नई दिल्ली : भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के. कविता ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में पूछताछ के लिए उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 41-ए के तहत जारी नोटिस वापस लेने को कहा है. कविता को सोमवार को यहां सीबीआई मुख्यालय में जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी ने सीबीआई को लिखे एक पत्र में कहा कि संसदीय चुनाव के दौरान राज्य में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता के साथ-साथ उनकी व्यस्तताओं के मद्देनजर जांच एजेंसी के मुख्यालय में उन्हें पेश होने को कहने वाले नोटिस को स्थगित रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह एजेंसी से नोटिस को रद्द करने या वापस लेने का अनुरोध करती हैं, क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि यह सीआरपीसी की धारा 41ए का उपयोग करके भेजा गया है, जबकि उन्हें सीआरपीसी की धारा 160 के तहत भेजे गए पहले नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है.
सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत उस व्यक्ति को नोटिस जारी किया जाता है, जिसके खिलाफ उचित संदेह हो कि उसने संज्ञेय अपराध किया है. सीआरपीसी की धारा 160 गवाह को बुलाने से संबंधित है. कविता ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत भेजा गया नोटिस पूर्व में सीआरपीसी की धारा 160 के तहत भेजे गए नोटिस के बिल्कुल विपरीत है. उन्हें दो दिसंबर 2022 को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया था, जिसका पालन किया गया था.
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई तर्क या पृष्ठभूमि नहीं है कि एजेंसी ने कैसे, क्यों और किन परिस्थितियों में सीआरपीसी की धारा 41ए को लागू किया है. सीबीआई ने इससे पहले दिसंबर 2022 में हैदराबाद में उनके आवास पर उनका बयान दर्ज किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि मामले के एक आरोपी विजय नायर ने आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से (सरथ रेड्डी, कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित) साउथ ग्रुप कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.
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