चेन्नई: दक्षिण भारत में जनसंख्या बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. इसी वजह आगामी परिसीमन है, जो जनसंख्या के आधार पर किया जाता है. इसके जरिये लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का नए सिरे से निर्धारण किया जाता है. उत्तर भारत की तुलना में दक्षिणी राज्यों की आबादी घटी है. ऐसे में जनसंख्या बढ़ाने को लेकर नेताओं के अजीबोगरीब बयान सामने आ रहे हैं.
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी जनसंख्या बढ़ाने के समर्थन में बयान दिया है. डीएमके प्रमुख स्टालिन ने कहा कि अगर कम जनसंख्या के कारण लोकसभा क्षेत्रों की संख्या कम हो जाएगी तो नवविवाहितों से 16-16 बच्चे पैदा करने की इच्छा क्यों न की जाए.
मुख्यमंत्री स्टालिन ने यह बयान चेन्नई के तिरुवनमियुर में मरुंधीश्वर मंदिर विवाह हॉल में दिया, जहां 31 जोड़ों का एक साथ विवाह समारोह आयोजित किया और सीएम ने इसका नेतृत्व किया. हिंदू धार्मिक दान विभाग के मंदिरों की ओर से विवाह समारोह आयोजित किया गया.
समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, "अतीत में, जब नवविवाहितों को बधाई दी जाती थी, तो उन्हें 16 प्रकार की संपत्ति मिलने की कामना की जाती थी और उन्हें समृद्ध जीवन जीने की कामना की जाती थी, जो गाय, पत्नी, लोग, शिक्षा आदि जैसे 16 धन का प्रतिनिधित्व करती है."
स्टालिन ने कहा, "जब आज, कम जनसंख्या वृद्धि के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र कम हो रहे हैं, तो हमें कम बच्चे पैदा करने तक सीमित क्यों रहना चाहिए? हमें 16 बच्चे पैदा करने का लक्ष्य क्यों नहीं रखना चाहिए?" उन्होंने कि यह सोचने की बात आ गई है कि हर जोड़े के 16 बच्चे हो सकते हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि माता-पिता को अपने बच्चों का तमिल नाम रखना चाहिए.
सीएम स्टालिन ने इससे पहले आरोप लगाया था कि परिसीमन के बहाने तमिलनाडु में लोकसभा सीटों को कम करने की साजिश चल रही है.
चंद्रबाबू नायडू का जनसंख्या बढ़ाने के समर्थन में बयान
हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी दक्षिणी राज्यों के जोड़ों से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की थी. उनका कहना था कि दक्षिण भारत में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत 2.1 से कम होकर 1.6 रह गई है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जनसंख्या बढ़ाने के लिए लोगों को बड़ा परिवार बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नया कानून लाने पर विचार कर रही है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वे आंध्र प्रदेश में स्थानीय चुनावों में सिर्फ दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाला कानून लाएंगे.
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