पानीपत : हरियाणा के पानीपत में ईटीवी भारत की ख़बर का बड़ा असर देखने को मिला है. गरीबी से जूझ रहे पानीपत के बुआना लाखू गांव के बॉक्सर मोनू उर्फ टायसन की ज़िंदगी अब ईटीवी भारत ने बदल दी है.
गरीबी से जूझ रहा था मोनू : पानीपत के बुआना लाखू गांव का रहने वाला बॉक्सर मोनू उर्फ टायसन अपनी गरीबी को साथ लिए भूखे पेट ओलंपिक को फतह करने का जज्बा लेकर दिन-रात अपने खेल की प्रैक्टिस करता था. गरीबी के चलते स्थानीय ग्रामीण उसकी डाइट का इंतजाम करते थे. कोच भी इस खिलाड़ी की प्रतिभा और जज्बा देखकर हर अपने जेब से ही मोनू की हरसंभव मदद किया करते थे. गरीबी से जूझते खिलाड़ी की ख़बर को ईटीवी भारत ने बड़ी प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद उसको मदद मिली और अब उसकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल चुकी है.
ईटीवी भारत की ख़बर का असर : ईटीवी भारत ने दिखाया था कि किस तरह पानीपत का ये टैलेंटेड बॉक्सर मुफलिसी की मार से जूझ रहा था. सितंबर 2021 में इस ख़बर को हरियाणा के फौजी भाईचारा ग्रुप ने देखा जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे खिलाड़ियों और छात्रों की मदद करता है. इसके बाद फौजी भाईचारा ग्रुप के सदस्य खिलाड़ी मोनू उर्फ टायसन के पास पहुंचे और उसकी हर संभव मदद की. फौजी भाईचारा ग्रुप ने 3 साल तक लगातार मोनू उर्फ टायसन की मदद की. उन्होंने उसकी डाइट, किट का खर्चा उठाया, कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने के लिए अगर उसे मदद की जरूरत पड़ी तो फौजी भाईचारा ग्रुप ने की. इसके अलावा भी उन्होंने हर तरह से लगातार 3 साल तक मोनू की मदद की, जिसका नतीजा ये हुआ कि मुफलिसी में जी रहा मोनू आज अपने पैरों पर खड़ा हो चुका है. अब उसे मदद की जरूरत नहीं है.
ईटीवी भारत का शुक्रिया : दरअसल मोनू का अब भारतीय रेलवे में सिलेक्शन हो चुका है. फौजी भाईचारा ग्रुप के सदस्य सचिन ने अपने भाईचारा ग्रुप को धन्यवाद देते हुए ईटीवी भारत का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत की ख़बर को देखने के बाद ही उन्हें मोनू के हालातों का पता चला वर्ना आज शायद वे मोनू तक नहीं पहुंच पाते और मोनू को ना जाने कब तक टैलेंट होने के बावजूट भी एक बेहतर ज़िंदगी पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता. सचिन साफ तौर पर कहते हैं कि अगर ईटीवी भारत नहीं होता तो मोनू तक उनकी पहुंच मुमकिन ना होती. सचिन ने आगे बताया कि रेलवे में नौकरी मिलने के बाद अब मोनू ने उनसे वादा किया है कि वो भी आगे बाकी फौजियों की तरह अपनी सैलरी का एक हिस्सा फौजी भाईचारा ग्रुप के अकाउंट में ट्रांसफर करेगा जिससे आगे उसकी तरह गरीबी से जूझ रहे लोगों की मदद हो पाएगी.
भारतीय रेलवे में मोनू का सिलेक्शन : आपको जानकारी के लिए बता दें कि मोनू की बहन भी एक नेशनल बॉक्सर थी जो आर्थिक तंगी के चलते अपना खेल छोड़ चुकी है और उसकी शादी भी हो चुकी है. सितंबर 2021 में ईटीवी भारत ने देखा कि बॉक्सर मोनू उर्फ टायसन टैलेंट होने के बावजूद मुफिलिसी से जूझ रहा है जिसके बाद उसकी ख़बर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया. मोनू के हालात ये थे कि कोच और ग्रामीण उसकी डाइट का बंदोबस्त किया करते थे. मोनू के पिता गली-गली पॉपकॉर्न बेचकर घर का गुजर बसर किया करते थे. मोनू की मां फैक्ट्री में मजदूरी करती थी. ऐसे में ई टीवी भारत की ख़बर के बाद फौजी भाईचारा ग्रुप ने मोनू की मदद की और आज मोनू का रेलवे में सिलेक्शन हो चुका है और वो इसका क्रेडिट फौजी भाईचारा ग्रुप को दे रहा है क्योंकि अगर फौजी भाईचारा ग्रुप ने ईटीवी भारत की ख़बर देखकर मोनू की मदद ना की होती तो उसे अपने सपनों को पूरा करने के लिए ना जाने कब तक संघर्ष करना पड़ता.
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