कोलकाता: पश्चिम बंगाल के सारदा मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है, जिसके बाद इस आरोप पत्र को सार्वजनिक किया गया. इसमें कहा गया है कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम ने सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन की सुरक्षा के लिए 1.5 करोड़ रुपये लिए थे.
जानकारी सामने आई है कि ईडी ने आरोप पत्र में उल्लिखित आरोपों के मद्देनजर 1,000 पन्नों के दस्तावेजों के साथ 65 पन्नों का आरोप पत्र तैयार किया है. ईडी सूत्रों के अनुसार पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम ने सारदा चिटफंड धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन से करीब 1.5 करोड़ रुपये लिए थे.
नलिनी चिदंबरम ने केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पूछताछ में कहा कि उन्होंने वकील के तौर पर सुदीप्त को सलाह दी थी और उन्होंने परामर्श शुल्क के तौर पर डेढ़ करोड़ रुपये लिए थे. हालांकि, संबंधित आरोपपत्र में ईडी ने उल्लेख किया है कि पूर्व गृह मंत्री की पत्नी ने सारदा सुप्रीमो सुदीप्त सेन से 'सुरक्षा धन' के रूप में धन लिया था.
ईडी अधिकारियों ने दावा किया कि नलिनी चिदंबरम ने 2011-2012 के बीच सारदा प्रमुख से पैसे लिए थे. इस दौरान नलिनी चिदंबरम के पति पी चिदंबरम यूपीए 2 सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री थे. गौरतलब है कि सारदा चिट फंड मामले में सुदीप्त सेन को 23 अप्रैल 2013 को बिधाननगर कमिश्नरेट की एक विशेष टीम ने कश्मीर से गिरफ्तार किया था.
बाद में इस मामले में चिट फंड फर्म सारदा में भागीदार देबजानी मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था. बाद में, वर्तमान तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष और तत्कालीन राज्य परिवहन मंत्री मदन मित्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सीबीआई और बाद में अदालत के आदेश पर ईडी ने मामला शुरू किया.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि उस समय सारदा प्रमुख सुदीप्त सेन ने कई मीडिया व्यवसाय शुरू किए थे. प्रवर्तन निदेशालय के जांचकर्ताओं को पता चला कि उस दौरान नलिनी चिदंबरम के साथ उनकी कई व्यावसायिक बैठकें हुई थीं.