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चुनावी रैलियों के लिए इन दो राज्यों से चुनाव आयोग को मिले सबसे अधिक आवेदन - Election rallies in lok sabha poll - ELECTION RALLIES IN LOK SABHA POLL

EC receives maximum requests from Tamil Nadu and West Bengal: लोकसभा चुनाव को लेकर देश में आचार संहिता लागू होने के बाद से चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से 73,379 अनुमति अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 44,626 अनुरोध (60 प्रतिशत) को मंजूरी दे दी गई है. इस समय सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वोटरों को लुभाने में जुटी हुई है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 13, 2024, 8:17 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 8:25 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए धुआंधार प्रचार करने में जुटी हुई है. भारत निर्वाचन आयोग से प्रचार की अनुमति मांगने के खूब आवेदन भारत निर्वाचन आयोग को पहुंच रहे हैं. आयोग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से चुनाव प्रचार के लिए सबसे ज्यादा आवेदन मिले हैं. पोल पैनल अपने सुविधा पोर्टल में ऐसे अनुरोध प्राप्त होते हैं जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के अनुमति अनुरोधों को पूरा करना है. पिछले 25 दिनों में, चुनाव की घोषणा और कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद से, चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से 73 हजार 379 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार 626 (60 फीसदी) को मंजूरी दी गई. हालांकि,पीएम मोदी का दावा है कि, आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की हार निश्चित है. जिसको देखते हुए विपक्षी दलों का चुनावी अभियान काफी सुस्त पड़ गया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि ,तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्ष शासित राज्यों से चुनावी रैलियां आयोजित करने के लिए अधिकतम अनुरोध भेजे गए हैं.

चुनाव प्रचार के लिए सबसे अधिक आवेदन इन दो राज्यों से मिले
राज्यों ने आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलने, घर-घर जाकर प्रचार करने, वीडियो वैन, हेलीकॉप्टर, वाहन परमिट प्राप्त करने, पर्चे बांटने की भी अनुमति मांगी है. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा है कि विपक्षी दलों को आगामी चुनाव में अपनी हार तय है. अधिकतम अनुरोध तमिलनाडु (23,239) और पश्चिम बंगाल (11,976) से प्राप्त हुए. इसके बाद मध्य प्रदेश (10,636), उत्तर प्रदेश (3273) और त्रिपुरा (2844) से प्राप्त हुए। न्यूनतम अनुरोध चंडीगढ़ (17), लक्षद्वीप (18) और मणिपुर (20) से प्राप्त हुए.

अब तक कितने अनुरोध प्राप्त हुए
चुनावों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के बाद से केवल 25 दिनों की अवधि में, चुनाव आयोग के सुविधा मंच को राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से 73,379 अनुमति अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 44,626 अनुरोध (60 प्रतिशत) स्वीकृत किया गया. कुल 11,200 अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए, जो प्राप्त कुल अनुरोधों का 15 प्रतिशत है. 10,819 आवेदन अमान्य या डुप्लिकेट होने के कारण रद्द कर दिए गए. शेष आवेदन 7 अप्रैल, 2024 तक उपलब्ध विवरण के अनुसार प्रक्रियाधीन हैं.

क्या है सुविधा पोर्टल और कैसे कार्य करती है?
'सुविधा पोर्टल' पोल पैनल की तरफ से शुरू किया गया एक समर्पित पोर्टल है, जिसका लक्ष्य पहले आओ पहले पाओ सिद्धांत पर पारदर्शी रूप से विभिन्न प्रकार के अनुमति अनुरोधों को पूरा करना है. चुनाव आयोग ने कहा कि, 'सुविधा पोर्टल स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखने के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा विकसित एक तकनीकी समाधान है. एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड का प्रदर्शन करते हुए, सुविधा पोर्टल ने चुनाव अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अनुमति और सुविधाओं के अनुरोध प्राप्त करने और उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया.

राजनीति पार्टियां अनुरोध ऑनलाइन जमा कर सकते हैं
सुविधा पोर्ट के वेबसाइट पर जाकर राजनीतिक दल और उम्मीदवार किसी भी समय, कहीं से भी अनुमति अनुरोध ऑनलाइन जमा करा सकते हैं. इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि सभी हितधारकों के लिए समावेशिता औऱ समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ऑफलाइन सबमिशन विकल्प भी उपलब्ध है. सुविधा पोर्टल को एक मजबूत आईटी प्लेटफार्म से पावर मिलता है. जहां विभिन्न राज्य विभागों में नोडल अधिकारियों द्वारा प्रबंधित, सुविधा पोर्टल अनुमति अनुरोधों के कुशल प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करता है. सुविधा के पास एक सहयोगी एप भी है जो आवेदकों को वास्तविक समय में उनके अनुरोधों की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है. जिससे प्रक्रिया में और अधिक सुविधा और पारदर्शिता आती है. आयोग ने कहा कि सुविधा प्लेटफॉर्म न केवल चुनाव प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाता है बल्कि आवेदनों की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग, स्थिति अपडेट, टाइमस्टैम्प्ड सबमिशन और एसएमएस के माध्यम से संचार प्रदान करके पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है.

चुनाव आयोग ने पारदर्शी चुनावी माहौल प्रदान किया
पोर्टल पर उपलब्ध अनुमति डेटा चुनाव व्यय की जांच के लिए संसाधन के तौर में कार्य करता है, जो चुनावी प्रक्रिया में अधिक जवाबदेही और मजबूती प्रदान करने में अहम योगदान देता है. सुविधा प्लेटफ़ॉर्म के साथ, चुनाव आयोग एक निष्पक्ष, कुशल और पारदर्शी चुनावी माहौल की सुविधा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जहां सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को आवश्यक अनुमतियों और मंजूरी तक समान पहुंच होती है.

