देहरादून: उत्तराखंड के सैन्य धाम के लोकार्पण का दावा विभागीय मंत्री गणेश जोशी द्वारा 15 अक्टूबर को करने का किया गया है. सैन्य धाम निर्माण के आखिरी चरण की तैयारी को लेकर ईटीवी भारत की टीम मौके पर जायजा लेने पहुंची. हमने स्थानीय ग्रामीणों से भी सैन्य धाम निर्माण से पड़ने वाले प्रभावों पर फीडबैक लिया.
उत्तराखंड में तैयार है देश का पहला सैन्य धाम: उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में प्रदेश के शहीदों को समर्पित सैन्य धाम का निर्माण तकरीबन अपने आखिरी चरण में है. देश का पहला सैन्य धाम 91 करोड़ 26 लाख की प्रस्तावित लागत से देहरादून के गुनियाल गांव की 4 हेक्टेयर भूमि पर बनकर तैयार हो रहा है. उत्तराखंड के साथ ही देश के इस पहले सैन्य धाम का फर्स्ट लुक किस तरह से दिखता है, यह जानने के लिए हमने ग्राउंड जीरो पर जाकर रिपोर्टिंग की.
15 अक्टूबर होगा सैन्य धाम का लोकार्पण: अपनी पड़ताल में हमने पाया कि उत्तराखंड का यह भव्य सैन्य धाम लगभग बनकर तैयार है. कुछ आखिरी चरण की औपचारिकताएं ही बाकी रह गई हैं जो चल रही हैं. सैनिक धाम में मुख्य गेट पूरी तरह से बनकर तैयार है. उसके अलावा मुख्य गेट के चारों तरफ सेना के टैंक और एक लड़ाकू विमान अंदर की तरफ लगा रखा है. इसके अलावा भारतीय सेना में भगवान की तरह पूजे जाने वाले बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के दोनों मंदिर बनकर तैयार हैं. पार्किंग आउटडोर थिएटर म्यूजियम की इमारत भी बनकर तैयार है. मुख्य अमर ज्योति जवान की अगर बात की जाए तो वहां पर सभी तरह के कार्य पूरे हो चुके हैं. जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा भी लग चुकी है. सभी शहीदों के नाम सैन्य धाम में लिखे जा रहे हैं.
देश के पहले सैन्य धाम की पहली झलक: हालांकि मुख्य द्वार तक पहुंचने वाली सड़क अभी कच्ची है. मुख्य द्वार के आसपास भी कुछ काम और बाकी है. निर्माणकर्ताओं के अनुसार 15 अक्टूबर तक सैन्य धाम अपने भव्य स्वरूप में तैयार हो जाएगा. मुख्य गेट के सामने पड़ने वाली निजी भूमि के साथ कुछ तकनीकी विवाद को लेकर भी सैनिक कल्याण विभाग का कहना है कि इसको लेकर के समाधान निकाल लिया गया है. अब किसी तरह का कोई तकनीकी पेंच नहीं है. 15 अक्टूबर को सैन्य धाम भव्य आयोजन के साथ आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
स्थानीय लोगों का सैन्य धाम पर फीडबैक: सैन्य धाम का निर्माण देहरादून के गुनियाल गांव की सार्वजनिक भूमि के साथ-साथ अन्य प्राइवेट लैंड और कई तरह की सरकारी भूमि को अधिकृत करके हो रहा है. निश्चित तौर से अपने क्षेत्र में उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम के निर्माण से गुनियाल गांव और आसपास के लोग बेहद खुश हैं. लोगों का कहना है यह बेहद सौभाग्य की बात है कि उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण उनके क्षेत्र में हो रहा है. यह इसलिए भी बेहद खुशी की बात है क्योंकि गांव में ज्यादातर लोग भारतीय सेना में काम कर चुके हैं. हालांकि इसके साथ-साथ ग्रामीणों की कुछ चिंताएं भी हैं.
कई ग्रामीणों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि सैन्य धाम तो उनके क्षेत्र में बन रहा है, लेकिन इसका कुछ भी लाभ उन्हें मिलता दिख नहीं रहा है. लोगों का कहना है कि सैन्य धाम में भले ही पर्यटक आएंगे, लेकिन इसका किसी तरह से स्थानीय लोगों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. क्योंकि वहां पर स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए किसी तरह का अभी तक आश्वासन नहीं दिया गया है. सड़कें चौड़ी होंगी तो उनकी दुकान थोड़ी जाएगी. सैन्य धाम निर्माण की जगह किसी तरह का कोई प्रावधान स्थानीय लोगों की दुकान लगाने को लेकर के नहीं किया गया है. हालांकि ग्राम प्रधान सीता देवी का कहना है कि उनके द्वारा सैनिक कल्याण मंत्री के सामने यह मांग रखी गई है कि सैन्य धाम में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए. सैन्य धाम से किसी न किसी तरह स्थानीय लोगों को लाभ मिले.
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