रामनगर (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को तीन स्निफर डॉग मिल गए हैं. मानसून सत्र में ये डॉग कॉर्बेट पार्क की सुरक्षा करेंगे. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के तीन स्निफर डॉग मिल गए हैं. आईटीबीपी, ट्रैफिक इंडिया, डब्लू डब्लू एफ और उत्तराखंड वन विभाग का यह संयोगात्मक प्रॉजेक्ट है.
बता दें कि यह स्निफर डॉग आसानी से संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर सकते हैं. कॉर्बेट पार्क की सबसे संवेदनशील बाउंड्री वाली सीमा पर इन डॉग से गश्त की जाएगी. इन डॉग्स को कॉर्बेट पार्क की स्पेशल ऑपरेशन टीम (SOG) के सुपुर्द किया गया है. इन डॉग्स को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के साथ ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व में रखा गया है. अब कॉर्बेट प्रशासन के पास 4 स्निफर डॉग्स हो गए हैं.
गौरतलब है कि यह तीनों स्निफर डॉग प्रशिक्षित हैं. इन तीनों डॉग्स और इनके हैंडलर्स को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की वन सुरक्षा इकाई में तैनाती दी गई है. इसमें बेल्जियन मैलिनोइस प्रजाति के लगभग एक वर्ष की उम्र के तीन स्निफर डॉग, बड़ी, ट्रॉस व जैकी हैं. यह डॉग्स सीटीआर के अंतर्गत वन एवं वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभाएंगे. यह डॉग सूंघकर पहचानने में कुशल हैं. जानकारी के अनुसार बताया है कि इनके हैंडलर्स को राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण/ प्राथमिक प्रशिक्षण केन्द्र, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल, भानू पंचकूला हरियाणा में छह माह का प्रशिक्षण दिया गया है. यह डाॅग वन्यजीवों के अंगों को सूंघकर पहचानने में कुशल हैं.
वहीं जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि कॉर्बेट प्रशासन को तीन स्निफर डॉग्स मिले हैं. जिनसे पार्क की अति संवेदनशील सघन बाउंड्रीज पर इन डॉग्स के सहयोग से गश्त की जाएगी. उन्होंने बताया कि यह स्निफर डॉग्स वन्यजीव आर्टिकल्स को सूंघकर पहचानने में सक्षम हैं. इनका प्रयोग कॉर्बेट पार्क की सघन बाउंड्रीज पर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गश्त में भी इनका प्रयोग किया जा सकता है, जो हमारे कॉर्बेट पार्क से लगते गांव हैं, उनमें भी इन डॉग्स का बहुत अच्छा प्रयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दो डॉग्स को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में रखा गया है और एक डॉग की तैनाती कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सघन बाउंड्रीज पर की गई है. उन्होंने कहा कि इससे वन सुरक्षा और ज्यादा सुदृढ़ हो पाएगी.
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