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फ्री इलाज और फैमिली को पेंशन, क्या हैं ESIC स्कीम के फायदे और कौन हैं पात्र? जानें - ESIC SCHEME

जिन कर्मचारियों की सैलरी 21 हजार या उससे कम है. वे ESIC स्कीम के तहत फ्री इलाज और फैमिली पेंशन जैसे लाभ उठा सकते हैं.

ESIC स्कीम के फायदे
ESIC स्कीम के फायदे (सांकेतिक तस्वीर)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 20, 2024, 3:48 PM IST

नई दिल्ली: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के सब्सक्राइबर्स की संख्या में इस साल अक्टूबर में 3 फीसदी यानी 17.80 लाख की बढ़ोतरी हुई है. पेरोल डेटा में यह जानकारी दी गई है. इस संबंध में श्रम मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2024 तक 21,588 नए संस्थानों को ESIC स्कीम के सोशल सिक्योरिटी दायरे में लाया गया है.

ईएसआई स्कीम उन कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है, जिनकी इनकम कम होती है. इस स्कीम से फायदा प्राइवेट कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलता है. इसकी संचालन कर्मचारी राज्य बीमा निगम करता है. इस योजना को कर्मचारियों को सोशल और फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए डिजाइन किया गया है.

ESIC स्कीम में कौन कर सकता है आवेदन?
इस स्कीम का लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी सैलरी 21 हजार रुपये प्रति माह या इससे कम है. इस तरह के कर्मचारियों को कंपनी योजना में एनरॉल शामिल करती है. ESI स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 फीसदी के बराबर योगदान किया जाता है.

ESIC स्कीम के फायदे
ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को सबसे बड़ा मुफ्त इलाज का मिलता है. इस स्‍कीम के जरिए बीमित व्‍यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्‍यों को भी फ्री में इलाज की सुवि‍धा मिलती है. इतना ही नहीं स्कीम के तहत इलाज में आने वाले खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. वहीं, अगर कर्मचारी महिला है तो उसे मैटरनिटी लीव के दौरान डिलीवरी में 26 हफ्ते तक और गर्भपात की स्थिति में 6 हफ्ते तक औसत वेतन का 100 फीसदी पेमेंट किया जाता है.

स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी और स्‍थायी रूप से अपंग बीमाकृत व्‍यक्ति और उसके जीवनसाथी को 120 रुपये के एनुअल प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है. साथ ही बीमित शख्स को बीमारी के दौरान होने वाली छुट्टी के लिए एक साल में मैक्सिमम 91 दिनों की मजदूरी का 70 फीसदी भुगतान किया जाता है.

इसके अलावा इसमें कर्मचारी की रोजगार के दौरान मौत हो जाने पर आश्रितों को मासिक पेंशन देना का प्रावधान है. पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है- पहला बीमित व्यक्ति की पत्नी, दूसरा बच्‍चों और तीसरा उसके माता-पिता की पेंशन.

कैसे उठाएं फायदा?
इस स्कीम के तहत कर्मचारी को ESI कार्ड जारी किया जाता है. अगर कोई शख्स ईएसआई स्कीम के तहत मिलने वाले फ्री इलाज का फायदा उठाना चाहता है तो उसे ईएसआई डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल जाना होगा. ईएसआई डिस्पेंसरी और हॉस्पिटल में स्कीम के तहत आने वाले बीमित व्‍यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्‍यों को भी फ्री में इलाज की सुवि‍धा मिल जाएगी.

यह भी पढ़ें- QR कोड स्कैन करते समय बरतें सावधानी, भूल कर भी किया ये काम, तो बैंक अकाउंट हो जाएगा खाली

नई दिल्ली: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के सब्सक्राइबर्स की संख्या में इस साल अक्टूबर में 3 फीसदी यानी 17.80 लाख की बढ़ोतरी हुई है. पेरोल डेटा में यह जानकारी दी गई है. इस संबंध में श्रम मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर 2024 तक 21,588 नए संस्थानों को ESIC स्कीम के सोशल सिक्योरिटी दायरे में लाया गया है.

ईएसआई स्कीम उन कर्मचारियों के लिए चलाई जाती है, जिनकी इनकम कम होती है. इस स्कीम से फायदा प्राइवेट कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलता है. इसकी संचालन कर्मचारी राज्य बीमा निगम करता है. इस योजना को कर्मचारियों को सोशल और फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के लिए डिजाइन किया गया है.

ESIC स्कीम में कौन कर सकता है आवेदन?
इस स्कीम का लाभ वे कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी सैलरी 21 हजार रुपये प्रति माह या इससे कम है. इस तरह के कर्मचारियों को कंपनी योजना में एनरॉल शामिल करती है. ESI स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. इसमें कर्मचारी की तरफ से सैलरी का 1.75 फीसदी और नियोक्ता की ओर से कर्मचारी की सैलरी के 4.75 फीसदी के बराबर योगदान किया जाता है.

ESIC स्कीम के फायदे
ईएसआई योजना के तहत आने वाले कर्मचारियों को सबसे बड़ा मुफ्त इलाज का मिलता है. इस स्‍कीम के जरिए बीमित व्‍यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्‍यों को भी फ्री में इलाज की सुवि‍धा मिलती है. इतना ही नहीं स्कीम के तहत इलाज में आने वाले खर्च की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. वहीं, अगर कर्मचारी महिला है तो उसे मैटरनिटी लीव के दौरान डिलीवरी में 26 हफ्ते तक और गर्भपात की स्थिति में 6 हफ्ते तक औसत वेतन का 100 फीसदी पेमेंट किया जाता है.

स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी और स्‍थायी रूप से अपंग बीमाकृत व्‍यक्ति और उसके जीवनसाथी को 120 रुपये के एनुअल प्रीमियम पर चिकित्सा देखरेख प्रदान की जाती है. साथ ही बीमित शख्स को बीमारी के दौरान होने वाली छुट्टी के लिए एक साल में मैक्सिमम 91 दिनों की मजदूरी का 70 फीसदी भुगतान किया जाता है.

इसके अलावा इसमें कर्मचारी की रोजगार के दौरान मौत हो जाने पर आश्रितों को मासिक पेंशन देना का प्रावधान है. पेंशन को 3 भागों में बांटा जाता है- पहला बीमित व्यक्ति की पत्नी, दूसरा बच्‍चों और तीसरा उसके माता-पिता की पेंशन.

कैसे उठाएं फायदा?
इस स्कीम के तहत कर्मचारी को ESI कार्ड जारी किया जाता है. अगर कोई शख्स ईएसआई स्कीम के तहत मिलने वाले फ्री इलाज का फायदा उठाना चाहता है तो उसे ईएसआई डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल जाना होगा. ईएसआई डिस्पेंसरी और हॉस्पिटल में स्कीम के तहत आने वाले बीमित व्‍यक्ति के अलावा उस पर निर्भर पारिवारिक सदस्‍यों को भी फ्री में इलाज की सुवि‍धा मिल जाएगी.

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