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डीएमके नेता ए राजा का विवादास्पद बयान, बोले- 'कह दो...हम सब राम के दुश्मन हैं' - भारत राष्ट्र नहीं ए राजा

DMK leader A Raja controversial statement : एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर दिए गए बयान को लेकर फटकार लगाई थी, लेकिन आज एक और डीएमके नेता ने फिर से विवादास्पद बयान दे डाला. इस बार पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने बयान दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

A Raja, DMK Leader
ए राजा, डीएमके नेता
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 5, 2024, 2:17 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 2:29 PM IST

नई दिल्ली : डीएमके नेता ए. राजा ने एक बार फिर से विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जिसको कहना है कह दो, हम सब राम के दुश्मन हैं.

ए. राजा का यह बयान उस समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को कड़ी फटकार लगाई है. स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया से की थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बयान देने से पहले स्टालिन को इसके असर के बारे में सोचना चाहिए था, क्योंकि वह आम आदमी नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्टालिन ने अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग किया.

स्टालिन के बाद अब ए. राजा ने हिंदू धर्म और भारत, दोनों पर अजीबो-गरीब बयान जारी किया है. राजा ने कहा कि अगर कोई यह कहे कि ये आपके ईश्वर हैं, तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई भारत माता की जय कहने के लिए कहे, तो हम इसे भी नहीं कहेंगे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने कहा कि अगर किसी को दिक्कत है, तो कह दो, हम सब राम के दुश्मन हैं, हमें न तो रामायण और न ही राम पर विश्वास है. उन्होंने हनुमान को 'बंदर' बताया. राजा ने 'जयश्री राम' के नारे को भी सही नहीं बताया.

डीएमके नेता ए राजा ने कहा कि तमिल एक राष्ट्र और एक देश है. इसी तरह से मलयालम एक राष्ट्र और एक देश है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से दूसरे राज्यों के बारे में कह सकते हैं, यानि उड़िया एक राष्ट्र, एक भाषा और एक देश है. और इन सबसे मिलकर हमारा भारत बना है, लिहाजा भारत को देश नहीं कह सकते हैं, बल्कि एक उप-महाद्वीप कहेंगे.

ए राजा ने कहा कि हरेक राज्य की अपनी संस्कृति है. कश्मीर की अलग संस्कृति है, ओडिशा की अलग संस्कृति है, इसी तरह से तमिलनाडु की अलग संस्कृति है. उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, कोई गोमांस खाता है, अब कोई इसका विरोध करता है तो गलत है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि इसे ही एकता में अनेकता कहते है, इसे सबको स्वीकार करना चाहिए.

डीएमके सांसद टीकेएस एलेंगोन ने भी ए राजा के बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे पर्सनल स्टेटमेंट बताया है.

भारतीय जनता पार्टी ने ए राजा के बयान की निंदा की है. पार्टी ने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी ए राजा के बयान का समर्थन करती है, इसे स्पष्ट करना चाहिए. भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि क्या डीएमके नेता इसी तरह का कोई बयान दूसरे धर्म पर दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें : सनातन धर्म की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन को SC से फटकार, 'परिणाम का एहसास होना चाहिए, मंत्री हैं आम आदमी नहीं...'

नई दिल्ली : डीएमके नेता ए. राजा ने एक बार फिर से विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्र नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि जिसको कहना है कह दो, हम सब राम के दुश्मन हैं.

ए. राजा का यह बयान उस समय आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को कड़ी फटकार लगाई है. स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया से की थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि बयान देने से पहले स्टालिन को इसके असर के बारे में सोचना चाहिए था, क्योंकि वह आम आदमी नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्टालिन ने अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग किया.

स्टालिन के बाद अब ए. राजा ने हिंदू धर्म और भारत, दोनों पर अजीबो-गरीब बयान जारी किया है. राजा ने कहा कि अगर कोई यह कहे कि ये आपके ईश्वर हैं, तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई भारत माता की जय कहने के लिए कहे, तो हम इसे भी नहीं कहेंगे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा ने कहा कि अगर किसी को दिक्कत है, तो कह दो, हम सब राम के दुश्मन हैं, हमें न तो रामायण और न ही राम पर विश्वास है. उन्होंने हनुमान को 'बंदर' बताया. राजा ने 'जयश्री राम' के नारे को भी सही नहीं बताया.

डीएमके नेता ए राजा ने कहा कि तमिल एक राष्ट्र और एक देश है. इसी तरह से मलयालम एक राष्ट्र और एक देश है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से दूसरे राज्यों के बारे में कह सकते हैं, यानि उड़िया एक राष्ट्र, एक भाषा और एक देश है. और इन सबसे मिलकर हमारा भारत बना है, लिहाजा भारत को देश नहीं कह सकते हैं, बल्कि एक उप-महाद्वीप कहेंगे.

ए राजा ने कहा कि हरेक राज्य की अपनी संस्कृति है. कश्मीर की अलग संस्कृति है, ओडिशा की अलग संस्कृति है, इसी तरह से तमिलनाडु की अलग संस्कृति है. उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, कोई गोमांस खाता है, अब कोई इसका विरोध करता है तो गलत है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि इसे ही एकता में अनेकता कहते है, इसे सबको स्वीकार करना चाहिए.

डीएमके सांसद टीकेएस एलेंगोन ने भी ए राजा के बयान पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.

राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे पर्सनल स्टेटमेंट बताया है.

भारतीय जनता पार्टी ने ए राजा के बयान की निंदा की है. पार्टी ने कहा कि क्या कांग्रेस पार्टी ए राजा के बयान का समर्थन करती है, इसे स्पष्ट करना चाहिए. भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि क्या डीएमके नेता इसी तरह का कोई बयान दूसरे धर्म पर दे सकते हैं.

ये भी पढ़ें : सनातन धर्म की टिप्पणी पर उदयनिधि स्टालिन को SC से फटकार, 'परिणाम का एहसास होना चाहिए, मंत्री हैं आम आदमी नहीं...'

Last Updated : Mar 5, 2024, 2:29 PM IST
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