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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार, कोर्ट ने 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा - KAWASI LAKHMA ARRESTED

शराब घोटाले में लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने कवासी लखमा को गिरफ्तार किया है. कोर्ट ने उन्हें 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा है.

KAWASI LAKHMA ARRESTED
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 15, 2025, 4:25 PM IST

Updated : Jan 15, 2025, 11:13 PM IST

रायपुर: 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कथित शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.बुधवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए बुलाया था. कवासी लखमा के सीए को भी बुलाया गया था, लेकिन सीए के बाहर होने की वजह से कवासी लखमा अकेले ईडी के दफ्तर में लगभग 11 बजे पहुंचे.लंबी पूछताछ के बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक को मेडिकल जांच के लिए मेकाहारा ले जाया गया फिर अदालत में उन्हें पेश किया गया.

अदालत ने लखमा को रिमांड पर भेजा: ईडी ने कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया. यहां उन्हें अतुल कुमार श्रीवास्तव की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा को 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा है. अदालत ने कुल 7 दिनों की रिमांड दी है.

शराब घोटाले में जेल पहुंचे कवासी लखमा (ETV BHARAT)

"बस्तर के आवाज को दबाने की कोशिश": अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कवासी लखमा ने कहा, “छापे के दौरान ईडी को मेरे परिसर पर न तो कोई दस्तावेज और न ही एक पैसा मिला. मुझे झूठे मामले में जेल भेजा जा रहा है.” आदिवासी नेता कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय "एक गरीब आदिवासी" और आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, वे मुझे चुनाव से दूर रखना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने मेरे खिलाफ कार्रवाई की है.- कवासी लखमा, पूर्व आबकारी मंत्री

कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर ईडी का खुलासा: कवासी लखमा की कोर्ट में पेशी के बाद ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि हर महीने शराब के कार्डन से पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रकम मिलती थी. सौरभ पांडेय ने कहा कि शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने अपने बयान में बताया कि हर महीने कवासी लखमा को शराब कार्डन से 50 लाख रुपये दिए जाते थे. इसके साथ ही आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने भी अपने बयान में बताया था कि 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपये शराब कार्डन से और दिए जाते थे. इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपये जा रहे थे

इस तरह टोटल 72 करोड़ रुपये कवासी लखमा के पास पहुंचाए गए. इन्वेस्टिगेशन में एक्साइज ऑफिसर इकबाल खान और जयंत देवांगन से भी पूछताछ हुई. इन लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पैसे का अरेंजमेंट करके पूर्व मंत्री को भेजा जाता था. कन्हैयालाल नाम के शख्स के द्वारा बैग कलेक्ट करके सुकमा भेजा जाता था.- सौरभ पांडेय, वकील, ईडी

"जांच के दायरे में कवासी लखमा के बेटे": कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा को लेकर भी ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ साहू के घर में रेड हुई. उसके बाद कवासी लखमा के बेटे के घर पर भी छापा पड़ा. वहां से कुछ डिजिटल एविडेंस मिला है. डिजिटल एविडेंस के आधार पर जांच के आधार पर यह बात निकलकर आई है कि सुकमा में बेटे के घर बनाने और कांग्रेस भवन बनाने में इन पैसों का इस्तेमाल हुआ है. मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले में कार्रवाई की गई है.

"लखमा कर सकते थे सबूतों को नष्ट": ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि कवासी लखमा को इसलिए गिरफ्तार किया गया है जिससे वह जांच को प्रभावित न कर सके, न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकें. इस केस में अन्य गवाहों को नोटिस भेजकर ईडी जांच के लिए बुलाएगी. इसके अलावा ईडी के वकील ने दावा किया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा ईडी को जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. इस वजह से भी उनकी गिरफ्तारी हुई है.

