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अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने से हाईकोर्ट का इंकार, कहा- यह एक राजनैतिक मामला - delhi high court rejects petition

दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि न्यायिक द्वारा हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है. अगर कोई संवैधानिक विफलता है तो उपराज्यपाल देंखें. कोर्ट में याचिकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने केजरीवाल द्वारा जेल से सरकार चलाए जाने पर चिंता व्यक्त की थी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 28, 2024, 2:00 PM IST

Updated : Mar 28, 2024, 2:14 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये कोर्ट का काम नहीं है ये कार्यपालिका का काम है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई कानून बताइए जिसमें मुख्यमंत्री के पद से हटाने का प्रावधान हो.

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई संवैधानिक विफलता है तो राष्ट्रपति या उप-राज्यपाल फैसला करेंगे. इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाईश नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हमने आज ही अखबारों में पढ़ा है कि उप-राज्यपाल इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं. उसके बाद ये राष्ट्रपति के पास जाएगा. हर काम के लिए अलग अगल विंग है.

कोर्ट ने कहा कि हम ये समझते हैं कि कुछ व्यावहारिक परेशानियां हैं. हम इस पर आदेश क्यों जारी करें. हम राष्ट्रपति या उप-राज्यपाल को निर्देश नहीं दे सकते हैं. कार्यपालिका राष्टपति शासन लगाती है. ये हमें बताने की जरुरत नहीं है. हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. हम राजनीति में नहीं जा सकते. राजनीतिक दल इसे देखें. वे जनता के बीच जा सकते हैं, हम नहीं. उसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल को लेकर कोर्ट के लिए निकली ED, केजरीवाल कोर्ट में करेंगे बड़ा खुलासा !

याचिका सुरजीत सिंह यादव ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं. उन्हें सार्वजनिक पद पर नहीं रखा जाना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल गोपनीयता की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री बने हैं. अगर वे जेल से शासन चलाते हैं और अगर कोई फाइल उनके पास जाती है तो वो कई जेल अधिकारियों से होकर गुजरेगी जो उनकी गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन होगा.

याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल ने संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन किया है और उन्हें खुद ही इस्तीफा देना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल का पद पर बने रहना न केवल कानून के शासन में बाधा होगी, बल्कि ये दिल्ली में पूरे तरीके से संवैधानिक मशीनरी का खत्म होने जैसा होगा. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वे लोकसेवक के रुप में अपनी जिम्मेदारी का वहन नहीं कर सकते हैं और इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. बता दें कि दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. आज ही केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी भी है.

ये भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं, ईडी को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ये कोर्ट का काम नहीं है ये कार्यपालिका का काम है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई कानून बताइए जिसमें मुख्यमंत्री के पद से हटाने का प्रावधान हो.

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई संवैधानिक विफलता है तो राष्ट्रपति या उप-राज्यपाल फैसला करेंगे. इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाईश नहीं है. कोर्ट ने कहा कि हमने आज ही अखबारों में पढ़ा है कि उप-राज्यपाल इस मामले की पड़ताल कर रहे हैं. उसके बाद ये राष्ट्रपति के पास जाएगा. हर काम के लिए अलग अगल विंग है.

कोर्ट ने कहा कि हम ये समझते हैं कि कुछ व्यावहारिक परेशानियां हैं. हम इस पर आदेश क्यों जारी करें. हम राष्ट्रपति या उप-राज्यपाल को निर्देश नहीं दे सकते हैं. कार्यपालिका राष्टपति शासन लगाती है. ये हमें बताने की जरुरत नहीं है. हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. हम राजनीति में नहीं जा सकते. राजनीतिक दल इसे देखें. वे जनता के बीच जा सकते हैं, हम नहीं. उसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

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याचिका सुरजीत सिंह यादव ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि अरविंद केजरीवाल आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं. उन्हें सार्वजनिक पद पर नहीं रखा जाना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल गोपनीयता की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री बने हैं. अगर वे जेल से शासन चलाते हैं और अगर कोई फाइल उनके पास जाती है तो वो कई जेल अधिकारियों से होकर गुजरेगी जो उनकी गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन होगा.

याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल ने संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन किया है और उन्हें खुद ही इस्तीफा देना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि केजरीवाल का पद पर बने रहना न केवल कानून के शासन में बाधा होगी, बल्कि ये दिल्ली में पूरे तरीके से संवैधानिक मशीनरी का खत्म होने जैसा होगा. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद वे लोकसेवक के रुप में अपनी जिम्मेदारी का वहन नहीं कर सकते हैं और इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. बता दें कि दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में ईडी ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. आज ही केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी भी है.

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Last Updated : Mar 28, 2024, 2:14 PM IST
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