नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के गुवाहाटी जोनल कार्यालय ने 'पर्लवाइन इंटरनेशनल' (Pearlvine International) के बैनर तले चल रही एक धोखाधड़ी वाली निवेश वेबसाइट पर बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 29.25 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय 29.25 करोड़ रुपये की कुल 14 संपत्तियों को कुर्क किया गया है.
ईडी ने शिलांग में भारतीय रिजर्व बैंक की एक शिकायत के आधार पर मेघालय पुलिस के आपराधिक जांच विभाग द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू की.जांच एजेंसी ने वेबसाइट के माध्यम से पर्लवाइन इंटरनेशनल द्वारा किए गए घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया.
पर्लवाइन इंटरनेशनल एक गैर-मान्यता प्राप्त इकाई, जिसने खुद को अमेरिका स्थित होने का दावा किया और कई आकर्षक निवेश विकल्प प्रदान किए. इसने सदस्यता शुल्क के रूप में न्यूनतम 2,250 रुपये एकत्र किए और 2018 से मार्च 2023 की अवधि के दौरान भारत में पोंजी योजना चलाई. ईडी ने कहा, इस अवधि के दौरान, पर्लवाइन इंटरनेशनल ने सदस्यता के लिए आग्रह करने और इसके लाभों को लोकप्रिय बनाने के लिए देश भर में सेमिनार आयोजित किए.
2022 में एक समय पर्लवाइन इंटरनेशनल ने भारत और विदेश में 80 लाख सदस्यों की सदस्यता का दावा किया था. ईडी की जांच से पता चला कि पूरे घोटाले के पीछे नीरज कुमार गुप्ता का हाथ था और उन्होंने नवंबर में पर्लवाइन डॉट कॉम का डोमेन खरीदा था. ईडी के मुताबिक, नीरज कुमार गुप्ता ने भारत के साथ-साथ थाईलैंड में भी पर्लवाइन इंटरनेशनल के कई सेमिनार आयोजित किए. एजेंसी ने कहा कि अपराध से प्राप्त आय (पीओसी) को मुख्य रूप से जमीन संपत्तियों में निवेश किया गया था. इस मामले में ईडी द्वारा अब तक की गई कुल कुर्की 37.07 करोड़ रुपये है, जिसमें से ईडी पहले ही 7.82 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है.
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