कब कब लखमा से हुई पूछताछ ?: इससे पहले कवासी लखमा को 9 जनवरी को ED टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया था. करीब 8 घंटे तक लखमा से पूछताछ की थी. दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले में यह एक्शन लिया है. ईडी ने 28 दिसंबर को इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत राज्य के रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में पूर्व मंत्री और उनके बेटे हरीश लखमा के परिसरों पर छापेमारी की थी. इसके बाद ईडी ने लखमा (71) और उनके बेटे हरीश से पूछताछ की. 15 जनवरी 2025 को भी कवासी लखमा को पूछताछ के लिए उनके सीए के साथ बुलाया गया था. उनका सीए नहीं आया. जिसके बाद उन्हें दोपहर तीन बजे गिरफ्तार कर लिया गया.

ईडी के मुताबिक कब हुआ शराब घोटाला?: ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे.एजेंसी ने पहले दावा किया था, "छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय गई."

शराब घोटाले में ईडी की जांच में क्या आया?: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर ईडी ने जांच में कई बड़े दावे किए हैं. ईडी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि इसमें 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस पूरे केस में आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के शामिल होने की बात सामने आई है. ईडी का दावा है कि तीनों ने अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.

शराब घोटाले का यूपी कनेक्शन भी दिखा: ईडी की जांच के दावे के मुताबिक इस घोटाले में यूपी कनेक्शन भी सामने आया. ईडी ने जांच के आधार पर यह कहा कि साल 2019 से यह शराब घोटाले की शुरुआत हुई. साल 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री गई. ईडी का दावा है कि शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम बनाए गए. शराब घोटाले में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राम बनवाने का काम किया. नोएडा की कंपनी को नकली होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया. शराब की बोतलों के नकली होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा की जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसके मालिक का नाम विधु गुप्ता था. जब विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया , तो उन्होंने पूछताछ में अरुणपति, अनवर ढेवर के नाम लिए. जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.

ऐसे आया कवासी लखमा का नाम: इस खुलासे के बाद ईडी ने एक्शन लिया और अनिल टुटेजा ,अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से जब पूछताछ की गई तो इस केस में कवासी लखमा का नाम आया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा के घर पर 28 दिसंबर 2024 को रेड मारी. कवासी लखमा के साथ साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ हुई. 15 जनवरी 2025 को ईडी ने कवासी लखमा गिरफ्तार कर लिया.

कुल कितने का है शराब घोटाला?: ईडी के दावे के मुताबिक यह शराब घोटाला करीब 2161 करोड़ रुपये का है. ईडी ने जांच में यह भी दावा किया है कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के तहत हुआ है. शराब घोटाले का कमीशन कई लोगों को बांटा जाता था. यह कमीशन हर महीने ट्रांसफर होता था. साल 2019 से साल 2022 तक शराब घोटाले के जरिए अवैध कमाई हुई है.

भूपेश बघेल बोले, "कांग्रेस को बदनाम करने की है साजिश": कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी पर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाया. भूपेश बघेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ''पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा से की गई कार्रवाई है. केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर ईडी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रही है. पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा जी के साथ खड़ी है.''

चरणदास महंत ने भी खोला मोर्चा: ईडी की गिरफ्तारी पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने ट्वीट पर इस एक्शन पर एतराज जताया है. उन्होंने ट्विट कर लिखा कि वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व मंत्री श्री कवासी लखमा जी की गिरफ्तारी भाजपा के राष्ट्रीय चरित्र द्वेषपूर्ण राजनीति का एक जीवंत उदाहरण है. कांग्रेस एवं विपक्षी नेताओं को जाँच के नाम पर सरकारी एजेंसियों द्वारा फंसाना और बदनाम कर गिरफ्तारी करना यह भाजपा की गंदी राजनीति का खेल है. एक सरल सहज आदिवासी नेता के साथ इस प्रकार की दमनकारी निर्णय का हम पुरजोर विरोध करते हैं. हम सभी कांग्रेसजन पूर्व मंत्री कवासी लखमा जी के साथ हैं.


