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रूसी हीरों पर बैन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले: हम यूरोपीय देशों से कर रहे हैं बातचीत - Russian Diamonds Banned - RUSSIAN DIAMONDS BANNED

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सोमवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. जहां उन्होंने उद्योगपतियों से बातचीत भी की. इसी दौरान उद्योगपति दिनेश नावदिया ने कहा कि हीरा उद्योग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि रूसी हीरे पर G7, G20 और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से हीरा उद्योग संकट में पड़ गया है.

Foreign Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 1, 2024, 10:31 PM IST

सूरत: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को सुरत हीरा व्यापारियों ने बताया गया कि हीरा उद्योग में इस समय चिंता का माहौल है. जिस तरह से रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार उस दिशा में क्या कर रही है? इस मामले में विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोपीय देशों से हमारी बातचीत जारी है. इस बारे में अलग-अलग G7 देशों को भी जानकारी दे दी गई है. हमने उनके सामने बातें रखी हैं.

हमने कहा है कि जितनी छोटी इकाइयां और कारीगर होंगे, उतना अधिक ध्यान रखना होगा. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी स्थिति इतनी स्पष्ट नहीं है. हम सोचते हैं कि वे जो भी नीतियां बनाएंगे, वे ध्यान रखेंगे. इसके अलावा अन्य बाजार भी हैं, जहां व्यापार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं. उद्योगपति दिनेश नावदिया ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण G7, G20 और अमेरिका ने रूस की अलरोजा कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है.

उन्होंने कहा कि वहां से हम रफ इनपुट करते हैं. हम वहां से 29 प्रतिशत कच्चे हीरे आयात करते हैं. इस माध्यम से हम सौराष्ट्र उत्तरी गुजरात और सूरत में छोटे पैमाने पर कारखानों में रोजगार प्रदान कर रहे हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि कच्चे हीरे से लेकर तराशे और पॉलिश किये गये हीरे तक तैयार किये जा रहे थे. हम वह कच्चा आयात नहीं कर सकते.

दिनेश नावदिया ने बताया कि अब जो आ रहा है, उसमें से तैयार हीरे पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है. जिससे उद्योग जगत को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमने उसे विदेश मंत्री के सामने रखा है. उन्होंने जवाब में कहा है कि वे इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को नए बाजारों में मौके मिलने की जरूरत है.

सूरत: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को सुरत हीरा व्यापारियों ने बताया गया कि हीरा उद्योग में इस समय चिंता का माहौल है. जिस तरह से रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाया गया है. सरकार उस दिशा में क्या कर रही है? इस मामले में विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोपीय देशों से हमारी बातचीत जारी है. इस बारे में अलग-अलग G7 देशों को भी जानकारी दे दी गई है. हमने उनके सामने बातें रखी हैं.

हमने कहा है कि जितनी छोटी इकाइयां और कारीगर होंगे, उतना अधिक ध्यान रखना होगा. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी स्थिति इतनी स्पष्ट नहीं है. हम सोचते हैं कि वे जो भी नीतियां बनाएंगे, वे ध्यान रखेंगे. इसके अलावा अन्य बाजार भी हैं, जहां व्यापार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं. उद्योगपति दिनेश नावदिया ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण G7, G20 और अमेरिका ने रूस की अलरोजा कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है.

उन्होंने कहा कि वहां से हम रफ इनपुट करते हैं. हम वहां से 29 प्रतिशत कच्चे हीरे आयात करते हैं. इस माध्यम से हम सौराष्ट्र उत्तरी गुजरात और सूरत में छोटे पैमाने पर कारखानों में रोजगार प्रदान कर रहे हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि कच्चे हीरे से लेकर तराशे और पॉलिश किये गये हीरे तक तैयार किये जा रहे थे. हम वह कच्चा आयात नहीं कर सकते.

दिनेश नावदिया ने बताया कि अब जो आ रहा है, उसमें से तैयार हीरे पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है. जिससे उद्योग जगत को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमने उसे विदेश मंत्री के सामने रखा है. उन्होंने जवाब में कहा है कि वे इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को नए बाजारों में मौके मिलने की जरूरत है.

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