्ती गौटिया निवासी हरिसरण की पत्नी रामा देवी की मौत हो गई. काफी देर तलाश के बाद पति को पत्नी का शव मिला. वहीं, हाथरस हादसे में औरैया के रामनरेश समेत दो लोगों की मौत हो गई है. थोड़ी ही देर में उनके शव आवास पर ले जाए जाएंगे. बीजेपी विधायक ने परिजनों से मिलकर शोक संवेदना जताई.

बुलंदशहर की महिला व बच्ची की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ के पास फूलमई मुगलगढी गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से छतारी के त्यौर बुजुर्ग गांव निवासी 80 वर्षीय माया देवी की मौत हो गई जबकि सुल्तानपुर बिलौनी निवासी 12 वर्षीय बच्ची ज्योति की भी मौत हो गई.नरौरा के जरगवां निवासी करीब 15 श्रद्धालु सकुशल वापस लौट आए हैं.

हाथरस में हुए हादसे से वापस लौटे रामघाट थाना क्षेत्र के ग्राम जरगवां निवासी प्रेमपाल सिंह ने फोन पर बताया कि करीब 1:30 बजे आरती प्रारंभ होने के दौरान महाराज जी सत्संग से निकले तो कुछ लोगों ने नजदीक से देखने की कोशिश की, इस दौरान वहा फिसलन होने के कारण लोगो फिसलने लगे. भगदड़ मचने से लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए और इतनी मौतें हो गईं.

कासगंज के आठ भक्तों की मौत, 10 घायल
हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई वहीं दस लोग घायल हो गए. मरने वालों में वती देवी (64) सोमवती (60) सीमा (38) प्रियंका (20) युवंश (5), मुन्नी देवी (52) मीनू देवी (45), मीरा देवी (58), सुदामा (65) के नाम शामिल हैं. वहीं दस लोग घायल बताए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः हाथरस के सत्संग में भगदड़, अब तक 116 श्रद्धालुओं की मौत, 109 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल

ये भी पढ़ेंः हाथरस सत्संग हादसा ; राजनीति करने वालों को सीएम ने लगाई फटकार, बोले- साजिशकर्ताओं को नहीं बख्शा जाएगा

हाथरसः हाथरस हादसे में जिला प्रशासन ने अभी तक जान गंवाने वाले 116 मृतकों की सूची जारी की है. जिला प्रशासन के मुताबिक अभी तक इस हादसे में कुल 121 लोगों की मौत हुई है. घायलों की मदद के लिए प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.

hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)
hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)
hathras satsang stampede update list of 116 dead body names and helpline numbers released by administration
मृतकों की सूची. (photo credit: etv bharat)

बता दें कि जिले के थाना कोतवाली सिकंदराराऊ में मंगलवार को रतिभान पुर के फुलराई गांव में नारायण साकार विश्व हरि संस्था की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. यहां भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. जैसे ही सत्संग खत्म हुआ भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में महिलाएं और बच्चे बुरी तरह से कुचल गए. इस हादसे में देर रात तक जिला प्रशासन की ओर से 116 महिलाओं, बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है. हादसे के दौरान घटनास्थल पर हर तरफ लाशें ही लाशें नजर आईं. शवों को मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से 116 मृतकों की सूची और हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. जो लोग हादसे में घायल हैं उनके परिजन इन नंबर पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं.

हाथरस घटना को लेकर अलीगढ़ के जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया कि अलीगढ़ में 23 डेथबॉडी आई है. वही जेएन मेडिकल कॉलेज में तीन घायलो का उपचार चल रहा है. एक की हालत गंभीर है. जैसे आईसीयू में एडमिट किया गया है. AMU एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से रजिस्ट्रार, कुलपति द्वारा स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं, 15 शव जेएन मेडिकल कॉलेज में, 6 मलखान सिंह जिला अस्पताल और दो पोस्टमार्टम हाउस में आ चुके हैं. पुलिस पंचायतनामा भरकर आगे की कार्रवाई कर रही है.