"लखमा की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश": दीपक बैज ने कहा कि लखमा की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश है. सब जानते है कि अब देश में सीबीआई, आईटी, ईडी कार्रवाई क्यों करती है?. जब-जब भाजपा के राजनैतिक एजेंडे को पूरा करना होता है जहां भी छोटा, बड़ा चुनाव हो वहां विपक्षी दलों के नेताओं को बदनाम करने के लिये ईडी कार्रवाई करती है. छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव है. ऐसे में ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है. भाजपा नगरीय निकाय चुनाव को टालने में लगी हुयी है. चुनाव कराना भाजपा की मजबूरी है, तो अब विपक्ष को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है. कवासी लखमा की गिरफ्तारी ईडी, भाजपा के राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने के लिये हुई है.

कवासी लखमा ने सदन में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था. बस्तर में बिना टेंडर बना रहे पुल में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली थी. उसके दूसरे दिन ही ईडी ने कवासी लखमा के ऊपर कार्रवाई शुरू कर दी. साय सरकार के खिलाफ जो मुद्दे हैं उससे ध्यान भटकाने के लिए यह साजिश रची गई है.-दीपक बैज, पीसीसी चीफ

"मोदी सरकार जांच ऐजेंसियों का कर रही दुरुपयोग": दीपक बैज ने कहा कि केंद्र में जब से भाजपा की सरकार आई है. तब से ईडी, सीबीआई, आईटी भाजपा की हाथों की कठपुतली बन गई है. भाजपा के लिखे पटकथा पर ईडी, विपक्षी दल के नेताओं पर झूठे आरोप लगाकर कार्रवाई करती है. उनका चरित्र हनन करती है और भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए काम करती है.पूरे देश ने देखा है कि ईडी जो है सिर्फ विपक्षी नेताओं के छापेमार कार्रवाई करती है. जो नेता भाजपा ज्वाइन कर लेते हैं उनके खिलाफ ईडी कार्रवाई नहीं करती है.

नगरीय निकाय चुनाव में मिलेगा जवाब: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा है कि ईडी अपना मूल काम छोड़कर भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है जनता की अदालत में इसका फैसला होगा. नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा.

बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर बोला हमला: कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के आला नेताओं पर हमला बोला है. वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी को पूर्व सीएम भूपेश बघेल का षडयंत्र बताया. उन्होंने कहा कि बघेल ने अपने घोटालों को अंजाम देने के लिए लखमा को मोहरे के तौर इस्तेमाल किया.

शराब का पूरा घोटाला भूपेश बघेल की सरपरस्ती में हुआ और बघेल ने जन-धन की लूट मचाकर छत्तीसगढ़ को गांधी परिवार का एटीएम बनाया. यह पैसा सोनिया-राहुल तक भी गया. कश्यप ने कहा कि कवासी लखमा को जान-बूझकर आबकारी मंत्री बनाया था ताकि वह इस घोटाले को अंजाम दे सकें. यह एकदम साफ है कि भूपेश बघेल ही शराब घोटाले के प्रमुख घोटालेबाज हैं और कवासी लखमा को इसमें एक मोहरे के तौर पर फंसाया गया है- केदार कश्यप, वन और सहकारिता मंत्री, छत्तीसगढ़

लखन लाल देवांगन ने भी बघेल पर बोला हमला: उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो गलत करेगा तो उसे सजा मिलेगा ही. कांग्रेस सरकार में पांच साल तक भ्रष्टाचार का खेल चला. इमानदारी से काम करना चाहिए. ज्यादा खाने के चक्कर में नहीं रहना चाहिए. आज बीजेपी की भी सरकार देखिए बीजेपी की सरकार में किसी तरह के घोटाले का आरोप नहीं लगा है. केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कवासी लखमा की गिरफ्तारी को भूपेश बघेल का पाप बताया है. उन्होंने कहा कि जो आरोपी होगा उसके ऊपर कार्रवाई तो होगी ही.

