दार्जिलिंग: जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के 4 बहादुर सैनिक शहीद हो गए. देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों में पश्चिम बंगाल के कैप्टन बृजेश थापा भी शामिल हैं. दार्जिलिंग जिले में लेबोंग के रहने वाले थापा मात्र 27 साल की उम्र में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सेना के ऑपरेशन में शहीद हो गए. उनके निधन से पूरे दार्जिलिंग में मातम छा गया.
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, सोमवार रात को डोडा से चार घंटे की दूरी पर एक पहाड़ी जंगल में आतंकियों ने हमला कर दिया. सेना के जवानों ने भी आतंकियों के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी में थापा के साथ तीन अन्य सैनिक मौके पर ही शहीद हो गए. सेना के अधिकारियों ने थापा की शहादत की सूचना उनके परिवार को दे दी है.
विशेष विमान से सिलीगुड़ी लाया जाएगा पार्थिव शरीर
पारिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि थापा का पार्थिव शरीर 17 जुलाई यानी बुधवार को विशेष विमान से सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट लाया जाएगा. फिर बागडोगरा आर्मी कैंप में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी. वहां से उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से लेबोंग स्थित उनके पैतृक गांव लाया जाएगा.
मेरा बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ...
कैप्टन बृजेश थापा के पिता कर्नल भुवनेश थापा ने कहा कि बृजेश को बचपन से ही सेना से बहुत लगाव था. उसने खुद को उसी तरह तैयार किया. बेटे की शहादत पर दुख तो होता है, लेकिन कोई अफसोस नहीं है. मेरा बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया.
बताया गया है कि कर्नल भुवनेश थापा 2014 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. वे फिलहाल दार्जिलिंग के लेबोंग में एक्स सर्विसमैन हेल्थ सर्विस स्कीम में कार्यरत हैं. थापा के परिवार में पिता के अलावा मां नीलिमा थापा और बहन निकिता थापा हैं. निकिता थापा फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में संगीत की पढ़ाई कर रही हैं. भाई की शहादत की खबर मिलने के बाद वह भी भारत लौट आई हैं.
2019 में सेना में भर्ती हुए थे बृजेश थापा
बृजेश थापा का जन्म लेबोंग में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा दार्जिलिंग में हुई थी. हालांकि, पिता की सेना में विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग होने के कारण उन्होंने अपनी बाकी पढ़ाई राज्य से बाहर ही पूरी की थी. अंत में उन्होंने मुंबई से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की. मुंबई के एक कॉलेज से बीटेक करने के बाद उन्होंने कंबाइंड डिफेंस सर्विस (सीडीएस) की परीक्षा दी. 2018 में उन्होंने रक्षा सेवा की शॉर्ट सर्विस कमीशन परीक्षा पास की और 2019 में सेना में भर्ती हो गए.
ए-कंपनी कमांडर थे थापा
थापा शुरुआत में दो साल के लिए 10 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. उसके बाद उन्हें भारतीय सेना की स्पेशल विंग 145 आर्मी एयर डिफेंस के तहत जम्मू-कश्मीर के डोडा आर्मी कैंटोनमेंट में अतिरिक्त रेजिमेंटल ड्यूटी के लिए ट्रांसफर कर दिया गया. बृजेश थापा वहां ए-कंपनी कमांडर थे. डोडा से करीब चार घंटे की दूरी पर अपने सैनिकों के साथ अभियान पर जा रहे थे, तभी उन पर अचानक हमला हुआ. हमले में बृजेश की जान चली गई.
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