इन हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ले सकते हैं जानकारी

  • आगरा जोन कंट्रोल-7839866849
  • अलीगढ़ रेंज कंट्रोल-7839855724
  • आगरा रेंज कंट्रोल-7839855724
  • हाथरस कंट्रोल-9454417377
  • एटा कंट्रोल-9454417438
  • अलीगढ़ कंट्रोल-7007459568

हाथरस हादसे के लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार-अखिलेश यादव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस हादसे को बहुत दर्दनाक और दुःखद बताया है. उन्होंने कहा कि हादसे को लेकर हमें और हमारी पार्टी को बहुत दुःख है. जिन लोगों की जान गई है, उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है. इस घटना में पूरी सरकार और प्रशासन की लापरवाही है. सरकार के पास जानकारी थी, उसके बावजूद जरूरी इंतजाम नहीं किए गये. लापरवाही की वजह से जानें गई है, उसकी जिम्मेदार सरकार है. जानें बच सकती थी, लेकिन सरकार एम्बूलेंस और गाड़ियों की व्यवस्था नहीं कर पाई. जो घायल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे, उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिला. न दवाएं मिली न ऑक्सीजन मिली. लोगों को बचाने का कोई इंतजाम नहीं था. इस सबके लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है.

पीएम रिपोर्ट में खुलासा ज्यादातर की मौत दम घुटने से

आगरा: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में 21 शव के पोस्टमार्टम किए गए. जिसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि, ज्यादातर मौतें दम घुटने यानी एस्फिक्सिया के चलते हुआ है. 21 में से 3 डेड बॉडी के हेड इंजरी थी. इसके साथ ही तीन की पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह शॉक एंड हैमरेज आया है. जिनमें से ज्यादातर मामलों में छाती में खून जमने से दम घुटा है. जितने शव आए हैं. सबके शरीर मिट्टी से भरे हुए थे. पोस्टमार्टम में तीन शव के पीएम में हेड इंजरी थी. तीन की मौत शॉक एंड हैमरेज से हुई थी. बांकी की मौत दम घुटने से हुई.

LIU ने हादसे की जताई थी आशंका, जिला प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया

अलीगढ़: हाथरस हादसे में बढ़ा खुलासा सामने आया है कि, LIU ने जिला प्रशासन को इस कार्यक्रम के बारे में अलर्ट किया था, यह भी अनुमान जताया था की आवश्यकता से अधिक भीड़ आ सकती है, लेकिन जिला प्रशासन ने इसको अनदेखा कर दिया. इतना ही नहीं सत्संग में आने वाली भीड़ के लिए केवल एक ही थाने की पुलिस को तैनात किया गया. इतने बड़े आयोजन की मॉनिटरिंग जिला प्रशासन की तरफ से नहीं की गई.

हाथरस से पहले इटावा में सत्यसंग करने की बनी थी योजना

इटावा: हाथरस सत्यसंग से पहले उसकी योजना इटावा में बनाई गई थी. भोले बाबा के अनुयायियों ने इसके लिए इटावा में स्थान भी फाइनल कर लिया, और डीएम के दफ्तर में अनुमति की फाइल भी लगा दी. हालांकि तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए इटावा के डीएम ने इस आयोजन के लिए अनुमति ही नहीं दी. ऐसे में आनन फानन में यह कार्यक्रम हाथरस में लगाया गया बताया जा रहा है कि 2 जुलाई को विचारपुरा ग्राम पंचायत में कार्यक्रम होना था, रेलवे लाइन के किनारे होने के कारण जिलाधिकारी ने परमिशन नहीं दी थी.