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ईडी दफ्तर में पूर्व मंत्री कवासी लखमा, सीए बाहर होने की वजह से अकेले पहुंचे

रायपुर: 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कथित शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.बुधवार को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए बुलाया था. कवासी लखमा के सीए को भी बुलाया गया था, लेकिन सीए के बाहर होने की वजह से कवासी लखमा अकेले ईडी के दफ्तर में लगभग 11 बजे पहुंचे.लंबी पूछताछ के बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है. विधायक को मेडिकल जांच के लिए मेकाहारा ले जाया गया फिर अदालत में उन्हें पेश किया गया.

अदालत ने लखमा को रिमांड पर भेजा: ईडी ने कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया. यहां उन्हें अतुल कुमार श्रीवास्तव की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा को 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा है. अदालत ने कुल 7 दिनों की रिमांड दी है.

शराब घोटाले में जेल पहुंचे कवासी लखमा (ETV BHARAT)

"बस्तर के आवाज को दबाने की कोशिश": अदालत कक्ष में प्रवेश करने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कवासी लखमा ने कहा, “छापे के दौरान ईडी को मेरे परिसर पर न तो कोई दस्तावेज और न ही एक पैसा मिला. मुझे झूठे मामले में जेल भेजा जा रहा है.” आदिवासी नेता कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय "एक गरीब आदिवासी" और आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य में पंचायत चुनाव होने वाले हैं, वे मुझे चुनाव से दूर रखना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने मेरे खिलाफ कार्रवाई की है.- कवासी लखमा, पूर्व आबकारी मंत्री

कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर ईडी का खुलासा: कवासी लखमा की कोर्ट में पेशी के बाद ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि हर महीने शराब के कार्डन से पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को रकम मिलती थी. सौरभ पांडेय ने कहा कि शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने अपने बयान में बताया कि हर महीने कवासी लखमा को शराब कार्डन से 50 लाख रुपये दिए जाते थे. इसके साथ ही आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने भी अपने बयान में बताया था कि 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपये शराब कार्डन से और दिए जाते थे. इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपये जा रहे थे

इस तरह टोटल 72 करोड़ रुपये कवासी लखमा के पास पहुंचाए गए. इन्वेस्टिगेशन में एक्साइज ऑफिसर इकबाल खान और जयंत देवांगन से भी पूछताछ हुई. इन लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पैसे का अरेंजमेंट करके पूर्व मंत्री को भेजा जाता था. कन्हैयालाल नाम के शख्स के द्वारा बैग कलेक्ट करके सुकमा भेजा जाता था.- सौरभ पांडेय, वकील, ईडी

"जांच के दायरे में कवासी लखमा के बेटे": कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा को लेकर भी ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ साहू के घर में रेड हुई. उसके बाद कवासी लखमा के बेटे के घर पर भी छापा पड़ा. वहां से कुछ डिजिटल एविडेंस मिला है. डिजिटल एविडेंस के आधार पर जांच के आधार पर यह बात निकलकर आई है कि सुकमा में बेटे के घर बनाने और कांग्रेस भवन बनाने में इन पैसों का इस्तेमाल हुआ है. मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले में कार्रवाई की गई है.

"लखमा कर सकते थे सबूतों को नष्ट": ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि कवासी लखमा को इसलिए गिरफ्तार किया गया है जिससे वह जांच को प्रभावित न कर सके, न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकें. इस केस में अन्य गवाहों को नोटिस भेजकर ईडी जांच के लिए बुलाएगी. इसके अलावा ईडी के वकील ने दावा किया कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा ईडी को जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. इस वजह से भी उनकी गिरफ्तारी हुई है.

कब कब लखमा से हुई पूछताछ ?: इससे पहले कवासी लखमा को 9 जनवरी को ED टीम ने पूछताछ के लिए बुलाया था. करीब 8 घंटे तक लखमा से पूछताछ की थी. दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले में यह एक्शन लिया है. ईडी ने 28 दिसंबर को इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत राज्य के रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में पूर्व मंत्री और उनके बेटे हरीश लखमा के परिसरों पर छापेमारी की थी. इसके बाद ईडी ने लखमा (71) और उनके बेटे हरीश से पूछताछ की. 15 जनवरी 2025 को भी कवासी लखमा को पूछताछ के लिए उनके सीए के साथ बुलाया गया था. उनका सीए नहीं आया. जिसके बाद उन्हें दोपहर तीन बजे गिरफ्तार कर लिया गया.

