नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले के आरोपी अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने अमित कात्याल को 31 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है.
ईडी के मामले में कोर्ट ने 18 सितंबर 2024 को पहली पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत सात आरोपियों को समन जारी किया था. ईडी के मामले में 7 मार्च 2024 को कोर्ट ने राबड़ी देवी, मीसा भारती, हीमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दी थी.
ईडी के मामले में हाईकोर्ट आरोपी अमित कात्याल को जमानत दे चुका है. इस मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई से जुड़े मामले में कोर्ट ने 4 अक्टूबर 2023 को तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी. कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 3 जुलाई 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.
कोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को इन तीनों आरोपियों समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 7 अक्टूबर 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था.
ये है पूरा मामला:
ईडी के मुताबिक, कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राईवेट लिमिटेड नामक कंपनी का डायरेक्टर था. इस कंपनी के जरिए कात्याल ने रेलवे के ग्रुप डी के विभिन्न अभ्यर्थियों से काफी कम रेट में जमीन लिए. ईडी के मुताबिक, इन भूखंडों को बाद में लालू यादव के परिवार के सदस्यों के नाम कर दिए गए. लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे.
लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था.
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