रायबरेली की महिला भी हाथरस हादसे का शिकार

रायबरेली: हाथरस हादसे में रायबरेली की भी एक महिला घायल हो गई है, जिसका नाम रामश्री है और यह लालगंज थाना इलाके में लोदीपुर उतरावां के रहने वाले रामशंकर की पत्नी हैं. महिला दो दिन पहले हाथरस सत्संग में शामिल होने के लिए निकली थीं. परिजनों के मुताबिक भगदड़ के दौरान रामश्री में गिर गई थीं, फिर सैकड़ों लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए थे. इस घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी, उसका पैर टूट गया है. जानकारी होने के बाद जिला प्रशासन ने घायल महिला के घर राजस्व की टीम रवाना कर दी है, बताया जा रहा है कि महिला का इलाज अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल में चल रहा हैं.

सभी मृतकों के परिजनों को सरकार देगी मुआवजा

लखनऊ: हाथरस हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ 3 अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हैं. इनमें मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के श्रद्धालु शामिल हैं. वहीं, प्रदेश के अंदर 17 जिलों के श्रद्धालुओं की भी मृत्यु हुई है. इन सभी मृतकों के परिजनों को योगी सरकार सहायता राशि प्रदान करेगी. जिला प्रशासन की से जारी सूची में 6 मृतक दूसरे राज्यों से हैं. इनमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक, हरियाणा के पलवल से एक और फरीदाबाद से 3, जबकि राजस्थान के डीग से 1 श्रद्धालु शामिल हैं. इनको भी मुआवजा देने की घोषणा की गई है.

घायलों के लिए विशेष प्रार्थना

प्रयागराज: हाथरस हादसे में घायल लोगों के लिए संगम नगरी प्रयागराज में बुधवार को एक विशेष आरती की गई. आरती के बाद लोगों ने 2 मिनट का मौन रखा. 2 मिनट का मौन रख कर मृतक आत्माओं के शांति के लिए प्रार्थना किया गया. साथ ही घटना में घायल व्यक्तियों को मां गंगा से जल्द स्वस्थ होने की कामना की गई.

हादसे में भोले बाबा की मुख्य सेवादार की भी मौत

औरैया: हाथरस हादसे में औरैया के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के बीसलपुर निवासी शीला देवी की मौत हो गई. बुधवार को शव पहुंचने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. मृतक के बेटे अरुण ने बताया कि, उनकी मां भोले बाबा की मुख्य सेवादार थी. करीब 8 साल से बाबा की सेवा कर रहीं थी. सत्संग में मृतिक के ऊपर जल सेवा की जिम्मेदारी होती थी. अरुण कुमार ने बताया कि, वह भी मां के साथ करीब 3 साल तक बाबा के आश्रम में गए है. जब काफी समय बाद उनकी शक्तियों का अहसास नहीं हुआ तो उसने बाबा की सेवा भी छोड़ दी थी. अभी घटना से पहले अरुण ने मां को जाने से मना किया था, लेकिन मां नहीं मानी और अन्य सेवादारों के साथ चली गई. और अब लौटी है तो सिर्फ मां की लाश.

सत्यसंग में लालगंज से गए सभी लोग सकुशल लौटे

रायबरेली: हाथरस भगदड़ में सही सलामत वापस घर को लौटे लोग अब भी उस खौफनाक मंजर को याद कर सिहर उठते हैं. रायबरेली से बस में सवार होकर सत्संग सुनने हाथरस गए 60 लोगों में से 21 लोग लालगंज के रहने वाले थे. सकुशल वापस लौट कर आने पर उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं. सत्संग में गए राम चौधरी ने बताया कि, प्रवचन समाप्त हुआ उसके बाद यह हादसा हुआ. हम लोग पंडाल में मौजूद थे. इसलिए हमें कुछ मालूम ही नहीं चला.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घायलों का जाना हाल

हाथरस: हाथरस दर्दनाक हादसे के घायलों का हालचाल जानने बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हाथरस जिला अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और हादसे के बारे में भी जानकारी ली. डिप्टी सीएम 1 घंटे तक जिला अस्पताल में रहे. ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा अधिकारियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी बातचीत की. उन्होंने सभी से हादसे में मृतकों और घायलों के बारे में विस्तृत जानकारी ली.