ईडी के मुताबिक कब हुआ शराब घोटाला?: ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे.एजेंसी ने पहले दावा किया था, "छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय गई."

शराब घोटाले में ईडी की जांच में क्या आया?: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर ईडी ने जांच में कई बड़े दावे किए हैं. ईडी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि इसमें 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस पूरे केस में आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के शामिल होने की बात सामने आई है. ईडी का दावा है कि तीनों ने अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.

शराब घोटाले का यूपी कनेक्शन भी दिखा: ईडी की जांच के दावे के मुताबिक इस घोटाले में यूपी कनेक्शन भी सामने आया. ईडी ने जांच के आधार पर यह कहा कि साल 2019 से यह शराब घोटाले की शुरुआत हुई. साल 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री गई. ईडी का दावा है कि शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम बनाए गए. शराब घोटाले में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राम बनवाने का काम किया. नोएडा की कंपनी को नकली होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया. शराब की बोतलों के नकली होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा की जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसके मालिक का नाम विधु गुप्ता था. जब विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया , तो उन्होंने पूछताछ में अरुणपति, अनवर ढेवर के नाम लिए. जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.

ऐसे आया कवासी लखमा का नाम: इस खुलासे के बाद ईडी ने एक्शन लिया और अनिल टुटेजा ,अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से जब पूछताछ की गई तो इस केस में कवासी लखमा का नाम आया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा के घर पर 28 दिसंबर 2024 को रेड मारी. कवासी लखमा के साथ साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ हुई. 15 जनवरी 2025 को ईडी ने कवासी लखमा गिरफ्तार कर लिया.

कुल कितने का है शराब घोटाला?: ईडी के दावे के मुताबिक यह शराब घोटाला करीब 2161 करोड़ रुपये का है. ईडी ने जांच में यह भी दावा किया है कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के तहत हुआ है. शराब घोटाले का कमीशन कई लोगों को बांटा जाता था. यह कमीशन हर महीने ट्रांसफर होता था. साल 2019 से साल 2022 तक शराब घोटाले के जरिए अवैध कमाई हुई है.

भूपेश बघेल बोले, "कांग्रेस को बदनाम करने की है साजिश": कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी पर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के निर्देशों पर काम करने का आरोप लगाया. भूपेश बघेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ''पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध की मंशा से की गई कार्रवाई है. केंद्र सरकार में बैठे अपने आकाओं के निर्देश पर ईडी कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश रच रही है. पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा जी के साथ खड़ी है.''

चरणदास महंत ने भी खोला मोर्चा: ईडी की गिरफ्तारी पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने ट्वीट पर इस एक्शन पर एतराज जताया है. उन्होंने ट्विट कर लिखा कि वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व मंत्री श्री कवासी लखमा जी की गिरफ्तारी भाजपा के राष्ट्रीय चरित्र द्वेषपूर्ण राजनीति का एक जीवंत उदाहरण है. कांग्रेस एवं विपक्षी नेताओं को जाँच के नाम पर सरकारी एजेंसियों द्वारा फंसाना और बदनाम कर गिरफ्तारी करना यह भाजपा की गंदी राजनीति का खेल है. एक सरल सहज आदिवासी नेता के साथ इस प्रकार की दमनकारी निर्णय का हम पुरजोर विरोध करते हैं. हम सभी कांग्रेसजन पूर्व मंत्री कवासी लखमा जी के साथ हैं.


