देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा हर दिन नया रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है. 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा के 11वें दिन तक 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच चुके हैं. चारधाम यात्रा के लिए देश के कोने-कोने के साथ ही विदेश से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की संख्या केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दर्ज की जा रही है. उत्तराखंड पर्यटन विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार चारधाम यात्रा अपने सभी रिकॉर्ड तोड़ेगी.
केदारनाथ धाम: केदारनाथ धाम में बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. आज 20 मई सोमवार को केदारनाथ धाम में 37,480 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. जिसमें से 24,515 पुरुष, 12,359 महिलाएं और 606 बच्चे शामिल हैं. 10 मई से अभी तक 3,19,193 श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं.
बदरीनाथ धाम: बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु खोले गए. भगवान बदरी-विशाल के दर्शन के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ धाम पहुंच रही है. 20 मई सोमवार को 18,899 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. जिसमें पुरुष 10,474 महिला 7620 और बच्चे 805 हैं. अभी तक कुल 1,39,656 श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं.
गंगोत्री धाम: गंगोत्री धाम में आज 20 मई सोमवार को 13,269 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. जिसमें से 6977 पुरुष और 6093 महिलाएं और 199 बच्चे हैं. गंगोत्री में अभी तक 1,25,777 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं.
यमुनोत्री धाम: उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम में आज 20 मई सोमवार को 12,929 श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए. जिसमें से 6558 पुरुष, 6079 महिलाएं और 292 बच्चे भी शामिल हैं. 10 मई से अभी तक मां यमुना के दर्शन 1,38,537 श्रद्धालु कर चुके हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 20 मई सोमवार को 82,577 श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन किए. 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अभी तक 7,23,163 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं.
गंगोत्री-यमुनोत्री तीर्थयात्रियों के लिए एसओपी जारी: वहीं, पुलिस ने गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आने वाले यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष एसओपी जारी की है. एसपी अर्पण यदुवंशी की ओर से जारी एसओपी गाइडलाइन के अनुसार, यमुनोत्री धाम में जाने वाले यात्रियों को रात 8 बजे के बाद डामटा, नौगांव, बड़कोट, दोबाटा, खरादी और पालीगाड़ से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. वहीं गंगोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को रात 8 बजे के बाद नगुण, उत्तरकाशी मुख्यालय, हीना, भटवाड़ी और गंगनानी से आगे नहीं जाने दिया जाएगा.
एसओपी गाइडलाइन-
- यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर आवागमन सुबह 4 बजे से शुरू होगा.
- शाम 5 बजे बाद किसी को भी पैदल मार्ग पर नहीं भेजा जाएगा.
- इस अंतराल पर डंडी-कंडी व घोड़ा-खच्चर भी प्रतिबंधित रहेंगे.
- डंडी-कंडी व घोड़ा खच्चर के लिए रोटेशन की व्यवस्था लागू रहेगी.
- भीड़ बढ़ने पर घोड़ा-खच्चरों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा.
- गंगोत्री व यमिनोत्री दोनों ही धामों में रात 8.30 के बाद गंगा व यमुना आरती होने के बाद कोई भी अनावश्यक रूप से मंदिर परिसर में नहीं रह सकेगा.
- किसी भी पड़ाव पर यात्री वाहनों को दो घंटे से ज्यादा नहीं रोका जाएगा.
- हर दिन सुबह 5 बजे से यातायात व्यवस्था का आवागमन सुचारू रूप से होगा.
- लेकिन किसी आपातकालीन स्थिति में यात्री व श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के अनुसार आकस्मिक सेवा स्थल तक जाने दिया जाएगा.
- धाम जाने वाले श्रद्धालु रात 8 बजे बाद होटल बुकिंग तक जा सकेंगे. इसके लिए श्रद्धालुओं को बैरियरों पर तैनात पुलिसकर्मी को होटल बुकिंग के संबंध में जानकारी व आवश्यक प्रमाण उपलब्ध कराना जरूरी होगा.
- रात 11 बजे के बाद यात्रा पूरी तरह बंद रहेगी.
- लागू रहेगा गेट सिस्टम: यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ से जानकीचट्टी के बीच 25 किलोमीटर के संकरे हिस्से में जाम से निपटने के लिए गेट सिस्टम लागू होगा. यहां बड़े वाहनों को रोककर एक तय समय बाद रवाना किया जाएगा. इस दौरान छोटे वाहनों को भेजा जाता रहेगा.
- वहीं, गंगोत्री नेशनल हाईवे पर सुक्की से झाला 7 किमी तक, गंगनानी से डबरानी 5 किमी और हर्षिल से झाला 14 किलोमीटर तक वनवे रूट प्रभावी रहेगा.
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