नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में बदले जा रहे सभी मौजूदा जिला और रेफरल अस्पतालों (डीएच/आरएच) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत केंद्र सरकार से धन मिलना जारी रहेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बुधवार को यह स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि सभी मौजूदा जिला और रेफरल अस्पतालों, जिन्हें मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तित किया जा रहा है, वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अपनी भूमिका और दायित्व जारी रखेंगे और एनएचएम के तहत केंद्र से धन मिलना जारी रखेंगे.
केंद्र ने कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अतिरिक्त जिला और रेफरल अस्पतालों के निर्माण की मांग के मद्देनजर अपना रुख दोहराया है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि मौजूदा डीएच/आरएच जिन्हें मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तित किया जा रहा है, उन्हें एनएचएम से धन मिलना बंद हो जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं.
पिछले नौ वर्षों में 319 मेडिकल कॉलेज बने
वर्तमान में देश में 706 मेडिकल कॉलेज हैं. पिछले नौ वर्षों में कुल 319 मेडिकल कॉलेज (जिनमें निजी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं) जोड़े गए हैं, जिससे 2014 से मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
चिकित्सा शिक्षा नेटवर्क का विस्तार
उन्होंने कहा कि भारत में चिकित्सा शिक्षा नेटवर्क का व्यावसायिक शिक्षा और गुणवत्ता पर अधिक ध्यान और निवेश के साथ कई गुना विस्तार हुआ है. सरकार का फोकस वंचित क्षेत्रों तक पहुंचने और इसकी कमी को दूर करने पर रहा है. वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जनसंख्या के अनुसार डॉक्टर की संख्या में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
जिला अस्पतालों को मजबूत और उन्नत करके नए मेडिकल कॉलेज में बदलने के लिए केंद्र सरकार ने 2014 में एक योजना शुरू की गई. इसका उद्देश्य मौजूदा जिला और रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करना है. इसके लिए केंद्र की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि योजना के तीन चरण अब तक लागू किए जा चुके हैं, जिसके तहत चिकित्सा पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से 157 कॉलेजों को मंजूरी दी गई है. अब तक, इन 157 मेडिकल कॉलेजों में से 108 पहले ही काम करना शुरू कर चुके हैं. स्वीकृत 157 कॉलेजों में से 40 आकांक्षी जिलों में स्थित हैं, जिससे इन जिलों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
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