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गुलाम नबी ने अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में वोटिंग की तारीख बदलने का स्वागत किया - Ghulam Nabi on ECs decision

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By PTI

Published : May 2, 2024, 8:06 AM IST

Ghulam Nabi Azad welcomes EC's decision (photo ANI)
गुलाम नबी आजाद ने एसी के फैसले का स्वागत किया (फोटो एनी)

Ghulam Nabi welcomes ECs decision to postpone polls: जम्मू-कश्मीर में डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट पर वोटिंग की तारीख बदलने से खुश हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया.

राजौरी/जम्मू: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में वोटिंग की तारीख बदलने के चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि इससे कई राजनीतिक दलों को राहत मिली है. आजाद ने संसदीय चुनावों की तुलना में विधानसभा चुनावों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि चुनावों के माध्यम से विधान सभा और विधायकों का गठन करना बहुत महत्वपूर्ण है.

गुलाम नबी आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'कभी भी देर नहीं होती. भारत के चुनाव आयोग के फैसले ने हमें राहत दी है. मैं इस सही निर्णय के लिए चुनाव आयोग को धन्यवाद देता हूं. इस फैसले से सभी राजनीतिक दलों को फायदा होगा. वास्तव में सभी दल खुश हैं.' आजाद अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम के लिए राजौरी में प्रचार अभियान पर निकले थे.

अनंतनाग-राजौरी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला: अनंतनाग-राजौरी सीट पर पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और एनसी के मियां अल्ताफ के साथ त्रिकोणीय मुकाबला है. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को इस निर्वाचन क्षेत्र में छठे या सातवें चरण के लिए मतदान निर्धारित करना चाहिए था. उन्होंने बताया कि इस परिस्थिति ने उन्हें और अन्य राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखने के लिए प्रेरित किया, जिसमें मुगल रोड के फिर से खुलने तक चुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया गया.

आजाद ने निर्वाचन क्षेत्र के चुनौतियों पर प्रकाश डाला: आजाद ने निर्वाचन क्षेत्र के भीतर महत्वपूर्ण यात्रा चुनौतियों पर प्रकाश डाला. कश्मीर से जम्मू होते हुए पुंछ पहुंचने में तीन दिन लगते हैं और लौटने में तीन दिन और लगते हैं. यह कैसे संभव है कि एक निर्वाचन क्षेत्र में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक यात्रा करने में छह दिन और तीन रातें लगें? उन्होंने पूछा.

डीपीएपी अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद वह पिछले 10 से 15 दिनों से पीर की गली के माध्यम से मुगल रोड को फिर से खोलने का इंतजार कर रहे थे ताकि वह अपने उम्मीदवार के साथ यहां चुनाव प्रचार कर सकें. उन्होंने कहा, 'भारी बर्फबारी और बारिश के कारण यह सड़क आज तक दोबारा नहीं खोली जा सकी है.'

घुमंतू समुदाय की वोट देने की क्षमता पर असर के बारे में आजाद ने कहा, 'घुमंतू समुदाय पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के मामले में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वे आम तौर पर जून में ऊपरी इलाकों में चले जाते हैं क्योंकि अभी तक पहाड़ियाँ बर्फ से ढकी हुई हैं. तब तक हमें नतीजे भी मिल जायेंगे और सरकार भी बन जायेगी.' अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने इसे 'रोमांटिक' बताया और जोर दिया कि यह 1947 के बाद जम्मू- कश्मीर क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया पहला निर्वाचन क्षेत्र है.

आजाद ने कांग्रेस पर साधा निशाना: आजाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह पहली बार नहीं है जब किसी ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. कई पार्टियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. इस पर संसद में बहस हुई. कोर्ट और ईसीआई ने इसे सही माना है. उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त चुनाव आयुक्तों ने भी उनकी वैधता का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'जब कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियां जीतती हैं तो ईवीएम सही होती हैं और हार के समय वे गलत होती हैं.'

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