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'देश के हर कोने में सिर उठाएंगे विवाद…’, ज्ञानवापी मस्जिद समिति की SC से वर्शिप एक्ट के खिलाफ याचिकाओं में हस्तक्षेप की मांग - GYANVAPI MOSQUE COMMITTEE

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंध समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि अगर पूजा स्थाल कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया तो इस तरह के विवाद देश के हर कोने में सिर उठाएंगे.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (IANS)
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By Sumit Saxena

Published : Dec 6, 2024, 2:54 PM IST

Updated : Dec 6, 2024, 5:39 PM IST

नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंध समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप की मांग की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि 1991 के कानून को असंवैधानिक घोषित करने के कठोर परिणाम होने सकते हैं.

आवेदन में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हालिया घटना का हवाला दिया गया है, जहां एक अदालत ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे की अनुमति उसी दिन दी गई थी, जिस दिन मुकदमा प्रस्तुत किया गया था, उस दिन सर्वे आयुक्त की नियुक्ति के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया गया था. इस घटना के कारण व्यापक हिंसा हुई और करीब छह नागरिकों की जान चली गई.

देशभर में उठेंगे विवाद
आवेदन में कहा गया है, "याचिकाकर्ता के मुताबिक अगर पूजा स्थाल कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया तो इस तरह के विवाद देश के हर कोने में सिर उठाएंगे और अंततः कानून के शासन और सांप्रदायिक सद्भाव को खत्म कर देंगे."

आवेदन में कहा गया है कि पिछले कुछ साल में विभिन्न मस्जिदों/दरगाहों के संबंध में कई दावे किए जा चुके हैं, जिनमें दावा किया गया है कि वे प्राचीन मंदिर हैं. समिति ने कहा कि मस्जिद को कई मुकदमों का विषय बनाया गया है .

समिति ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है, क्योंकि 1991 के कानून की गलत व्याख्या की जा रही है और मस्जिदों के खिलाफ मुकदमे दायर करके इसे कमजोर किया जा रहा है.

सर्वे के लिए अंतरिम निर्देश मांगे जा रहे
समिति ने यह भी कहा कि मुख्य मुद्दों की पहचान होने से पहले ही मस्जिदों के सर्वे के लिए अंतरिम निर्देश मांगे जा रहे हैं. समिति ने अधिनियम की वैधता का बचाव करने के लिए राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया है.

बता दें कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं, जिनमें कानून के कुछ प्रावधानों की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले मार्च 2021 में अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. उसके बाद अदालत ने कई संबंधित याचिकाओं और आवेदनों पर नोटिस जारी किए और सभी मामलों को टैग किया ताकि उन पर एक साथ सुनवाई की जा सके.

यह भी पढ़ें- लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित, उपराष्ट्रपति ने कहा- कल राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट से नोटों से भरा बैग मिला

नई दिल्ली: ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंध समिति ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में हस्तक्षेप की मांग की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि 1991 के कानून को असंवैधानिक घोषित करने के कठोर परिणाम होने सकते हैं.

आवेदन में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हालिया घटना का हवाला दिया गया है, जहां एक अदालत ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे की अनुमति उसी दिन दी गई थी, जिस दिन मुकदमा प्रस्तुत किया गया था, उस दिन सर्वे आयुक्त की नियुक्ति के लिए आवेदन स्वीकार कर लिया गया था. इस घटना के कारण व्यापक हिंसा हुई और करीब छह नागरिकों की जान चली गई.

देशभर में उठेंगे विवाद
आवेदन में कहा गया है, "याचिकाकर्ता के मुताबिक अगर पूजा स्थाल कानून को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया तो इस तरह के विवाद देश के हर कोने में सिर उठाएंगे और अंततः कानून के शासन और सांप्रदायिक सद्भाव को खत्म कर देंगे."

आवेदन में कहा गया है कि पिछले कुछ साल में विभिन्न मस्जिदों/दरगाहों के संबंध में कई दावे किए जा चुके हैं, जिनमें दावा किया गया है कि वे प्राचीन मंदिर हैं. समिति ने कहा कि मस्जिद को कई मुकदमों का विषय बनाया गया है .

समिति ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य है, क्योंकि 1991 के कानून की गलत व्याख्या की जा रही है और मस्जिदों के खिलाफ मुकदमे दायर करके इसे कमजोर किया जा रहा है.

सर्वे के लिए अंतरिम निर्देश मांगे जा रहे
समिति ने यह भी कहा कि मुख्य मुद्दों की पहचान होने से पहले ही मस्जिदों के सर्वे के लिए अंतरिम निर्देश मांगे जा रहे हैं. समिति ने अधिनियम की वैधता का बचाव करने के लिए राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा जताया है.

बता दें कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं, जिनमें कानून के कुछ प्रावधानों की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले मार्च 2021 में अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. उसके बाद अदालत ने कई संबंधित याचिकाओं और आवेदनों पर नोटिस जारी किए और सभी मामलों को टैग किया ताकि उन पर एक साथ सुनवाई की जा सके.

यह भी पढ़ें- लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित, उपराष्ट्रपति ने कहा- कल राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट से नोटों से भरा बैग मिला

Last Updated : Dec 6, 2024, 5:39 PM IST
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