हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है और तीसरी बार सरकार बनाने की ओर अग्रसर है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो गया है. भारत के राजनीतिक इतिहास में पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद नरेंद्र मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगें, लेकिन इसके बाद भी वह पंडित नेहरू से पीछे ही रहेंगे. तो चलिए आपको बताते हैं ऐसा क्यों?
पीएम मोदी के तीन कार्यकाल की अवधि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार साल 2014 में लोकसभा चुनाव जीत कर प्रधानमंत्री पद पर बैठे थे, जो कार्यकाल 2019 तक चला था. इसके बाद उनका दूसरा कार्यकाल साल 2019 में लोकसभा चुनावों में जीत के बाद शुरू हुआ और अभी 2024 तक चला. अब वह तीसरी बार जब प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर सरकार बनाएंगे तो उनका कार्यकाल साल 2029 तक चलेगा. अगर इसे जोड़ा जाए तो वह लगातार 15 सालों तक प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे.
जवाहर लाल नेहरू का कार्यकाल रहा 17 सालों तक
वहीं भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बात करें तो आजादी के बाद पहली बार उन्हें पीएम पद के लिए चुना गया. इसके बाद साल 1951 में देश के पहले आम चुनाव हुए और पंडित नेहरू दोबारा सत्ता में लौटे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 1957 के लोकसभा चुनावों में अकेले कांग्रेस ने 371 सीटें जीती थीं.
यह अब तक के लोकसभा चुनावों में किसी भी एक राजनीतिक दल द्वारा जीती गयी लोकसभा सीटों की सबसे बड़ी संख्या थी. जानकारी के अनुसार उनका कार्यकाल साल 1947 से 1964 तक रहा. एक सरकारी वेबसाइट की माने तो वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री रहे, जो लगातार 17 सालों तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहे, जब तक साल 1964 में उनका निधन नहीं हुआ. इन आंकड़ों के आधार पर पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पंडित नेहरू को नहीं पछाड़ पाए हैं.