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संवैधानिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं, उत्तर-दक्षिण विभाजन पैदा नहीं कर रहे: येचुरी - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

Sitaram Yechury hit back at PM Modi :सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने विपक्ष पर उत्तर-दक्षिण विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाने के लिए गुरुवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया और कहा कि दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों का केरल सरकार के नेताओं द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल होना दर्शाता है कि ऐसा कोई विभाजन नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

Sitaram Yechury hit back at PM Mod
सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर किया पलटवार
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By PTI

Published : Feb 8, 2024, 7:50 PM IST

नयी दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने की कोशिश करने का विपक्ष पर लगाये गए आरोपों को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार किया. सीताराम येचुरी ने कहा कि यहां केरल सरकार द्वारा आयोजित प्रदर्शन में दिल्ली एवं पंजाब के मुख्यमंत्रियों का शामिल होना दर्शाता है कि ऐसा कोई विभाजन नहीं है.

'संघवाद को बचाने' के लिए आयोजित वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के प्रदर्शन में, येचुरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रिक गणराज्य के चरित्र को 'फासीवादी, कट्टर असहिष्णु हिंदुत्व राष्ट्र' में तब्दील करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए.

येचुरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा है कि विपक्ष देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने की कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री को भारत का भूगोल समझने की जरूरत है. केजरीवाल, मान दक्षिण से नहीं हैं, फारूक कश्मीर से हैं, दक्षिण से नहीं. शायद वह (मोदी) भारत का भूगोल नहीं जानते. यह उत्तर-दक्षिण लड़ाई नहीं है, यह संविधान द्वारा दिये गए अधिकारों के बारे में है.' उन्होंने कहा कि देश का संविधान कहता है कि भारत राज्यों का संघ है. राज्यों के बगैर, संघ नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, आपके पास अब केवल एक संघ रहने जा रहा है, राज्य नहीं. केंद्र चाहता है कि राज्य अपने बकाये को मांगने के लिए उसके पास भिक्षा पात्र के साथ आएं.

येचुरी ने कहा, 'यह स्वीकार्य नहीं है. यह क्यों हो रहा है? यह केवल तानाशाही प्रवृत्ति के चलते नहीं हो रहा. बेशक, वे एक केंद्रीकृत सत्ता चाहते हैं, लेकिन व्यापक मुद्दा यह है कि वे हमारे धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य को फासीवादी, कट्टर असहिष्णु हिंदुत्व राष्ट्र में तब्दील करना चाहते हैं.' वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने भाजपा पर देश को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष देश को उत्तर और दक्षिण में बांट रहा है. यह आप ही हैं, जो लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांट रहे हैं. अब, आप देश को उत्तर-दक्षिण में बांट रहे हैं.

बता दें, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में, राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने वित्तीय मामलों में दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित उपेक्षा के खिलाफ बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया. द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और पलानीवेल त्यागराजन तथा कांग्रेस के पूर्व नेता एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार से देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने वाला विमर्श ना गढ़ने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह देश के भविष्य को खतरे में डालता है.

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नयी दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने की कोशिश करने का विपक्ष पर लगाये गए आरोपों को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार किया. सीताराम येचुरी ने कहा कि यहां केरल सरकार द्वारा आयोजित प्रदर्शन में दिल्ली एवं पंजाब के मुख्यमंत्रियों का शामिल होना दर्शाता है कि ऐसा कोई विभाजन नहीं है.

'संघवाद को बचाने' के लिए आयोजित वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के प्रदर्शन में, येचुरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर भारत के धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रिक गणराज्य के चरित्र को 'फासीवादी, कट्टर असहिष्णु हिंदुत्व राष्ट्र' में तब्दील करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. प्रदर्शन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला शामिल हुए.

येचुरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा है कि विपक्ष देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने की कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री को भारत का भूगोल समझने की जरूरत है. केजरीवाल, मान दक्षिण से नहीं हैं, फारूक कश्मीर से हैं, दक्षिण से नहीं. शायद वह (मोदी) भारत का भूगोल नहीं जानते. यह उत्तर-दक्षिण लड़ाई नहीं है, यह संविधान द्वारा दिये गए अधिकारों के बारे में है.' उन्होंने कहा कि देश का संविधान कहता है कि भारत राज्यों का संघ है. राज्यों के बगैर, संघ नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, आपके पास अब केवल एक संघ रहने जा रहा है, राज्य नहीं. केंद्र चाहता है कि राज्य अपने बकाये को मांगने के लिए उसके पास भिक्षा पात्र के साथ आएं.

येचुरी ने कहा, 'यह स्वीकार्य नहीं है. यह क्यों हो रहा है? यह केवल तानाशाही प्रवृत्ति के चलते नहीं हो रहा. बेशक, वे एक केंद्रीकृत सत्ता चाहते हैं, लेकिन व्यापक मुद्दा यह है कि वे हमारे धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य को फासीवादी, कट्टर असहिष्णु हिंदुत्व राष्ट्र में तब्दील करना चाहते हैं.' वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने भाजपा पर देश को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष देश को उत्तर और दक्षिण में बांट रहा है. यह आप ही हैं, जो लोगों को धर्म और जाति के नाम पर बांट रहे हैं. अब, आप देश को उत्तर-दक्षिण में बांट रहे हैं.

बता दें, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में, राज्य में सत्तारूढ़ एलडीएफ ने वित्तीय मामलों में दक्षिणी राज्य के प्रति केंद्र की कथित उपेक्षा के खिलाफ बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया. द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और पलानीवेल त्यागराजन तथा कांग्रेस के पूर्व नेता एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार से देश को उत्तर-दक्षिण में बांटने वाला विमर्श ना गढ़ने का आग्रह करते हुए कहा था कि यह देश के भविष्य को खतरे में डालता है.

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