मुंबई: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद महाराष्ट्र में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सूर्यकांता पाटिल मंगलवार को एनसीपी (शरद पवार गुट) में शामिल हो गईं. सूर्यकांता पाटिल ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वह 2014 में एनसीपी से भाजपा में शामिल हुई थीं. इस तरह उन्होंने 11 साल बाद फिर से शरद पवार की पार्टी में वापसी की. वहीं, शरद पवार ने पाटिल के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की और कहा कि उनकी वापसी से नांदेड़, हिंगोली, परभणी, बीड और अन्य जिलों में पार्टी को फायदा होगा.
भाजपा से इस्तीफा देने के पीछे पाटिल ने पार्टी में उपेक्षा का आरोप लगाया था. सूर्यकांता पाटिल ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले से व्यक्तिगत मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिल सका. उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 10 सालों में बहुत कुछ सीखा है, मैं पार्टी का आभारी हूं.
1970 में जनसंघ से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली पाटिल का इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जाता है. वह कांग्रेस में रह चुकी हैं. 1980 में पाटिल पहली बार हडगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं. इसके बाद 1986 में कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया था. 1991, 1998 और 2004 में वह लोकसभा सांसद चुनी गईं.
सूर्यकांता पाटिल 2009 में एनसीपी में शामिल हो गई थीं और पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2014 में, वह भाजपा में शामिल हो गईं और एक दशक तक पार्टी से जुड़ी रहीं. सूर्यकांता पाटिल हिंगोली-नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र का चार बार सांसद के रूप में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वह यूपीए सरकार में ग्रामीण विकास और संसदीय मामलों की राज्य मंत्री भी थीं.
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