"लखमा की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश": दीपक बैज ने कहा कि लखमा की गिरफ्तारी एक राजनीतिक साजिश है. सब जानते है कि अब देश में सीबीआई, आईटी, ईडी कार्रवाई क्यों करती है?. जब-जब भाजपा के राजनैतिक एजेंडे को पूरा करना होता है जहां भी छोटा, बड़ा चुनाव हो वहां विपक्षी दलों के नेताओं को बदनाम करने के लिये ईडी कार्रवाई करती है. छत्तीसगढ़ में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव है. ऐसे में ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है. भाजपा नगरीय निकाय चुनाव को टालने में लगी हुयी है. चुनाव कराना भाजपा की मजबूरी है, तो अब विपक्ष को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है. कवासी लखमा की गिरफ्तारी ईडी, भाजपा के राजनैतिक एजेंडे को पूरा करने के लिये हुई है.

कवासी लखमा ने सदन में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था. बस्तर में बिना टेंडर बना रहे पुल में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली थी. उसके दूसरे दिन ही ईडी ने कवासी लखमा के ऊपर कार्रवाई शुरू कर दी. साय सरकार के खिलाफ जो मुद्दे हैं उससे ध्यान भटकाने के लिए यह साजिश रची गई है.-दीपक बैज, पीसीसी चीफ

"मोदी सरकार जांच ऐजेंसियों का कर रही दुरुपयोग": दीपक बैज ने कहा कि केंद्र में जब से भाजपा की सरकार आई है. तब से ईडी, सीबीआई, आईटी भाजपा की हाथों की कठपुतली बन गई है. भाजपा के लिखे पटकथा पर ईडी, विपक्षी दल के नेताओं पर झूठे आरोप लगाकर कार्रवाई करती है. उनका चरित्र हनन करती है और भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए काम करती है.पूरे देश ने देखा है कि ईडी जो है सिर्फ विपक्षी नेताओं के छापेमार कार्रवाई करती है. जो नेता भाजपा ज्वाइन कर लेते हैं उनके खिलाफ ईडी कार्रवाई नहीं करती है.

नगरीय निकाय चुनाव में मिलेगा जवाब: पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा है कि ईडी अपना मूल काम छोड़कर भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है जनता की अदालत में इसका फैसला होगा. नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ेगा.

बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर बोला हमला: कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के आला नेताओं पर हमला बोला है. वन और सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी को पूर्व सीएम भूपेश बघेल का षडयंत्र बताया. उन्होंने कहा कि बघेल ने अपने घोटालों को अंजाम देने के लिए लखमा को मोहरे के तौर इस्तेमाल किया.

शराब का पूरा घोटाला भूपेश बघेल की सरपरस्ती में हुआ और बघेल ने जन-धन की लूट मचाकर छत्तीसगढ़ को गांधी परिवार का एटीएम बनाया. यह पैसा सोनिया-राहुल तक भी गया. कश्यप ने कहा कि कवासी लखमा को जान-बूझकर आबकारी मंत्री बनाया था ताकि वह इस घोटाले को अंजाम दे सकें. यह एकदम साफ है कि भूपेश बघेल ही शराब घोटाले के प्रमुख घोटालेबाज हैं और कवासी लखमा को इसमें एक मोहरे के तौर पर फंसाया गया है- केदार कश्यप, वन और सहकारिता मंत्री, छत्तीसगढ़

लखन लाल देवांगन ने भी बघेल पर बोला हमला: उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो गलत करेगा तो उसे सजा मिलेगा ही. कांग्रेस सरकार में पांच साल तक भ्रष्टाचार का खेल चला. इमानदारी से काम करना चाहिए. ज्यादा खाने के चक्कर में नहीं रहना चाहिए. आज बीजेपी की भी सरकार देखिए बीजेपी की सरकार में किसी तरह के घोटाले का आरोप नहीं लगा है. केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कवासी लखमा की गिरफ्तारी को भूपेश बघेल का पाप बताया है. उन्होंने कहा कि जो आरोपी होगा उसके ऊपर कार्रवाई तो होगी ही.

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Last Updated : Jan 15, 2025, 11:13 PM IST
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