श्रीनगर: भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की घोषणा पर अंतिम निर्णय लेने के लिए गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों से मुलाकात करेगा. रिपोर्ट के अनुसार ईसीआई प्रतिनिधिमंडल अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जमीनी स्थिति का आकलन करेगा.
जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय ने मंगलवार को विभिन्न राजनीतिक दलों को पत्र जारी कर उन्हें चुनाव आयोग (EC) के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया था. राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग के साथ बैठक के लिए समय दिया गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा से कुछ हफ्ते पहले विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के लिए 8-10 अगस्त तक जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाला है. राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू भी होंगे.
राजनीतिक दलों से मिलने के अलावा आयोग मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्रीय बलों के समन्वयक के साथ स्थिति की समीक्षा भी करेगा. आयोग सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ-साथ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ तैयारियों की समीक्षा भी करेगा. खबर यह भी है कि 10 अगस्त को आयोग प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक के लिए जम्मू का दौरा करेगा. समीक्षा प्रक्रिया पर मीडिया को जानकारी देने के लिए यह जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगा.
जानकारी के मुताबिक, बैठक में आमंत्रित किए गए छह मान्यता प्राप्त दलों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, भारतीय जनता पार्टी, सीपीआई (एम) और नेशनल पैंथर्स पार्टी शामिल हैं.
आयोग का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:-
08/08/2024:
सुबह 08:00 बजे - दिल्ली से प्रस्थान.
सुबह 10:00 बजे - श्रीनगर आगमन.
सुबह 11:15 बजे - मान्यता प्राप्त राज्य - राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के साथ बैठक.
दोपहर 02:00 बजे - डीसी/एसपी के साथ बैठक.
शाम 07:00 बजे - सीईओ/एसपीएनओ/सीपीएमएफ नोडल अधिकारी के साथ बैठक.
09/08/2024:
सुबह 09:00 बजे - सीएस/डीजी के साथ बैठक.
सुबह 11:40 बजे - जम्मू के लिए प्रस्थान.
दोपहर 01:00 बजे - प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठक.
दोपहर 02.30 बजे - प्रेस कॉन्फ्रेंस.
शाम 04:40 बजे - दिल्ली के लिए प्रस्थान.
शाम 06:15 बजे - दिल्ली आगमन.
बता दें, यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विधानसभा चुनाव कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 सितंबर की समय सीमा नजदीक आ रही है. जम्मू-कश्मीर में विपक्षी राजनीतिक दल चुनाव कराने की जोरदार मांग कर रहे हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे, जब पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई थी. लेकिन यह गठबंधन 18 जून, 2018 तक चला, जब बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती से अपना समर्थन वापस ले लिया. अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू है, जिसका प्रशासन एलजी और उनके एकमात्र सलाहकार के हाथों में है.