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CM केजरीवाल को जेल में इंसुलिन मिलेगी या नहीं?, फैसला 22 अप्रैल को - Arvind kejriwal insulin petition - ARVIND KEJRIWAL INSULIN PETITION

Arvind kejriwal insulin petition: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर जेल में इंसुलिन लेने की मांग की. इस मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

केजरीवाल ने जेल में की इंसुलिन की मांग
केजरीवाल ने जेल में की इंसुलिन की मांग
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 19, 2024, 12:41 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 4:34 PM IST

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उन्होंने जेल में इंसुलिन देने की मांग की है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 22 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिया कि वो केजरीवाल के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर सकती है. सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को शुगर की बीमारी है. इसके लिए उन्हें इंसुलिन की जरूरत होती है. सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने केजरीवाल के शुगर लेवल का चार्ट दिखाया.

सिंघवी ने कहा कि आज तक हमने किसी को आम खाने की शिकायत करते नहीं सुना. केजरीवाल को 48 बार घर का खाना दिया गया जिसमें तीन बार आम भेजा गया है. जेल प्रशासन और ईडी की मिलीभगत से केजरीवाल का मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ईडी किस तरह राजनीति पर उतर आई है कि वो ये सब सवाल खड़ी कर रही है.

सिंघवी ने कहा कि जेल अधीक्षक केजरीवाल के स्वास्थ्य की नियमित जांच कराएं. जेल में कैदी होने का ये मतलब नहीं है कि स्वास्थ्य का कोई अधिकार नहीं है. क्या केजरीवाल गैंगस्टर हैं या हार्डकोर अपराधी हैं कि उन्हें 15 मिनट अपने डॉक्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सलाह नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि 75 साल के लोकतंत्र में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई.

वहीं, सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि हमारे कल की दलील के अनुसार केजरीवाल के खाने की सामग्री डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई खाने से मेल नहीं खाता है. सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने केजरीवाल के डायट को लेकर कोर्ट में रिपोर्ट जमा कराई.जेल प्रशासन ने कहा कि केजरीवाल को घर से बना खाना देने में कोई शर्त नहीं थी. वह फल या कुछ भी खा सकते हैं.

जेल प्रशासन ने कहा वह डायट फॉलो नहीं कर रहे हैं. एम्स के मुताबिक उन्हें आम से परहेज करना चाहिए था. जेल मैनुअल के अनुसार घर का बना खाना कैदी को नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि केजरीवाल की सेहत पर नजर नहीं रखी जा रही है. ऐसा नहीं है कि जब उनको कोई परेशानी हो रही है. जो भी सुविधाएं उनको चाहिए वह उपलब्ध कराई गई है. तब कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि जब 1 अप्रैल को घर से बना खाने की इजाजत दी गई थी तो उस समय आपको जो डायट चार्ट दिया गया था, आपको उसको फॉलो करना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: जेल में क्या-क्या खा रहे केजरीवाल..., जानिए- ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक का जायका, जिस पर बढ़ा है विवाद

बता दें कि 15 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया था. 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने देर शाम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उन्होंने जेल में इंसुलिन देने की मांग की है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 22 अप्रैल को फैसला सुनाने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने संकेत दिया कि वो केजरीवाल के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन कर सकती है. सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को शुगर की बीमारी है. इसके लिए उन्हें इंसुलिन की जरूरत होती है. सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने केजरीवाल के शुगर लेवल का चार्ट दिखाया.

सिंघवी ने कहा कि आज तक हमने किसी को आम खाने की शिकायत करते नहीं सुना. केजरीवाल को 48 बार घर का खाना दिया गया जिसमें तीन बार आम भेजा गया है. जेल प्रशासन और ईडी की मिलीभगत से केजरीवाल का मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ईडी किस तरह राजनीति पर उतर आई है कि वो ये सब सवाल खड़ी कर रही है.

सिंघवी ने कहा कि जेल अधीक्षक केजरीवाल के स्वास्थ्य की नियमित जांच कराएं. जेल में कैदी होने का ये मतलब नहीं है कि स्वास्थ्य का कोई अधिकार नहीं है. क्या केजरीवाल गैंगस्टर हैं या हार्डकोर अपराधी हैं कि उन्हें 15 मिनट अपने डॉक्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सलाह नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि 75 साल के लोकतंत्र में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई.

वहीं, सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि हमारे कल की दलील के अनुसार केजरीवाल के खाने की सामग्री डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई खाने से मेल नहीं खाता है. सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने केजरीवाल के डायट को लेकर कोर्ट में रिपोर्ट जमा कराई.जेल प्रशासन ने कहा कि केजरीवाल को घर से बना खाना देने में कोई शर्त नहीं थी. वह फल या कुछ भी खा सकते हैं.

जेल प्रशासन ने कहा वह डायट फॉलो नहीं कर रहे हैं. एम्स के मुताबिक उन्हें आम से परहेज करना चाहिए था. जेल मैनुअल के अनुसार घर का बना खाना कैदी को नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि केजरीवाल की सेहत पर नजर नहीं रखी जा रही है. ऐसा नहीं है कि जब उनको कोई परेशानी हो रही है. जो भी सुविधाएं उनको चाहिए वह उपलब्ध कराई गई है. तब कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि जब 1 अप्रैल को घर से बना खाने की इजाजत दी गई थी तो उस समय आपको जो डायट चार्ट दिया गया था, आपको उसको फॉलो करना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: जेल में क्या-क्या खा रहे केजरीवाल..., जानिए- ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक का जायका, जिस पर बढ़ा है विवाद

बता दें कि 15 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया था. 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने देर शाम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.

Last Updated : Apr 19, 2024, 4:34 PM IST
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