नई दिल्ली: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर आपत्ति जताई है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर लोग उन्हें वोट देंगे, तब भी उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का उसका आदेश बहुत स्पष्ट था. हमने विशेष रूप से कहा था कि हम किसी को अपवाद नहीं बना रहे हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी को सह-आरोपी बनाया जाएगा.
ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे तुषार मेहता ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष केजरीवाल के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप हमारी पार्टी के चुनाव चिह्न झाड़ू (आप का चुनाव चिह्न) को वोट देते तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा. उन्होंने सवाल किया कि केजरीवाल ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह एक धारणा है और हमारा आदेश बहुत स्पष्ट है.
वहीं, केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा कह रहे हैं. मैं एक हलफनामा दायर करूंगा. वह सरकार के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण आरोप लगा रहे थे... '
'हमारा आदेश बिल्कुल साफ'
जस्टिस खन्ना ने कहा, 'जहां तक फैसले का आलोचनात्मक विश्लेषण है. आपके अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं. हमें इससे कोई कठिनाई नहीं है. हमारा आदेश बिल्कुल साफ है, हमने टाइमलाइन तय कर दी है कि फलां तारीख को वह जमानत पर हैं और किस तारीख को उन्हें सरेंडर करना है (2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा). अदालत का यही आदेश है. अगर कानून का शासन चलाना है, तो वह उसी से शासित होगा.
यह संस्था पर तमाचा है-तुषार मेहता
उन्होंने कहा कि हमारा आदेश बहुत स्पष्ट है. हमने विशेष रूप से कहा कि हम किसी को अपवाद नहीं बना रहे हैं. हमें जो उचित लगा, हमने वह आदेश पारित कर दिया. इस पर मेहता ने कहा कि केजरीवाल को ऐसा नहीं कहना चाहिए था और यह संस्था पर तमाचा है और मैं इसे अपवाद मानता हूं.
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. इस आदेश में कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था.
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