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बैकडोर से भर्ती हुए बर्खास्त कर्मचारियों से बलपूर्वक खाली कराए जाएंगे 40 सरकारी आवास, पुलिस फोर्स की मांग - Assembly recruitment scam - ASSEMBLY RECRUITMENT SCAM

Houses will be forcefully vacated from dismissed employees In Dehradun उत्तराखंड राज्य संपत्ति विभाग देहरादून में बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. इसके लिए उसने पुलिस बल मांगा है. दरअसल विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए और 2022 में बर्खास्त कर्मचारियों ने अभी तक राज्य संपत्ति विभाग के 40 सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं. कई नोटिस के बाद भी आवास खाली नहीं करने वाले इन बर्खास्त कर्मचारियों से अब बलपूर्वक सरकारी आवास खाली कराए जाने की तैयारी हो रही है.

Houses will be forcefully vacated
आवास कराए जाएंगे खाली (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 29, 2024, 2:51 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 8:33 PM IST

आवास कराए जाएंगे खाली (Houses will be forcefully vacated)

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में नियम विरुद्ध भर्ती का मामला फिर सुर्खियों में है. इस बार बर्खास्त कर्मचारियों पर राज्य संपति विभाग द्वारा बलपूर्वक कार्रवाई करने के लिए मामला चर्चा में आया है. दरअसल विहित प्राधिकारी ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए पुलिस बल की मांग की है, ताकि तमाम नोटिस के बावजूद राज्य संपति विभाग के सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए विधानसभा के पूर्व कर्मचारियों को यहां से हटाया जा सके.

बलपूर्वक खाली होंगे सरकारी आवास: उत्तराखंड विधानसभा में अवैध रूप से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को सरकारी भवनों से हटाने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी. राज्य संपत्ति विभाग के ऐसे 40 आवास हैं, जिन पर इन बर्खास्त कर्मचारियों ने कब्जा किया हुआ है. विधानसभा द्वारा इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद कई बार ऐसे कर्मचारियों को घर खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए गए हैं. इसके बावजूद बर्खास्त कर्मचारी सरकारी निर्देशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि पहले ही मानवीय पहलुओं को देखते हुए राज्य संपति विभाग के अधिकारियों ने इन बर्खास्त कर्मचारियों को काफी समय दिया और इन्हें दूसरे आवास में जाने के लिए भी पर्याप्त मौका देते हुए नोटिस जारी किए गए. इस सबके बावजूद बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सरकारी भवन नहीं छोड़े गए और अब इन कर्मचारियों को बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई होने जा रही है.

Houses will be forcefully vacated
आवास कराए जाएंगे खाली (ETV BHARAT)

राज्य संपत्ति विभाग खाली कराएगा आवास: विहित अधिकारी (Prescribed Officers) दिनेश प्रताप सिंह द्वारा इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है. वहीं अब राज्य संपत्ति विभाग को इसके लिए कार्रवाई करनी है. ऐसे तमाम कर्मचारी हैं जो लंबे समय से सरकारी आवास के आवेदन लगाए हुए हैं. ऐसे में यह कार्रवाई होने के बाद इन जरूरतमंद कर्मचारियों को सरकार ही आवास दिए जा सकेंगे.

विधानसभा बैकडोर भर्ती का मामला: नैनीताल हाईकोर्ट में फिलहाल बर्खास्त कर्मचारियों का यह मामला चल रहा है और हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार से विधानसभा भर्ती मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है. इस मामले में एक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए विधानसभा में हुई बैक डोर भर्ती, भ्रष्टाचार और अनियमितता की बात रखी थी.

Houses will be forcefully vacated
आवास कराए जाएंगे खाली (ETV BHARAT)

228 बर्खास्त कर्मचारियों का मामला: इस मामले में सितंबर 2022 में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी में 228 कर्मचारियों को विधानसभा से बर्खास्त कर दिया था. एक जांच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया था कि इन सभी की नियुक्ति बैक डोर से की गई थी. विधानसभा में की गई नियुक्तियां कांग्रेस के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल और भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं. मामले में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी तो 24 सितंबर 2022 को स्पीकर ने भर्तियों को अवैध मानते हुए 228 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.