हादसे में लापता की तलाश जारी (video credits ETV BHARAT)

अपनों की तलाश में पूरी रात भटकते रहे परिजन: हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा का सत्संग में मची भगदड़ के बाद से ही लापता अपने परिजनों को लोग खोज रहे हैं. कासगंज के राकेश भी इसमें शामिल हैं. जिनकी बहन हादसे के बाद से घर नहीं पहुंची है. राकेश अब तक हाथरस, अलीगढ़, एटा, सिकंदराराऊ में 100 से अधिक लाशों में अपनी लापता बहन को ढूंढ चुके हैं. बहन का कहीं पता नहीं लग पाया है. एसएन मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे राकेश ने लाशों में बहन की पहचान की. बहन की लाश नहीं होने पर थोड़ा सब्र हुआ. लेकिन, नहीं मिलने से चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही थीं. राकेश ने कहा कि, बहन का कुछ पता नहीं चल रहा है. भगवान करे कि, मेरी बहन जिंदा हो. वहीं, आगरा में डॉक्टरों की टीम ने 25 शव का पोस्टमार्टम किया. इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने सभी शव उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिए. जिनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

वीडियो में देखा मां नहीं रही: मथुरा निवासी अनिल भी अपनी मां जैमंती देवी (60) साल को ढूंढने के लिए भटकते रहे. आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे अनिल ने बताया कि, जैसे ही हादसे की सूचना मिली तो सीधा सिकंदराराऊ पहुंचा. वहां पर मां नहीं मिली तो वहां से हाथरस पहुंच गया. तभी उनके मोबाइल पर एक वीडियो आया, जिसमें उनकी मां मृत दिखीं. मां के मोबाइल से फोन किया था. इसके बाद आगरा में मां की डेड बॉडी मिली. अनिल ने बताया कि, 15 साल पहले मां भोले बाबा के सत्संग से जुड़ी थी. अभी 9 महीने पहले ही बड़े भाई, भतीजे और भांजे की हाथरस में ही एक्सीडेंट में मौत हो गई थी.

मां की तलाश में पूरी रात भटकते रहे: मथुरा के ही निवासी विशाल कुमार भी बुधवार सुबह आगरा के एसएन मेडिकल कालेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. विशाल ने बताया कि, जब सत्संग में भगदड़ और महिलाओं की मौत की जानकारी मिली तो हम लोग तुरंत मां को खोजने निकले. रास्ते में उनके मौत की सूचना मिली. पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मां पुष्पा देवी का शव लेने सबसे अलीगढ़ पहुंचे. वहां जानकारी नहीं मिली वहां से फिर एटा पहुंचा वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली फिर आगरा आया.

बाबा पर एफआईआर दर्ज करने की मांग (video credits ETV BHARAT)

भगदड़ के दौरान खाई गिरने से दो बच्चों की मौत

शाहजहांपुर: हाथरस सत्संग हादसे में शाहजहांपुर के भी चार लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में दो बच्चे और दो महिला शामिल हैं. बुधवार को जैसे ही उनके शव गांव में पहुंचे तो कहराम मच गया. वहीं सत्यसंग से लौटी दोनों मृतक बच्चे आयुष (9) और काव्या (7) की बुआ ने भोले बाबा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. मृतक के पिता का कहना है कि, भोले बाबा खुद को ब्रह्मांड का भगवान बताते थे. लेकिन उनकी ही वजह से लोग मौत के मुंह में समा गए. शोभा का कहना है कि, वह अपने दोनों भतीजे को लेकर में सड़क के किनारे बनी खाई में गिर गई. जिसके बाद दर्जनों लोग उनके ऊपर गिर गए. किसी तरह वह तो बच गई लेकिन उसके दोनों भतीजों की दम घुटने से मौत हो गई. वह घंटे चिल्लाती रही लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की.

