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सामूहिक विवाह में 'खेला', दूल्हा न आने पर दुल्हन ने जीजा से की शादी, फिर पोंछा सिंदूर - सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा

Fraud in CM Samuhik Marriage Scheme: झांसी में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन में बड़ा खेला हो गया. दूल्हा न आने पर आयोजकों ने जीजा से दुल्हन की शादी करवा दी. जिसकी जानकारी दुल्हन को भी थी लेकिन उसने भी इसका विरोध नहीं किया. विरोध न करने के पीछे का कारण सरकारी योजना का लाभ लेने की अटकले लगाई जा रही हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 28, 2024, 1:50 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 1:59 PM IST

झांसी: यूपी के झांसी में राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज के मैदान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हो रहा था. सम्मेलन में 132 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. इसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से वर और वधु पहुंचे. सम्मेलन में सभी की शादी रीति रिवाज के अनुसार कराई गई.

जब शादी हो रही थी तभी एक संदिग्ध जोड़ा नजर आया. जब उनसे अलग-अलग जानकारी ली गई तो जो हकीकत सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया. झांसी के बामोर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी. समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन 36 नंबर था.

खुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर और बिंदी पोंछ डाली. वहीं दूल्हे बृषभान से जब बात की गई तो उसने कबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है. वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है. उसने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया.

उसने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और खुशी का रिश्ते में जीजा लगता है. सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ऐसा खेला किया गया था. इस खेल में विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल बताए गए हैं.

समाज कल्याण अधिकारी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी. आधार कार्ड मिलाकर हम लोग सामान बांटते हैं. ब्लॉक से जो सूची आती है, उसी के आधार पर हम लोग शादी कराते हैं. यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी.

ये भी पढ़ेंः यूपी में फर्जी क्राइम ब्रांच; अधिकारी बनकर लूटा था हवाला का रुपया, पुलिस मुठभेड़ में दो गिरफ्तार

झांसी: यूपी के झांसी में राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज के मैदान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हो रहा था. सम्मेलन में 132 जोड़ों की धूमधाम से शादी कराई गई. इसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से वर और वधु पहुंचे. सम्मेलन में सभी की शादी रीति रिवाज के अनुसार कराई गई.

जब शादी हो रही थी तभी एक संदिग्ध जोड़ा नजर आया. जब उनसे अलग-अलग जानकारी ली गई तो जो हकीकत सामने आई, उसने सभी को चौंका दिया. झांसी के बामोर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी. समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन 36 नंबर था.

खुशी ने फेरे लेते ही मांग से सिंदूर और बिंदी पोंछ डाली. वहीं दूल्हे बृषभान से जब बात की गई तो उसने कबूल किया कि असल में उसका नाम दिनेश है. वह छतरपुर नहीं बल्कि बामोर का रहने वाला है. उसने बताया कि बृषभान से शादी होनी थी लेकिन वह नहीं आया तो विभाग के ही कुछ लोगों के कहने पर वह बृषभान की जगह दूल्हा बन गया.

उसने यह भी बताया कि वह पहले से शादीशुदा है और खुशी का रिश्ते में जीजा लगता है. सूत्रों का कहना है कि विवाह समारोह में सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद हड़पने के लिए ऐसा खेला किया गया था. इस खेल में विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल बताए गए हैं.

समाज कल्याण अधिकारी ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. फिर भी इसकी जांच कराई जाएगी. आधार कार्ड मिलाकर हम लोग सामान बांटते हैं. ब्लॉक से जो सूची आती है, उसी के आधार पर हम लोग शादी कराते हैं. यदि कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी.

ये भी पढ़ेंः यूपी में फर्जी क्राइम ब्रांच; अधिकारी बनकर लूटा था हवाला का रुपया, पुलिस मुठभेड़ में दो गिरफ्तार

Last Updated : Feb 28, 2024, 1:59 PM IST
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