ये भी पढ़ें: सिक्किम विधानसभा चुनाव: 146 में से 102 उम्मीदवार करोड़पति, दागी प्रत्याशियों की संख्या बढ़ी, पढ़ें रिपोर्ट

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए धुआंधार प्रचार करने में जुटी हुई है. भारत निर्वाचन आयोग से प्रचार की अनुमति मांगने के खूब आवेदन भारत निर्वाचन आयोग को पहुंच रहे हैं. आयोग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से चुनाव प्रचार के लिए सबसे ज्यादा आवेदन मिले हैं. पोल पैनल अपने सुविधा पोर्टल में ऐसे अनुरोध प्राप्त होते हैं जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के अनुमति अनुरोधों को पूरा करना है. पिछले 25 दिनों में, चुनाव की घोषणा और कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद से, चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से 73 हजार 379 अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार 626 (60 फीसदी) को मंजूरी दी गई. हालांकि,पीएम मोदी का दावा है कि, आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की हार निश्चित है. जिसको देखते हुए विपक्षी दलों का चुनावी अभियान काफी सुस्त पड़ गया है. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि ,तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्ष शासित राज्यों से चुनावी रैलियां आयोजित करने के लिए अधिकतम अनुरोध भेजे गए हैं.

चुनाव प्रचार के लिए सबसे अधिक आवेदन इन दो राज्यों से मिले
राज्यों ने आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलने, घर-घर जाकर प्रचार करने, वीडियो वैन, हेलीकॉप्टर, वाहन परमिट प्राप्त करने, पर्चे बांटने की भी अनुमति मांगी है. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा है कि विपक्षी दलों को आगामी चुनाव में अपनी हार तय है. अधिकतम अनुरोध तमिलनाडु (23,239) और पश्चिम बंगाल (11,976) से प्राप्त हुए. इसके बाद मध्य प्रदेश (10,636), उत्तर प्रदेश (3273) और त्रिपुरा (2844) से प्राप्त हुए। न्यूनतम अनुरोध चंडीगढ़ (17), लक्षद्वीप (18) और मणिपुर (20) से प्राप्त हुए.

अब तक कितने अनुरोध प्राप्त हुए
चुनावों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने के बाद से केवल 25 दिनों की अवधि में, चुनाव आयोग के सुविधा मंच को राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से 73,379 अनुमति अनुरोध प्राप्त हुए, जिनमें से 44,626 अनुरोध (60 प्रतिशत) स्वीकृत किया गया. कुल 11,200 अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए, जो प्राप्त कुल अनुरोधों का 15 प्रतिशत है. 10,819 आवेदन अमान्य या डुप्लिकेट होने के कारण रद्द कर दिए गए. शेष आवेदन 7 अप्रैल, 2024 तक उपलब्ध विवरण के अनुसार प्रक्रियाधीन हैं.

क्या है सुविधा पोर्टल और कैसे कार्य करती है?
'सुविधा पोर्टल' पोल पैनल की तरफ से शुरू किया गया एक समर्पित पोर्टल है, जिसका लक्ष्य पहले आओ पहले पाओ सिद्धांत पर पारदर्शी रूप से विभिन्न प्रकार के अनुमति अनुरोधों को पूरा करना है. चुनाव आयोग ने कहा कि, 'सुविधा पोर्टल स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखने के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा विकसित एक तकनीकी समाधान है. एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड का प्रदर्शन करते हुए, सुविधा पोर्टल ने चुनाव अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अनुमति और सुविधाओं के अनुरोध प्राप्त करने और उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया.

राजनीति पार्टियां अनुरोध ऑनलाइन जमा कर सकते हैं
सुविधा पोर्ट के वेबसाइट पर जाकर राजनीतिक दल और उम्मीदवार किसी भी समय, कहीं से भी अनुमति अनुरोध ऑनलाइन जमा करा सकते हैं. इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि सभी हितधारकों के लिए समावेशिता औऱ समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ऑफलाइन सबमिशन विकल्प भी उपलब्ध है. सुविधा पोर्टल को एक मजबूत आईटी प्लेटफार्म से पावर मिलता है. जहां विभिन्न राज्य विभागों में नोडल अधिकारियों द्वारा प्रबंधित, सुविधा पोर्टल अनुमति अनुरोधों के कुशल प्रसंस्करण की सुविधा प्रदान करता है. सुविधा के पास एक सहयोगी एप भी है जो आवेदकों को वास्तविक समय में उनके अनुरोधों की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है. जिससे प्रक्रिया में और अधिक सुविधा और पारदर्शिता आती है. आयोग ने कहा कि सुविधा प्लेटफॉर्म न केवल चुनाव प्रक्रिया की दक्षता को बढ़ाता है बल्कि आवेदनों की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग, स्थिति अपडेट, टाइमस्टैम्प्ड सबमिशन और एसएमएस के माध्यम से संचार प्रदान करके पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है.

चुनाव आयोग ने पारदर्शी चुनावी माहौल प्रदान किया
पोर्टल पर उपलब्ध अनुमति डेटा चुनाव व्यय की जांच के लिए संसाधन के तौर में कार्य करता है, जो चुनावी प्रक्रिया में अधिक जवाबदेही और मजबूती प्रदान करने में अहम योगदान देता है. सुविधा प्लेटफ़ॉर्म के साथ, चुनाव आयोग एक निष्पक्ष, कुशल और पारदर्शी चुनावी माहौल की सुविधा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जहां सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को आवश्यक अनुमतियों और मंजूरी तक समान पहुंच होती है.

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Last Updated : Apr 13, 2024, 8:25 PM IST
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