नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) में आज वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग दो फेज में हो रही है. पहला चरण में सुबह 8.30 से दोपहर एक बजे तक वोटिंग चला, वहीं दोपहर 3 बजे दूसरे चरण की वोटिंग शुरू हो गई है.
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- दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के बीच जोरदार हंगामा हुआ है. यहां छात्र और शिक्षक के बीच हाथापाई की खबर
- दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए सुबह 8:30 बजे से मतदान शुरू हो चुका है. शुरू में कम छात्र-छात्राएं मतदान करने पहुंचे.
- रामजस कॉलेज के बाहर मतदान करने के लिए छात्र छात्राओं की लाइन लगी है.
- डीयू नॉर्थ कैंपस के रामजस, हिंदू, किरोड़ीमल, मिरांडा हाउस, हंसराज सहित डूसू में शामिल सभी कॉलेजों में सुबह 8:30 से 9:00 बजे के बीच मतदान शुरू हो गया.
- किसी-किसी कॉलेज में मतदान में 10 से 15 मिनट की देरी हुई.
- साउथ कैंपस के कॉलेज में शहीद भगत सिंह, देशबंधु, दयाल सिंह, पीजीडीएवी कॉलेज में भी मतदान जारी है.
- सभी कॉलेजों के गेट पर छात्र-छात्राओं का पहचान पत्र चेक करने के बाद उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है.
- अपना सत्यापन कराने के बाद वह अपने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर वोट डाल रहे हैं.
- मॉर्निंग में सुबह 8:30 से दोपहर 1:00 तक और ईवनिंग में शाम को 3:30 बजे 7:30 बजे तक मतदान होना है.
- डीयू के 47 कॉलेज और पांच विभागों में डूसू चुनाव के लिए पुलिस की कड़ी सुरक्षा में मतदान हो रहा है.
- डूसू में चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए छात्र छात्राएं मतदान कर रहे हैं.
- कॉलेज का मतदान बैलट पेपर से और डूसू चुनाव का मतदान ईवीएम से हो रहा है.
कौन किस पर भारी
पिछले साल संपन्न हुए छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पद पर जीत दर्ज की थी. जबकि उपाध्यक्ष के पद पर एनएसयूआई को जीत मिली थी. इस बार भी मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच ही है. हालांकि, मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश वामपंथी छात्र संगठन आइसा और एसएफआई ने भी गठबंधन करके की है. लेकिन, उनका कोई खास प्रभाव चुनाव प्रचार में भी देखने को नहीं मिला है, जिसकी वजह से उन्हें तीसरे नंबर पर ही माना जा रहा है.
एबीवीपी की ओर से जहां अध्यक्ष पद पर ऋषभ चौधरी, उपाध्यक्ष पद भानु प्रताप सिंह सचिव पद पर मित्रविंदा कर्णवाल और संयुक्त सचिव पद पर अमन कपासिया उम्मीदवार हैं तो वहीं एनएसयूआई की ओर से अध्यक्ष पद पर रौनक खत्री, उपाध्यक्ष पद पर यश नांदल, सचिव पद पर नम्रता जेफ मीणा और संयुक्त सचिव पद पर लोकेश चौधरी उम्मीदवार हैं. इसी तरह आइसा और एसएफआई गठबंधन की ओर से अध्यक्ष पद पर सावी गुप्ता, उपाध्यक्ष पद पर आयुष मंडल, सचिव पद पर स्नेहा अग्रवाल और संयुक्त सचिव पद पर अनामिका उम्मीदवार हैं. इनके अलावा कुछ निर्दलीय भी मैदान में हैं. कुल मिलाकर डूसू के चार पदों के लिए 21 उम्मीदवारों की किस्मत आज ईवीएम में कैद हो जाएगी. लेकिन, मतगणना को लेकर अभी हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार है.
1 लाख से ज्यादा छात्र मतदाताः इस बार के छात्र संघ चुनाव में कुल एक लाख 40 हजार मतदाता हैं, जो अपने मताधिकार का प्रयोग करके नए डूसू को चुनेंगे. इनके लिए 200 से ज्यादा बूथ और कुल 696 ईवीएम लगाई गई हैं. चुनाव की खास बात ये है कि इस 25 सितंबर तक प्रवेश लेने वाले छात्र भी डूसू चुनाव में वोट अपना डाल पाएंगे. आईडी कार्ड या फीस की रसीद दिखाकर वोट डाल सकेंगे. द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों को मतदान के लिए आईडी कार्ड दिखाना होगा.
डूसू के केंद्रीय पैनल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के चुनाव के लिए मतदान ईवीएम के जरिये हो रहा है. कॉलेजों के प्रतिनिधि चुनने के लिए बैलेट पेपर से मतदान किया जा रहा है. चुनाव में करीब 500 ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है. मतदान करने वाले छात्रों की सूची के हिसाब से करीब एक लाख से अधिक छात्र वोट डाल सकेंगे.
डूसू से संबद्ध सभी 47 कॉलेज और पांच विभागों में मतदान हो रहा है. 900 छात्रों पर एक ईवीएम की व्यवस्था की गई है. डूसू का चुनाव ईवीएम से और कॉलेज स्टूडेंट यूनियन का चुनाव मत पत्र से हो रहा है, जिसके लिए बैलेट बॉक्स की व्यवस्था की गई है. इस चुनाव में एक लाख 40 हजार मतदाता हैं, जिनके लिए अलग-अलग कॉलेजों में 200 से ज्यादा बूथ बनाए गए हैं. पिछले साल के चुनाव में एक लाख 26 हजार मतदाता थे. इस बार के चुनाव में कुल 696 ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा.
कॉलेज आईकार्ड के अलावा मान्य होंगे ये दस्तावेज: प्रोफेसर अजय अरोड़ा ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिले की प्रक्रिया अभी तक चली है, इसलिए सभी छात्र-छात्राओं के आईकार्ड नहीं बन पाए हैं. इसलिए उनके सत्यापन के लिए फीस की रसीद, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस से भी विद्यार्थियों की पहचान का सत्यापन किया जाएगा और उन्हें मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. कॉलेज के लिए छात्रों का सत्यापन करना बहुत आसान है, क्योंकि कॉलेज के पास सभी छात्रों की क्लास वाइज दाखिले की लिस्ट होती है. इसलिए हमें पता होता है कि कौन सा छात्र हमारा और कौन नहीं.
हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी: कॉलेज छात्रसंघ का चुनाव परिणाम मतदान वाले दिन ही घोषित कर दिया जाता था. जबकि ईवीएम की मतगणना अगले दिन होती थी. लेकिन गुरुवार दोपहर हाईकोर्ट द्वारा डूसू चुनाव में प्रत्याशियों के द्वारा दीवारों पर बेतहाशा पोस्टर लगाकर उन्हें विरूपित करने और सड़कों पर भारी मात्रा में पंपलेट फेंकने से गंदगी होने से नाराज होकर दीवारों और सड़क की सफाई होने तक मतगणना पर रोक लगा दी है. इसके बाद डूसू चुनाव समिति ने कॉलेजों को बैलट बॉक्स जमा करने का आदेश जारी किया है.
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