बीमारी ठीक नहीं किए बाबा तो उठ गया था भरोसा (video credits ETV BHARAT)

सेवादार बनने के बाद भी नहीं मिला बीमारी में लाभ, तो अनिल ने छोड़ दिया आश्रम

औरैया: हाथरस हादसे में औरैया के दो लोगों की मौत हो गई थी जिनका बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिले के अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री नगर निवासी रिटायर्ड फौजी राम नरेश(65) और कोतवाली इलाके के बीसलपुर निवासी शीला देवी (70) की भगदड़ में मौत हो गई. अंतिम संस्कार के दौरान जिले के अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं मृतक रामनरेश के घर पर मौजूद अनिल कुमार ने बताया कि वह भी 7 साल पहले सेवादार रहे चुके हैं. जिस दौरान घर में बीमारी और दूसरी समस्याएं आने लगी तो उनका भरोसा बाबा से उठने लगा. और इसी बीच उनकी पत्नी की मौत हो गई. जिसके बाद से वह और उनके परिवारजनों का बाबा के ऊपर से विश्वास बिलकुल खत्म हो गया. वहीं अब इस हादसे के बाद लोगों के जहन में बाबा के प्रति आस्था नहीं बल्कि आक्रोश फूट रहा है.

कानपुर के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती (video credits ETV BHARAT)

सत्यसंग में मौजूद चश्मदीद ने सुनाई भगदड़ की कहानी

कानपुर: हाथरस सत्यसंग में शामिल होने के लिए कानपुर से भी चार बसों में सवार होकर करीब 200 से 250 लोग गए थे. वहीं सत्संग में गए सागर गुप्ता ने भगदड़ की आंखों देखी हाल सुनाया. ईटीवी भारत से उस भयावह दृश्य को साझा करते हुए सागर ने कहा कि, सत्संग में काफी ज्यादा उमस और गर्मी थी. जिस वजह से लोग काफी ज्यादा परेशान हो रहे थे. वही, बारिश की वजह से रोड भी गिली थी. और इस कारण बच्चे और बूढ़े छुपना चाहते थे. जिस वजह से वहां भगदड़ मच गई और ये पूरा हादसा हुआ.

मथुरा में बेटी ने सुनाई मां की मौत की कहानी (video credits ETV BHARAT)

भगदड़ में मां से बिछड़ी बेटी ने सुनाई आपबीती

मथुरा: हाथरस हादसे में मथुरा के ग्यारह लोगों की मौत हुई है. जिले के हाईवे थाना क्षेत्र नगला माना गांव की रहने वाली किशन देवी अपनी बेटी के साथ सत्संग सुनने गई थी. लेकिन भगदड़ में मां बेटी दोनों अलग हो गई और हादसे में 60 साल की महिला किशन देवी की मौत हो गई. परिवार में मातम छाया हुआ है. निशा ने बताया कि, बाबा जाने लगे तो भीड़ इधर-उधर भागने लगी, मैं अपनी मां से बिछड़ गई. बाद मैं जानकारी मिली की मां इस दुनिया में नहीं है. भगवान मुझे भी अपनी मां के साथ ले लेता.


आगरा के 18 अनुयायियों की मौत, देर रात पहुंची दो डेड बॉडी
विश्व साकार हरि उर्फ भोले बाबा के अनुयायी बडी तादाद में आगरा में भी है. आगरा से हाथरस सत्संग में शामिल होने के लिए सैंकड़ों अयुयासी बसों या अन्य वाहन से गए थे. जिसमें शाहगंज थाना के केदार नगर से तीन बसों में 150 लोग, एत्मादपुर से 8-9 बसों में लगभग 200 लोग, दयालबाग के बहादुरपुर, सिकंदरपुर, खासपुर और लालगढ़ी से तीन बसों में भरकर श्रद्धालु सत्संग सुनने के लिए हाथरस गए थे.

