नागपुर : देश की हजारों किलोमीटर लंबी सीमा और भारतीय सेना के जवानों के द्वारा दिन-रात पहरा दिए जाने के बाद भी घुसपैठ की कोशिश होती रहती है. हालांकि भारतीय जवानों की सजगता से उनकी घुसपैठ को विफल कर दिया जाता है. इसमें सीमा की चौकसी करने में भारतीय जवानों की ऑब्जर्वेशन सिस्टम लोरर्स नामक सीसीटीवी कैमरा मदद करता है. इसमें लोरर्स एक अति विशिष्ट सीसीटीवी कैमरा है जो दुश्मनों की सूक्ष्म गतिविधियों पर नज़र रखता है. साथ ही दुश्मनों का सटीक पता लगाने में भी मददगार है.
इसी कड़ी में भारतीय सेना की वीरता और साहस को आम जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से नागपुर के मनकापुर स्टेडियम क्षेत्र में भारतीय सेना के विभिन्न उपकरणों की एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. रविवार तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में लोरर्स का सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. इस कैमरे को देखने के लिए छात्रों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि भारत की सीमा पाकिस्तान, चीन और म्यांमार से लगती है. सीमा सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है. इसी को देखते हुए पड़ोसी देशों की ओर से बार-बार घुसपैठ की घटनाओं पर निगरानी प्रणाली और सीसीटीवी कैमरों की मदद से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और आईटीबीपी के जवानों को सीमा पर स्थायी रूप से तैनात किया जाता है. सेना के जवान हर जगह की सुरक्षा नहीं कर सकते. फलस्वरूप उस समय निगरानी करने के लिए लोरर्स सर्विलांस सीसीटीवी कैमरा बनाया गया है.
लोरर्स कैमरे न सिर्फ दुश्मन पर नजर रखता है बल्कि फायरिंग के वक्त दुश्मन की स्थिति कैसी है, इस पर भी नजर रखते हैं. कैमरा यह भी विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है कि कहां गोली चलानी है. इस सीसीटीवी कैमरे की रेंज करीब 20 किलोमीटर है. इतना ही नहीं यह कैमरा दिन और रात में भी समान रूप से काम करता है. इसके जरिए सेना के जवान 20 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य का पता लगा सकते हैं. इस कैमरे की एक खासियत यह भी है कि यह 40 किमी की दूरी पर चलने वाले वाहनों के बारे में भी जानकारी प्रदान कर सकता है. लोरर्स सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे में तीन कैमरे लगे होते हैं.
बता दें कि इजराइल ने लंबी दूरी की टोही और अवलोकन प्रणाली (LORROS) उपकरण विकसित किया है. इस डिवाइस को नजदीकी और मध्यम दूरी की निगरानी के लिए सेना में शामिल किया गया है. कैमरे के लिए दृश्य के तीन क्षेत्र हैं. हजारों किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करना भारतीय सेना के लिए सबसे कठिन कार्यों में से एक माना जाता है. आज भारतीय सेना के जवान सीमा पर इन कैमरों की मदद से दुश्मन के इरादों को नाकाम कर देते हैं. हालांकि, अब टेक्नोलॉजी की मदद से भारतीय सेना के हाथ और भी मजबूत और सक्षम हो गए हैं. इसीलिए पिछले कुछ सालों में देखा जा रहा है कि सीमा रेखा पर घुसपैठ कुछ हद तक कम हो गई है.
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