गुरुग्राम: बादशाहपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद (Rakesh Daultabad) का हार्ट अटैक से निधन हो गया. बताया जा रहा है कि उन्हे सुबह घर पर करीब 10.30 बजे हार्ट अटैक आया था. गंभीर हालत में उन्हे गुरूग्राम के पालम विहार स्थित मणिपाल अस्पताल में कराया था भर्ती. अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. राकेश दौलताबाद की उम्र महज 45 साल थी.
2019 में विधायक बने राकेश दौलताबाद
राकेश दौलताबाद 2019 में बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी मनीष यादव को 10185 वोट से हराया था. उन्होंने 2009 और 2014 विधानसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन कड़ी टक्कर में हार गये थे. 2014 में उन्हे बीजेपी के राव नरबीर से 18132 वोट से और 2009 में कांग्रेस के पूर्व मंत्री राव धर्मपाल से 11385 वोट से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2019 में उन्हें सफलता मिली और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. बादशाहपुर हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा है.
समाजसेवा से जुड़े थे राकेश दौलताबाद
राकेश दौलताबाद की पहचान समजासेवी के रूप में भी थी. उन्होंने समाज सेवा के लिए सामाजिक संगठन परिवर्तन संघ का गठन किया था. पिछले कई सालों से वो गरीब लड़कियों की शादी कराने से लेकर तमाम समाज सेवा का काम करते रहे हैं. उनकी इसी लोकप्रियता ने उन्हें विधानसभा तक पहुंचा दिया. राकेश दौलताबाद के निधन से इलाके में शोक की लहर है. प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख प्रकट किया है.
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राकेश दौलताबाद के निधन पर दुख जताया है. अपने सोशल मीडिया X पर उन्होंने लिखा, हरियाणा के विधायक राकेश दौलताबाद जी के आकस्मिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने बहुत ही कम उम्र में लोगों के बीच एक अलग पहचान बनाई थी. उनका जाना प्रदेश की राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान है. ईश्वर शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करे. ओम शांति
सुबह 11 बजे हो गया था निधन
राकेश दौलताबाद के निधन के बाद परिवार में शोक की लहर है. बताया जा रहा है कि उनका निधन आज सुबह तकरीबन 11 बजे हो गया था लेकिन ये खबर तकरीबन 12:30 बजे बाहर आई. इसके पीछे भी वजह बताई जा रही है कि अगर खबर पहले बाहर आ जाती तो लोकसभा चुनाव के मतदान पर इसका असर पड़ता. वोटिंग प्रतिशत कम रह जाता.