बस और वाहनों से गए थे अनुयायी
बहादुरपुर निवासी राकेश सिंह बताते हैं कि, चार गांवों से तीन बसों में अनुयायी सत्संग सुनने हाथरस गए. इसके साथ ही कई अपने निजी वाहनों से भी गए. मेरी पत्नी भी गई थी. जैसे ही टीवी पर हादसे की जानकारी हुई, घरों में कोहराम मच गया. सत्यवीर चौधरी ने बताया कि, गांव से कई लोग सुबह प्रवचन सुनने के बाद शाम को लौट आते हैं. इसके साथ ही तमाम वहीं ठहर जाते हैं. दयालबाग निवासी सौरभ चौधरी ने बताया कि, हादसे की खबर से अनुयायी के घरों में चूल्हा ही नहीं जले हैं. क्योंकि, तमाम बच्चे और महिलाएं अभी तक नहीं आए हैं. ना ही उनके बारे में जानकारी मिल रही है.

50 से ज्यादा लापता
हाथरस के सत्संग में आगरा से गए अनुयायी बड़ी संख्या में अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं. जिसको लेकर लोग परेशान हैं. दयालबाग क्षेत्र से गए 50 लोगों के ग्रुप के सभी लोग अभी तक लापता हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. घरवाले जानकारी करने में जुटे हैं.

बदायूं की छह महिलाओं व किशोरी की मौत
बदायूं के बिल्सी कस्बे से भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने के लिए एक निजी बस से कल हाथरस 50 से ज्यादा लोग गए थे. इसमें 53 वर्षीय वीरवती और 16 वर्षीय रोशनी की मौत हो गई. वहीं चार महिलाओं और एक किशोरी की भी मौत हो गई है.


शाहजहांपुर की महिला की मौत
हादसे में शाहजहांपुर निगोही के मोहल्ला नई बस्ती गौटिया निवासी हरिसरण की पत्नी रामा देवी की मौत हो गई. काफी देर तलाश के बाद पति को पत्नी का शव मिला. वहीं, हाथरस हादसे में औरैया के रामनरेश समेत दो लोगों की मौत हो गई है. थोड़ी ही देर में उनके शव आवास पर ले जाए जाएंगे. बीजेपी विधायक ने परिजनों से मिलकर शोक संवेदना जताई.

बुलंदशहर की महिला व बच्ची की मौत
हाथरस के सिकंदराराऊ के पास फूलमई मुगलगढी गांव में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से छतारी के त्यौर बुजुर्ग गांव निवासी 80 वर्षीय माया देवी की मौत हो गई जबकि सुल्तानपुर बिलौनी निवासी 12 वर्षीय बच्ची ज्योति की भी मौत हो गई.नरौरा के जरगवां निवासी करीब 15 श्रद्धालु सकुशल वापस लौट आए हैं.

हाथरस में हुए हादसे से वापस लौटे रामघाट थाना क्षेत्र के ग्राम जरगवां निवासी प्रेमपाल सिंह ने फोन पर बताया कि करीब 1:30 बजे आरती प्रारंभ होने के दौरान महाराज जी सत्संग से निकले तो कुछ लोगों ने नजदीक से देखने की कोशिश की, इस दौरान वहा फिसलन होने के कारण लोगो फिसलने लगे. भगदड़ मचने से लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए और इतनी मौतें हो गईं.

कासगंज के आठ भक्तों की मौत, 10 घायल
हाथरस में सत्संग के दौरान हुए हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई वहीं दस लोग घायल हो गए. मरने वालों में वती देवी (64) सोमवती (60) सीमा (38) प्रियंका (20) युवंश (5), मुन्नी देवी (52) मीनू देवी (45), मीरा देवी (58), सुदामा (65) के नाम शामिल हैं. वहीं दस लोग घायल बताए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः हाथरस के सत्संग में भगदड़, अब तक 116 श्रद्धालुओं की मौत, 109 महिलाएं और 7 बच्चे शामिल

ये भी पढ़ेंः हाथरस सत्संग हादसा ; राजनीति करने वालों को सीएम ने लगाई फटकार, बोले- साजिशकर्ताओं को नहीं बख्शा जाएगा

Last Updated : Jul 3, 2024, 9:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.