इस प्रकरण में अब ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई को लेकर आवाज उठी है, जिनके द्वारा इन भर्तियों को किया गया था. हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है और नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से भी इस पर जवाब मांगा है.
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देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में नियम विरुद्ध भर्ती का मामला फिर सुर्खियों में है. इस बार बर्खास्त कर्मचारियों पर राज्य संपति विभाग द्वारा बलपूर्वक कार्रवाई करने के लिए मामला चर्चा में आया है. दरअसल विहित प्राधिकारी ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए पुलिस बल की मांग की है, ताकि तमाम नोटिस के बावजूद राज्य संपति विभाग के सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए विधानसभा के पूर्व कर्मचारियों को यहां से हटाया जा सके.

बलपूर्वक खाली होंगे सरकारी आवास: उत्तराखंड विधानसभा में अवैध रूप से नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को सरकारी भवनों से हटाने के लिए बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी. राज्य संपत्ति विभाग के ऐसे 40 आवास हैं, जिन पर इन बर्खास्त कर्मचारियों ने कब्जा किया हुआ है. विधानसभा द्वारा इन कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद कई बार ऐसे कर्मचारियों को घर खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए गए हैं. इसके बावजूद बर्खास्त कर्मचारी सरकारी निर्देशों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. हालांकि पहले ही मानवीय पहलुओं को देखते हुए राज्य संपति विभाग के अधिकारियों ने इन बर्खास्त कर्मचारियों को काफी समय दिया और इन्हें दूसरे आवास में जाने के लिए भी पर्याप्त मौका देते हुए नोटिस जारी किए गए. इस सबके बावजूद बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा सरकारी भवन नहीं छोड़े गए और अब इन कर्मचारियों को बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई होने जा रही है.

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आवास कराए जाएंगे खाली (ETV BHARAT)

राज्य संपत्ति विभाग खाली कराएगा आवास: विहित अधिकारी (Prescribed Officers) दिनेश प्रताप सिंह द्वारा इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है. वहीं अब राज्य संपत्ति विभाग को इसके लिए कार्रवाई करनी है. ऐसे तमाम कर्मचारी हैं जो लंबे समय से सरकारी आवास के आवेदन लगाए हुए हैं. ऐसे में यह कार्रवाई होने के बाद इन जरूरतमंद कर्मचारियों को सरकार ही आवास दिए जा सकेंगे.

विधानसभा बैकडोर भर्ती का मामला: नैनीताल हाईकोर्ट में फिलहाल बर्खास्त कर्मचारियों का यह मामला चल रहा है और हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार से विधानसभा भर्ती मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है. इस मामले में एक याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए विधानसभा में हुई बैक डोर भर्ती, भ्रष्टाचार और अनियमितता की बात रखी थी.

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आवास कराए जाएंगे खाली (ETV BHARAT)

228 बर्खास्त कर्मचारियों का मामला: इस मामले में सितंबर 2022 में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी में 228 कर्मचारियों को विधानसभा से बर्खास्त कर दिया था. एक जांच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया था कि इन सभी की नियुक्ति बैक डोर से की गई थी. विधानसभा में की गई नियुक्तियां कांग्रेस के कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल और भाजपा सरकार में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई थीं. मामले में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी तो 24 सितंबर 2022 को स्पीकर ने भर्तियों को अवैध मानते हुए 228 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए.

इस प्रकरण में अब ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई को लेकर आवाज उठी है, जिनके द्वारा इन भर्तियों को किया गया था. हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है और नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से भी इस पर जवाब मांगा है.
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Last Updated : Jul 29, 2024, 8:33 PM IST
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